Move to Jagran APP

यूपी लौटे प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को स्कूलों में मिलेगा दाखिला, किसी भी पहचान पत्र पर होगा प्रवेश

लॉकडाउन में अपने गृह प्रदेश लौटने को मजबूर हुए प्रवासी श्रमिकों के 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए केंद्र ने राज्यों को स्कूलों में दिलाने का निर्देश दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 09:57 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 09:59 PM (IST)
यूपी लौटे प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को स्कूलों में मिलेगा दाखिला, किसी भी पहचान पत्र पर होगा प्रवेश
यूपी लौटे प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को स्कूलों में मिलेगा दाखिला, किसी भी पहचान पत्र पर होगा प्रवेश

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना महामारी और लॉकडाउन से प्रभावित होकर दूसरे राज्यों से उत्तर प्रदेश लौटे प्रवासी श्रमिकों के छह से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को परिषदीय विद्यालयों में दाखिला दिया जाएगा। इन बच्चों को उनके अभिभावकों से मिली जानकारी के अनुसार विद्यालय में उपयुक्त कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। ऐसे बच्चों को दाखिला देने के लिए उनसे स्थानांतरण प्रमाणपत्र या अन्य किसी अभिलेख की मांग नहीं की जाएगी। कोई भी पहचान पत्र दिखाने पर उन्हें प्रवेश दिया जाएगा।

loksabha election banner

लॉकडाउन के कारण अपने गृह प्रदेश वापस लौटने को मजबूर हुए प्रवासी श्रमिकों के 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को उन्हें स्कूलों में दाखिला दिलाने का निर्देश दिया है। केंद्र की ओर से इस बारे में जारी गाइडलाइंस को अमली जामा पहनाने के लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ.सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है।

केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव की ओर से जारी गाइडलाइंस के अनुसार प्रत्येक विद्यालय को बाहर से आने वाले प्रवासी बच्चों तथा बाहर जाने वाले बच्चों की सूचना तय प्रारूप पर तैयार करनी होगी। जो बच्चे स्कूल छोड़कर बाहर चले गए हैं, उनका नाम नामांकन रजिस्टर से नहीं काटा जाएगा, क्योंकि उनकी वापसी कभी भी हो सकती है। उन्हें नामांकन रजिस्टर में अलग से अस्थाई रूप से प्रवासी के तौर पर दिखाया जा सकेगा। साथ ही उन्हें मिड डे मील, पाठ्यपुस्तकों, यूनिफॉर्म आदि की सुविधा देने के लिए कक्षावार उनकी संख्या बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय को भेजने के लिए कहा गया है।

गाइडलाइंस के अनुसार बच्चों की शिक्षा को सुचारु तरीके से जारी रखने के लिए उन्हें रेमेडियल लर्निंग की सुविधा देने को भी कहा गया है, ताकि बच्चे स्कूल के माहौल में अपने को ढाल सकें। स्कूल में प्रवेश पाने वाले ऐसे बच्चों को अन्य बच्चों के साथ मिड डे मील उपलब्ध कराया जाएगा। उन्हें पुस्तकालय/बुक बैंक से किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी और सहपाठियों के साथ सीखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी बीएसए को इस बारे में तय प्रारूप पर सूचना 27 जुलाई तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.