डाइपर से छूट रही बच्चों में टॉयलेट ट्रेनिंग, बड़े होने पर भी बिस्तर पर कर रहे टॉयलेट Lucknow News
केजीएमयू के बाल रोग विभाग का 62वां स्थापना दिवस। बोले विशेषज्ञ बड़े होने पर भी बच्चे कर रहे बिस्तर पर टॉयलेट।
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में बाल रोग विभाग का 62वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान ब'चों में ब्लैडर डिसऑर्डर पर व्याख्यान हुआ। विशेषज्ञों के मुताबिक ब'चे बड़े होने पर भी बिस्तर पर टॉयलेट कर रहे हैं। इसकी एक वजह डाइपर भी है।
विभाग की डॉ. शालिनी त्रिपाठी के मुताबिक अभिभावक ब'चों को हर वक्त डाइपर पहनाए रखते हैं। इससे वह खुद बेफिक्र हो जाते हैं और कपड़ों की बार-बार साफ-सफाई से छुटकारा पा जाते हैं। इस बीच ब'चों को टॉयलेट करने की दी जाने वाली सीख छूट रही है। ब'चे को कहां और कब टॉयलेट करनी है, इसकी समझ विकसित ही नहीं हो पा रही है। सेल्फ कंट्रोलिंग पॉवर भी कम हो रही है। इसका कारण टॉयलेट की सीख न मिल पाना है। ऐसे में वह चार वर्ष के बाद भी बिस्तर पर टॉयलेट कर रहे हैं। वहीं, ऊधमपुर की डॉ. माधुरी ने ब'चों में यूरेनरी ब्लैडर डिसऑर्डर के लिए स्ट्रेस और कब्ज भी कारक बताए।
न्यू बॉर्न रिसोर्स सेंटर बनेगा
बाल रोग विभाग को एनएचएच न्यू बॉर्न रिसोर्स सेंटर बनाएगा। इसके लिए सहमति बन चुकी है। इसमें जिला चिकित्सालयों के बाल रोग विशेषज्ञों को एनआइसीयू में इलाज का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अभी तक डफरिन और बीएचयू ही सेंटर थे।
26 हुईं एमडी की सीटें
विभागाध्यक्ष डॉ. शैली अवस्थी के मुताबिक 30 बेड और तीन फैकल्टी से विभाग शुरू हुआ था। अब 315 बेड और 10 फैकल्टी हैं। वहीं, इस बार डिप्लोमा सीट समाप्त कर दी गई हैं। ऐसे में 26 एमडी की सीटें हो गई हैं। इस दौरान प्ले एरिया का भी उद्घाटन किया गया।