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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- थारू और वनटांगिया जनजाति के गांव बनेंगे 'राजस्व ग्राम'

उत्तर प्रदेश के देवीपाटन मंडल से पिछड़ेपन का दंश मिटाने की प्रतिबद्धता जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समन्वित विकास की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 10:54 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 06:02 AM (IST)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- थारू और वनटांगिया जनजाति के गांव बनेंगे 'राजस्व ग्राम'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- थारू और वनटांगिया जनजाति के गांव बनेंगे 'राजस्व ग्राम'

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के देवीपाटन मंडल से पिछड़ेपन का दंश मिटाने की प्रतिबद्धता जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समन्वित विकास की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। मंडल के विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि मंडल के बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर जिलों में विकास की असीम संभावनाएं हैं। साथ ही सीएम योगी ने थारू और वनटांगिया जनजाति के गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिए जाने का अहम निर्देश भी दिया है।

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लगातार अलग-अलग मंडलों की समीक्षा बैठक कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को देवीपाटन मंडल के जिले बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती और बहराइच की स्थिति परखी। अपने सरकारी आवास पर आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम योगी ने कहा कि बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर जैसे आकांक्षात्मक जिलों में विकास की बहुत संभावनाएं हैं। बौद्ध सर्किट का अहम हिस्सा होने के कारण इनका आध्यात्मिक महत्व भी है। इन जिलों में अच्छा काम हो रहा है। इन पर फोकस करते हुए समन्वित विकास की कार्ययोजना बनाई जाए। मंडल में कोरोना की स्थिति नियंत्रित होने पर संतोष जताते हुए उन्होंने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने की जरूरत बताई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जरूरतमंदों को रोजी-रोजगार मिले, इसके लिए जिलास्तरीय बैंकर्स कमेटी के साथ नियमित बैठक करें। मंडल में वनटांगिया और थारू जनजाति बहुतायत में है। इन्हें शासन की सभी योजनाओं का लाभ मिले। इनके गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिया जाए। योगी ने कहा कि पूर्वांचल के इस क्षेत्र की भूमि बेहद उर्वर है। भरपूर पानी और मानव संसाधन भी मौजूद है। इस नाते यहां खेतीबाड़ी के क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं। कुछ किसान यहां बहुत बेहतर कर रहे हैं। उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। प्राकृतिक जलस्रोतों तालाब, कुंओं और पोखरों में पानी का संरक्षण करें। वहीं, बहराइच में केला उत्पादन का रकबा बहुत बड़ा है। यहां एक फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की संभावना तलाशी जाए। हर ब्लॉक में एफपीओ का गठन करें। गोदामों के लिए प्रस्ताव तैयार करें।

विकास का पैसा जनता की गाढ़ी कमाई का : मंडलायुक्त एसवीएस रंगाराव ने मंडल में जारी 50 करोड़ रुपये से ऊपर की विकास परियोजनाओं की प्रगति बताई। मंडल के सभी जिलाधिकारियों ने भी अपने जिले में चल रही 10 से 50 करोड़ रुपये तक की विकास परियोजनाओं के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने सांसद, विधायक और मंत्रियों से फीडबैक लिया। उनकी मांगों को सुनकर कहा कि वह स्थानीय प्रशासन के जरिए अपने प्रस्ताव बनवाकर शासन के संबंधित विभाग को भेजें। उसकी प्रति मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेज दें। हर प्रस्ताव पर समय से काम होगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि विकास का पैसा जनता की गाढ़ी कमाई का है। इसकी पाई-पाई का सदुपयोग होना चाहिए। बैठक में संबंधित जिलों के प्रभारी मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और मुकुट बिहारी वर्मा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री के निर्देश

  • बहराइच में महाराज सुहेलदेव मेडिकल कॉलेज, गोंडा के राजकीय मेडिकल कालेज, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, वनटांगिया विद्यालय और अटल आवासीय विद्यालय महत्वपूर्ण योजनाएं हैं। इस संबंध में कतई देर न की जाए।
  • बलरामपुर में केजीएमयू के सेटेलाइट सेंटर अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय और गोंडा के विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निर्माण की प्रगति संतोषजनक नहीं। कमिश्नर समीक्षा करें।
  • श्रावस्ती में निर्माणाधीन जिला जेल के बजट में कोई बदलाव नहीं होगा। पुनरीक्षित बजट भेजने की आदत छोड़ें।

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