उत्तर प्रदेश के बाल और संरक्षण गृहों में क्षमता से अधिक रहने वाले बालक-बालिकाएं होंगे शिफ्ट
उत्तर प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री स्वाती सिंह ने कहा कि कानपुर के राजकीय बाल गृह (बालिका) के संबंध में आ रही खबरें तथ्यहीन एवं भ्रामक हैं।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के बाल व संरक्षण गृहों में क्षमता से अधिक रह रहे बालक व बालिकाएं शीघ्र ही दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किए जाएंगे। इसके लिए निदेशक महिला कल्याण ने सभी जिला प्रोबेशन अधिकारियों से अपने-अपने जिलाधिकारियों से संपर्क कर वैकल्पिक भवन चिन्हित कर वहां शिफ्ट करने के लिए कहा है। वहीं, गौतमबुद्धनगर में 100 बालिकाओं की क्षमता वाला राजकीय बाल गृह (बालिका) शीघ्र शुरू होगा।
उत्तर प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री स्वाती सिंह ने मंगलवार को विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कानपुर के राजकीय बाल गृह (बालिका) के संबंध में आ रही खबरें तथ्यहीन एवं भ्रामक हैं। उन्होंने सभी गृहों में कोरोना से बचाव के लिए सभी प्रकार की सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने सभी अफसरों को संस्थाओं का नियमित निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए हैं। लापरवाही मिलने पर संबंधित लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। निदेशक महिला कल्याण मनोज कुमार राय ने बताया कि प्रदेश में 67 संस्थाओं द्वारा संचालित गृहों की कुल क्षमता 3675 है। इसके सापेक्ष 3969 संवासी रह रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के 17 राजकीय बाल गृह (बालिका) एवं राजकीय महिला शरणालयों में पॉक्सो अधिनियम से संबंधित अपराधों से पीडि़त 257 किशोरियां व महिलाएं रह रही हैं। इसमें 20 किशोरियां संस्था में प्रवेश के समय से ही गर्भवती हैं। इन्हें विशेष पोषक आहार व चिकित्सा सुविधाएं दी जा रही हैं।