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UP Mission Shakti: सीएम योगी ने 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क का किया शुभारंभ, कहा- तिल का ताड़ बनाने वाले खुद कठघरे में

UP Mission Shakti मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रदेश के 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क का शुभारंभ किया। इन थानों में महिलाओं से संबंधित समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई की व्यवस्था होगी। तय समय सीमा के भीतर फाइनल रिपोर्ट भी लगेगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 10:49 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 07:19 PM (IST)
UP Mission Shakti: सीएम योगी ने 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क का किया शुभारंभ, कहा- तिल का ताड़ बनाने वाले खुद कठघरे में
सीएम योगी ने शुक्रवार को प्रदेश के 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क का शुभारंभ किया।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में महिला और बालिकाओं की सुरक्षा और सम्मान को समर्पित 180 दिन का महत्वपूर्ण अभियान 'मिशन शक्ति' की शुरुआत करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार इसकी मनीटरिंग भी कर रहे हैं। इसी क्रम में सीएम योगी ने शुक्रवार को प्रदेश के 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क का शुभारंभ किया। इन थानों में महिलाओं से संबंधित समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई की व्यवस्था होगी। तय समय सीमा के भीतर फाइनल रिपोर्ट भी लगेगी। महिला और बालिकाओं की समस्या के निदान व सुरक्षा के संबंध में अलग से महिला कांस्टेबल और कक्ष की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हेल्प डेस्क पर तैनात महिला पुलिसकर्मियों से संवाद भी संवाद किया।

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हाथरस कांड के बाद महिला अपराध के मुद्दे पर विपक्ष के हमलों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को तगड़ा पलटवार किया। मिशन शक्ति के तहत महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराधों में बेहतर कार्रवाई का हवाला देते हुए योगी ने कहा कि हफ्ते भर के अभियान में बहुत कुछ बदला है। कहा कि बीते दिनों कुछ घटनाओं को लेकर तिल का ताड़ बनाने वाले अब खुद कठघरे में हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना से 'मिशन शक्ति' अभियान को नई ऊर्जा मिली है। 'मिशन शक्ति' अभियान के शुरू हुए एक सप्ताह हो गए हैं। इन सात दिनों में समाज में व्यापक परिवर्तन देखने को मिला है। सीएम योगी ने सरकार सभी बेटियों सुरक्षा और सम्मान प्रदान करेगी। इसके लिए जो भी कदम उठाने पड़ेंगे वह उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभियान से जुड़े सभी विभागों की गतिविधियों व भावी कार्ययोजना की समीक्षा मुख्य सचिव तथा मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर से की जाए। कहा कि इस कार्यक्रम को व्यापक संदर्भों में लें। यह महिलाओं के प्रति लोगों की सोच और संस्कार बदलने वाला अभियान है। ऐसा तभी संभव होगा, जब अधिक से अधिक लोग इस अभियान से जुड़ेंगे। किसी भी अभियान से जब शासनव प्रशासन के साथ समाज भी जुड़ता है, तो उसके नतीजे बेहतर होते हैं।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर मिशन शक्ति को विस्तार भी दिया। कहा कि हर थाने में एक सीक्रेट रूम भी बनवाया जाए तथा महिला हेल्प डेस्क के पूरी तरह से पारदर्शी कक्ष सभी बुनियादी सुविधाओं से लैस हों। जिनमें पीडि़त महिलाएं बिना किसी संकोच के महिला पुलिस अधिकारियों व कर्मियों से अपनी बात कह सकें। कहा कि महिला हेल्प डेस्क पर 1090, 181, 112,1076,1098 व 102 नंबर भी दर्ज किए जाएं। ताकि कोई महिला जरूरत पर मदद के लिए इन नंबरों पर काल कर सके।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन नंबरों के साथ उनका दुरुपयोग करने वालों के लिए चेतावनी भी जरूर लिखी जाए। मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास से महिला हेल्प डेस्क का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने मिशन शक्ति के कार्यक्रम को स्कूलों, कालेजों व अन्य संस्थाओं तक प्रसारित करने के निर्देश दिए। कहा कि सुबह की प्रार्थना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान भी लोगों को महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराधों के प्रति जागरूक किया जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ एक प्रशिक्षित महिला कर्मचारी की नियुक्ति सुनिश्चित की जाए। वास्तविक पीड़ित को त्वरित न्याय मिले यह हमारी कोशिश होनी चाहिए। हमें इस अभियान को जनसहभागिता के माध्यम से सफल बनाना होगा, क्योंकि इसके बिना इसकी सफलता नहीं हो सकती है।

मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये महिला पुलिसकर्मियों, महिलाओं व जन प्रतिनिधियों से सीधे संवाद भी किया। गौतमबुद्धनगर, लखनऊ, वाराणसी, मेरठ व आगरा में बनी महिला हेल्प डेस्क में मौजूद कुछ महिलाओं व जनप्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें इस पहल को और आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। कहा कि बहू बेटियों की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए सरकार शुरू से ही प्रतिबद्ध है। सरकार के इन कदमों से महिलाओं में सुरक्षा और आत्मविश्वास का भाव आया है।

इससे पूर्व डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि उनका पूरा प्रयास है कि 'मित्र पुलिस' की अवधारणा को साकार किया जाए। उत्तर प्रदेश को सुरक्षित प्रदेश बनाने में पुलिस कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। डीजीपी ने इस मौके पर मुख्यमंत्री को अभियान की अब तक की प्रगति की पूरी जानकारी भी दी। कार्यक्रम का संचालन अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। 

विश्वविद्यालय व कॉलेजों की 10 लाख छात्राओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग : विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों में पढ़ने वाली करीब 10 लाख छात्राओं को मिशन शक्ति के तहत मार्शल आर्ट की ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है। वहीं शिक्षण संस्थानों द्वारा मनोवैज्ञानिक परामर्श कार्यक्रम भी ऑनलाइन आयोजित किए जा रहे हैं और छात्राओं के आत्मबल को मजबूत बनाने पर पूरा जोर दिया जा रहा है। शिक्षण संस्थानों द्वारा अभिभावकों को शपथ दिलाई जा रही है कि वह पुत्र और पुत्री में भेदभाव नहीं करेंगे। संस्थानों में एनएसएस, एनसीसी व शारीरिक शिक्षा विभाग की मदद से यह कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

महिला अपराध में 13 और आरोपितों को उम्रकैद : मिशन शक्ति के तहत बीते 24 घंटों में अभियोजन विभाग ने महिलाओं व बच्चों के साथ हुए जघन्य अपराध के मामलों में 13 और आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा दिलाने में सफलता हासिल की है। अभियोजन निदेशालय ने अब तक 68 आरोपितों को आजीवन कारावास, 88 आरोपितों को 10 वर्ष व अन्य वृहद कारावास तथा जुर्माने की सजा दिलाई है। इसी तरह चार आरोपितों को साधारण कारावास की सजा सुनाई गई है, जबकि 53 शोहदों को भी दंडित कराया गया है। 485 आरोपितों की जमानत खारिज कराने के साथ 172 अपराधियों को जिला बदर कराया गया है। इसके अलावा मिशन शक्ति के तहत 1090 पर 20 अक्टूबर को आईं 901 शिकायतों पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि 17 से 21 अक्टूबर के मध्य 112 पर महिलाओं से जुड़ी 3915 शिकायतों पर कार्रवाई की गई है। इनमें 3394 शिकायतें घरेलू हिंसा व 521 शिकायतें छेड़खानी की हैं।


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