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ऑनलाइन क्लासेज को अब बच्‍चों ने भी दी हरी झंडी, पढ़ाई में सुधार के लिए द‍िए ये टिप्स

70 बच्चों के सर्वे में 90 फीसद ने कहा क‍ि कोरोना काल में पढ़ाई का सबसे अच्छा विकल्प। कोरोना काल में वाट्सएप ग्रुप टीवी चैनल के माध्यम से संचालित हो रहीं कक्षाएं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 08:25 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 06:56 AM (IST)
ऑनलाइन क्लासेज को अब बच्‍चों ने भी दी हरी झंडी, पढ़ाई में सुधार के लिए द‍िए ये टिप्स
ऑनलाइन क्लासेज को अब बच्‍चों ने भी दी हरी झंडी, पढ़ाई में सुधार के लिए द‍िए ये टिप्स

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना काल के दौरान चल रही ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था का विद्यार्थियों में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सर्वे कराया। सर्वे में राजधानी में यूपी बोर्ड, सीबीएसइ और आइसीएसइ से संचालित निजी विद्यालयों के कक्षा नौ से 12 तक के करीब 70 हजार छात्र-छात्राओं ने पहले फेस में प्रतिभाग किया। इनमें से 90 फीसद बच्चों ने ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था को हरी झंडी दे दी। यह जानकारी डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने दी।

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81 फीसद विद्यार्थी टीवी पर ले रहें कक्षाएं, इसमें से अधिकतर सरकारी विद्यालयों के : राजधानी में यूपी बोर्ड से संचालित विद्यालयों में कक्षा नौ से 12 तक करीब दो लाख छात्र-छात्राएं हैं। वहीं, आइसीएसइ और सीबीएसइ से संचालित विद्यालयों में कक्षा नौ से 12 तक विद्यार्थियों की संख्या करीब एक लाख है। सर्वे के मुताबिक यूपी बोर्ड के 81 फीसद विद्यार्थी टीवी के माध्यम से संचालित कक्षाओं से पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें सबसे अधिक यूपी बोर्ड से संचालित राजकीय, एडेड और कुछ निजी विद्यालयों के विद्यार्थी हैं। जबिक, सर्वे में जो 70 हजार विद्यार्थी शामिल हुए हैं। वह अधिकतर निजी विद्यालयों के है। इनमें से 81.4 फीसद के पास एंंड्रायड मोबाइल है। 5.7 के पास लैपटाप अथवा टैबलेट है। शेष के पास एंड्रायड मोबाइल और लैपटाप की व्यवस्था है। इसमें से अधिकतर विद्यार्थी निजी माध्यमिक विद्यालयों के हैं। जिनके पास संसाधन हैं। 

बच्चों ने दी शिक्षण व्यवस्था सुधार की टिप्स

  • ऑनलाइन कक्षाएं स्मार्ट क्लास की तरह होनी चाहिए। शिक्षकों को नार्मल बोर्ड के स्थान पर स्मार्ट बोर्ड का प्रयोग करना चाहिए।
  • ऑनलाइन ग्रुप पर शिक्षक जो पीडीएफ फाइल डालते हैं वह खुलती नहीं है।
  • नेटर्वक की समस्या को दूर कराया जाए। क्लासेज के समय नेटवर्क की दिकक्त रहती है।
  • भौतिक विज्ञान और गणित के कांसेप्ट स्लाइड द्वारा प्रदर्शित किए जाए।
  • सप्ताहिक टेस्ट लिया जाए।
  • सरकार वाईफाई व्यवस्था फ्री करे।
  • बच्चों को इंग्लिश के साथ हिंदी में भी समझाया जाए।
  • वीडियो कांफ्रेंसिंग की जानी चाहिए, जिससे सप्ताह में एक बार फेस टू फेस बात हो सके।
  • कक्षाओं में कोरोना महामारी का एक टॉपिक होना चाहिए।
  • क्लासेज का समय 11 से दोपहर एक बजे तक रखा जाए।

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