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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- खुशबू व स्वाद में बेमिसाल काला नमक धान को बनाएंगे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ओडीओपी में अनेक कृषि उत्पादों को शामिल किया गया है। किसान हितों के मद्देनजर मंडियों को आधुनिक बनाया जा रहा है। इनमें से 24 में कोल्ड स्टोरेज और राइपेनिंग चेंबर भी होंगे। अमरोहा व वाराणसी में मैंगो पैक हाऊस का निर्माण हो रहा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 02:30 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 06:32 AM (IST)
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- खुशबू व स्वाद में बेमिसाल काला नमक धान को बनाएंगे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काला नमक धान को बासमती की तरह अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के रूप में ख्याति दिलाएंगे।

लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खुशबू और स्वाद में बेमिसाल, पौष्टिकता से भरपूर काला नमक धान को बासमती की तरह अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के रूप में ख्याति दिलाई जाएगी। इसके लिए वाराणसी स्थित अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्रों के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार की गई है।

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शुक्रवार को सीआइआइ कृषि और खाद्य तकनीक समारोह-2020 तथा भारत अंतरराष्ट्रीय कृषि सप्ताह का वर्चुअल तकनीक से शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भगवान बुद्ध के समय से ख्यातिलब्ध काला नमक धान यूं तो ओडीओपी योजना के तहत सिद्धार्थनगर जिले के विशिष्ट उत्पाद के तौर पर चिन्हित है, लेकिन इसे पूर्वांचल के 11 जिलों के लिए जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआइ) प्राप्त है। ब्रांड बनने से इसका निर्यात भी बढ़ेगा और किसानों की आमदनी भी। वाराणसी में सब्जियों के निर्यात की बहुत संभावना है। इस दिशा में ठोस कार्ययोजना तैयार करने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ओडीओपी में अनेक कृषि उत्पादों को शामिल किया गया है। किसानों के हितों के मद्देनजर मंडियों को आधुनिक बनाया जा रहा है। इनमें से 24 में कोल्ड स्टोरेज और राइपेनिंग चेंबर भी होंगे। अमरोहा व वाराणसी में मैंगो पैक हाऊस का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत मिले पैकेज से पंचायत स्तर पर गोदामों का निर्माण होगा। प्रदेश में सर्वाधिक 92 फीसदी किसान लघु सीमांत हैं। सरकार का इन पर विशेष ध्यान है। ब्लॉक स्तर पर गठित होने वाले कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ) किसानों को खाद्य प्रसंस्करण लगाने वाले उद्यमियों से जोड़ेंगे ताकि उन्हें अपनी उपज का वाजिब दाम मिल सके।

कार्यक्रम की शुरुआत में सीआइआइ उत्तरी क्षेत्र के चेयरमैन निखिल साहनी ने उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र की असीम संभावनाओं को उत्साहवर्धक बताया। सीआइआइ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने 2021 तक 50 हजार किसानों के साथ मिलकर कार्य करने का भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि हम कुछ ग्रामीण मॉडल हाट भी तैयार करेंगे। उद्यमियों को कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित करेंगे। सीआइआइ कृषि खाद्य तकनीक समारोह-2020 के अध्यक्ष अजय श्रीराम ने चीनी मिलों को खाद्य प्रसंस्करण के केंद्र के रूप में विकसित करने पर बल दिया।


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