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Chitrakoot Jail Gangwar: महज दो महीने में शार्प शूटर अंशू ने रायबरेली जेल अनुशासन की उड़ा दी थीं धज्जियां

Chitrakoot Jail Gangwar शार्प शूटर अंशू दीक्षित लखनऊ जेल से 30 सितंबर 2018 को रायबरेली जेल लाया गया था। आइजी एसटीएफ से जान का खतरा बता वायरल किया था वीडियो जेल अधीक्षक समेत छह कर्मियों पर गिरी थी गाज।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 06:30 AM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 04:52 PM (IST)
Chitrakoot Jail Gangwar: महज दो महीने में शार्प शूटर अंशू ने रायबरेली जेल अनुशासन की उड़ा दी थीं धज्जियां
Chitrakoot Jail Gangwar: शार्प शूटर अंशू दीक्षित लखनऊ जेल से 30 सितंबर 2018 को रायबरेली जेल लाया गया था।

रायबरेली, जेएनएन। Chitrakoot Jail Gangwar: चित्रकूट जेल में मुठभेड़ में मारा गया शार्प शूटर अंशू दीक्षित उर्फ सुमित रायबरेली कारागार में भी दो माह रहा। इतने दिनों में ही उसने अपने साथियों के साथ मिलकर जेल के भीतर अनुशासन की धज्जियां उड़ा दी थीं। मजबूरन उसे दूसरी जेल भेजा गया था। 

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शार्प शूटर अंशू दीक्षित लखनऊ जेल से 30 सितंबर 2018 को रायबरेली जेल लाया गया। यहां उसने शातिर बदमाश दलश्रृंगार सिंह और सोहराब के साथ मिलकर करीब छह वीडियो बनाए। इन्हीं वीडियो के बल पर वह जेल के अफसरों को ब्लैकमेल करने लगा। बात जब सिर के ऊपर से गुजरी तो उसे व उसके साथियों को 20 नवंबर 2018 को ही प्रतापगढ़ जेल शिफ्ट कर दिया गया। अंशू ने चालाकी दिखाई 25 और 26 नवंबर को छह वीडियो वायरल किए। इनमें से एक वीडियो में उसने खुद की जान का खतरा बताया। 

आरोप लगाया कि आइजी एसटीएफ और रायबरेली जेल प्रशासन उसकी जान लेना चाहता है। एक वीडियो में वह अपने पांच-छह साथियों के साथ जेल के भीतर शराब पार्टी करता दिखा, जिसमें बुलेट, सिगरेट व अन्य आपत्तिजनक चीजें दिखाई गई। जेल के भीतर से ही वह और उसके साथी किसी गुप्ता नाम के आदमी को फोन पर धमका रहे थे। इसी तरह के छह वीडियो वायरल होने पर तत्कालीन जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार शुक्ल, डिप्टी जेलर समेत छह अफसरों व कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था। 

चित्रकूट जेल में पुलिस मुठभेड़ में अंशू दीक्षित की मौत की सूचना जब रायबरेली पहुंची तो यहां भी उसकी करतूतों की दास्तां फिर से चर्चा में आ गई। डिप्टी जेलर अनिल विश्वकर्मा ने बताया कि अंशू करीब दो माह जेल में रहा है, उस वक्त मेरी तैनाती यहां नहीं थी। वाकया करीब ढाई साल पहले का है। इस घटना के बाद ही उनकी पोस्टिंग रायबरेली जेल में हुई। अंशू करीब दो माह यहां की जेल में रहा।


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