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कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन नहीं एनपीएस ज्यादा लाभकारी, मुख्‍य सच‍िव ने समझाया पूरा गण‍ित

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने बताया क‍ि र‍िटायरमेंट के बाद म‍िलने वाली धनराशि एनपीएस के अंतर्गत काफी ज्यादा है और इस धनराशि को अन्य बचत योजनाओं में निवेश कर और लाभ लिया जा सकता है। एनपीएस के अंतर्गत ग्रेच्युटी अवकाश नकदीकरण व सामूहिक बीमा योजना अनुमन्य हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 12:47 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 07:40 AM (IST)
कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन नहीं एनपीएस ज्यादा लाभकारी, मुख्‍य सच‍िव ने समझाया पूरा गण‍ित
वित्त व कार्मिक विभाग के साथ की पेंशन मुद्दे पर अहम बैठक।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उप्र विधान सभा चुनाव में पुरानी पेंशन का मुद्दा गर्माने और कर्मचारी संगठनों द्वारा उठाए जा रहे सवालों के बाद अब शासन इसे लेकर गंभीर हो गया है। शुक्रवार को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में वित्त व कार्मिक विभाग के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर बैठक हुई। इसमें पुरानी पेंशन योजना की तुलना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से की गई। समीक्षा के बाद अधिकारियों ने एनपीएस को ही ज्यादा फायदेमंद बताया। यही नहीं दोनों का तुलनात्मक चार्ट भी तैयार किया गया है और अब इसे कर्मचारी संगठनों को भेजा जा रहा है।

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तुलनात्मक चार्ट में समझाया गया है कि समूह ग के कर्मी को पुरानी पेंशन के रूप में 18120 रुपये और एनपीएस में 20450 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। वहीं समूह घ के कर्मी को पुरानी पेंशन 17250 रुपये महीना और एनपीएस में 19569 रुपये प्रति माह मिलेगी। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के मुताबिक सेवानिवृत्त के उपरांत प्राप्त होने वाली धनराशि एनपीएस के अंतर्गत काफी ज्यादा है और इस धनराशि को अन्य बचत योजनाओं में निवेश कर और लाभ लिया जा सकता है। एनपीएस के अंतर्गत ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण व सामूहिक बीमा योजना पूर्व की भांति ही अनुमन्य हैं। अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु सेवाकाल में होती है तो मृतक के आश्रित को पुरानी पेंशन योजना में अनुमन्य पारिवारिक पेंशन या फिर एनपीएस में से किसी एक का चुनाव कर सकते हैं।

एनपीएस से आच्छादित कर्मचारियों के मृतक आश्रित को नौकरी देने का प्रावधान है। एनपीएस के अंतर्गत पेंशन निधियों में निवेश पर वर्तमान में करीब 9.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि हो रही है, वहीं जीपीएफ में करीब 7.1 प्रतिशत ही है। एनपीएस में भी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति व कैशलेस इलाज की सुविधा है। फिलहाल पेंशन पर शासन ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।

समूह ग के कर्मियों की दोनों पेंशन स्कीम की तुलना : एक जनवरी वर्ष 2006 को नियुक्त समूह ग के कर्मचारी की अगर उस समय 28 वर्ष आयु है तो वह 31 दिसंबर वर्ष 2037 में रिटायर होगा। नियुक्ति के समय वेतनमान 5200-20000 रुपये व ग्रेड पे दो हजार रुपये है। इसकी पुरानी पेंशन योजना के तहत कुल पेंशन 30200 रुपये बनेंगी। गे्रच्युटी 1106226 रुपये, राशिकरण (40 प्रतिशत) 12080 रुपये, राशिकृत मूल्य 1187802 रुपये, राशिकरण के उपरांत मासिक पेंशन 18120 रुपये और नकद भुगतान 2294028 रुपये होगा। दूसरी ओर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में कुल पेंशन 20430 रुपये, ग्रेच्युटी 1106226, नकद भुगतान 6134934, नकद भुगतान (ग्रेच्युटी राशिकृत मूल्य) 72411160 रुपये। मासिक पेंशन 20450 रुपये।

क्या कहते हैं कर्मचारी संगठन : राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी कहते हैं कि पुरानी पेंशन योजना में पेंशन के लिए कोई कटौती नहीं होती। पेंशन अलग से मिलती है। एनपीएस में 10 प्रतिशत कर्मचारियों से लिया जाता है। फिर शेयर मार्केट में एक डिफाल्टर कंपनी में भी पैसा लगाया गया है। कई बार सरकार द्वारा 14 प्रतिशत हिस्सा नहीं दिया जाता। आडिट रिपोर्ट में इसका खुलासा हो चुका है। अटेवा पेंशन बचाओ मंच के अध्यक्ष विजय कुमार बंधु कहते हैं कि अगर एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है और असुरक्षित है।


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