मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया बाढ़ से बचाव कार्य का निरीक्षण, सुस्त कार्य पर जताई नाराजगी
बाराबंकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंद्रह दिन में तटबंध मरम्मत व स्पर निर्माण के लिए एक हजार श्रमिक लगाने के दिए निर्देश।
लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के साथ बाराबंकी के बांसगांव स्थित एल्गिन चरसड़ी तटबंध पर बाढ़ से राहत कार्य की तैयारी का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सुस्त गति से कार्य होने पर कड़ी नाराजगी जताई। मुख्यमंत्री ने पंद्रह दिन में काम पूरा करने के लिए एक हजार श्रमिकों को प्रतिदिन काम पर लगाने का निर्देश दिया।
वहीं, एल्गिन चरसड़ी तटबंध का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री बलरामपुर पहुंचे। जहां किसानों को पांच-पांच पौधे लगाने के लिए प्रेरित करने व बाढ़ से बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं का जायजा मुख्यमंत्री ने लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से तुलसीपुर स्थित शक्तिपीठ देवी पाटन मंदिर पहुंचे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार दोपहर 1:48 बजे बांसगांव में हेलीपैड पर उतरे। जहां से एक किमी. दूरी पर 28 करोड़ की लागत से बाढ़ खंड गोंडा द्वारा तटबंध की मरम्मत व स्पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कार्य स्थल पर जाकर उसमें तेजी लाने के निर्देश दिए। इस दौरान दरियाबाद विधायक सतीश चंद्र शर्मा, कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह, करनैलगंज विधायक कुंवर अजय प्रताप सिंह, डीएम बाराबंकी डॉ. आदर्श सिंह, सीडीओ मेघा रूपम, नगर पंचायत टिकैतनगर के चेयरमैन जगदीश प्रसाद गुप्ता आदि मौजूद रहे।
पांच-पांच पौधे लगाएं किसान
बाराबंकी में निरीक्षण के बाद बलरामपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पांच जुलाई को पौधारोपण अभियान शुरू किया जा रहा है। जिसमें प्रत्येक किसान पांच-पांच पौधे रोपित करेगा। इसके लिए अधिकारी, किसानों को प्रेरित करें। बाढ़ से बचाव की तैयारियां युद्ध स्तर पर पूरी कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए सतर्कता व जागरूकता जरूरी है। उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश व गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाने के निर्देश दिए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने संयुक्त जिला चिकित्सालय पहुंच कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि मरीजों को दूसरे जिलों को रेफर न किया जाए। कोविड एल-टू हॉस्पिटल को तैयार कर लिया जाए। निरीक्षण के बाद वह सड़क मार्ग से तुलसीपुर स्थित शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर पहुंचे।