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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बोले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी में बाढ़ के मोर्चे पर डटी है सरकार

उत्तर प्रदेश के तमाम जिले बाढ़ की चपेट में हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सारे हालात की जानकारी दे दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 09:21 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 09:21 PM (IST)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बोले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी में बाढ़ के मोर्चे पर डटी है सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बोले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी में बाढ़ के मोर्चे पर डटी है सरकार

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के तमाम जिले बाढ़ की चपेट में हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सारे हालात की जानकारी दे दी है। साथ ही उन्होंने बता दिया है कि बाढ़ के मोर्चे पर सरकार पूरी तरह से डटी हुई है। हर गांव में पीड़ितों तक राहत-बचाव पहुंचाने के लिए पर्याप्त टीमें लगाई हुई हैं। सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश में सामान्य से कम वर्षा के बावजूद पूर्वांचल के 15 जिलों में बाढ़ का प्रभाव है। नेपाल और उत्तराखंड में सामान्य से लगभग 20 फीसद अधिक वर्षा हुई है, जिससे चार नदियां घाघरा, राप्ती, शारदा और गंडक खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। 

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प्रधानमंत्री ने सोमवार को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बाढ़ के हालात और राहत-बचाव कार्यों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को हरसंभव सहयोग दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि राज्य के 40 जिले बाढ़ के प्रति संवेदनशील हैं, जिनमें प्रत्येक वर्ष लगभग 16 लाख हेक्टेयर भूमि और 70 लाख आबादी प्रभावित होती है। बाढ़ की दृष्टि से आठ मुख्य नदियां (घाघरा, राप्ती, गंडक, गंगा, यमुना, गोमती, सोन और रामगंगा) हैं। चार सहायक नदियां (बेतवा, केन, रोहिन, बूढ़ी गंडक) भी महत्वपूर्ण हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश में एक जून से आठ अगस्त तक 400.5 मिली मीटर वर्षा हुई है, जो सामान्य से 10.4 फीसद कम है। प्रदेश में सामान्य से कम वर्षा के बावजूद पूर्वांचल के 15 जिलों में बाढ़ का प्रभाव है। नेपाल और उत्तराखंड में सामान्य से लगभग 20 फीसद अधिक वर्षा हुई है, जिससे चार नदियां घाघरा, राप्ती, शारदा और गंडक खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 20 जिले अंबेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, गोंडा, गोखरपुर, खीरी, कुशीनगर, महराजगंज, मऊ, पीलीभीत, प्रतापगढ़, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर और सीतापुर प्रभावित हैं। नदियों में अत्यधिक जलप्रवाह के कारण आजमगढ़, मऊ और गोंडा में तीन तटबंध क्षतिग्रस्त हुए, जिनकी मरम्मत कर ली गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से पीएम मोदी को बताया गया कि बाढ़ से बचाव के काम में एनडीआरएफ की 15, एसडीआरएफ की नौ टीमें और पीएसी की 17 कंपनियां तैनात हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण के सहयोग से एक जुलाई को प्रदेश के 75 जिलों में बाढ़ की तैयारी के लिए मॉकड्रिल की गई। सीएम योगी ने अब तक की गई व्यवस्था, पीड़ितों को आर्थिक मदद, राशन, राहत सामग्री वितरण आदि का ब्योरा भी कॉन्फ्रेंसिंग में रखा। इस दौरान जलशक्ति राज्य मंत्री बलदेव औलख, अपर मुख्य सचिव सिंचाई टी. वेंकटेश, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।


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