Move to Jagran APP

सैनिटाइजर से स्टार्टअप करने वालों को मिल रहा सीमैप का साथ

लखनऊ में कोरोना से जंग लड़ने के लिए कई कंपनियां स्टार्टअप शुरू करने जा रही है इसके लिए सीमैप भी लोगों की मदद कर रहा है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2020 01:08 PM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2020 06:48 PM (IST)
सैनिटाइजर से स्टार्टअप करने वालों को मिल रहा सीमैप का साथ
सैनिटाइजर से स्टार्टअप करने वालों को मिल रहा सीमैप का साथ

लखनऊ [रूमा सिन्हा]। कोरोना से दो-दो हाथ कर रहे लोगों के लिए सैनिटाइजर, डिसइंफेक्टेंट मजबूत हथियार साबित हो रहे हैं। इसे देखते हुए कई स्टार्टअप करने वालों ने भी अपना रुझान इन उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग में दिखाया है। केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) ने ऐसे लोगों की मदद करने के लिए अपने प्रोडक्ट की टेक्नोलॉजी को मामूली दरों पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। मकसद यह है कि चौतरफा मंदी की मार ङोल रहे स्टार्टअप को मदद करके उन्हें खड़ा किया जा सके।

loksabha election banner

सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि सीएसआइआर की कोशिश है कि वह संकट के इस समय में लोगों की मदद करे। इस उद्देश्य से सीमैप ने अपने तीन पेटेंटेड प्रोडक्ट हैंड कूल (हैंड सैनिटाइजर), फ्लो माप (फ्लोर क्लीनिंग के लिए काम आता है) व सिम पोषण (च्यवनप्राश) की टेक्नोलॉजी को बेहद रियायती कीमतों पर स्वरोजगार के इच्छुक लोगों को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। डॉ. त्रिवेदी बताते हैं कि इस समय सैनिटाइजर की जबरदस्त मांग है। इसके चलते स्टार्टअप करने वाले भी इसमें बहुत रुचि दिखा रहे हैं। हर रोज कम से कम पांच-छह स्टार्टअप कर रहे लोग इन प्रोडक्ट की टेक्नोलॉजी के लिए आवेदन करते हैं।

महानिदेशक सीएसआइआर डॉ. शेखर मांडे ने भी यह निर्देश दिए हैं कि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण साबित होने वाले स्टार्टअप की मदद की जाए। इसके तहत सीमैप ने अपने तीन प्रोडक्ट की टेक्नोलॉजी को सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम के इच्छुक स्टार्टअप को उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि संस्थान स्टार्टअप को प्रोडक्ट बनाने की भी सुविधा देने को तैयार है। डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि यदि कोई स्टार्टअप शुरू में अधिक लागत लगाने के लिए समर्थ नहीं है तो प्रोडक्शन के लिए सीमैप की इंक्यूबेशन सेल भी उसको मदद कर सकती है। सीमैप के इस फैसले का सीधा लाभ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के जरिए स्वरोजगार से जुड़ने वाले लोगों को मिलेगा और वह आर्थिक मंदी के संकटकाल में मजबूती से खड़े हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि इच्छुक व्यक्ति इन तीनों उत्पादों की प्रौद्योगिकी के लिए संस्थान से संपर्क कर सकते हैं। तीनों ही उत्पाद पूरी तरीके से हर्बल हैं, जिनका किसी भी तरीके का साइड इफेक्ट नहीं होता है। इन्हें वनस्पतियों और एसेंशियल आयल की मदद से तैयार किया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.