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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के 56 जिलों में दी 851 करोड़ की सड़क परियोजनाओं की सौगात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत यूपी के 56 जिलों में 204 करोड़ रुपये की लागत से 2095 किलोमीटर लंबे 748 मार्गों और पंचायती राज विभाग के माध्यम से 647 करोड़ की लागत से बनने वाली 2000 किलोमीटर लंबी 1825 सड़कों का लोकार्पण व शिलान्यास किया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 12:50 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 01:25 PM (IST)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के 56 जिलों में दी 851 करोड़ की सड़क परियोजनाओं की सौगात
सीएम योगी ने कहा कि गांवों की अर्थव्यवस्था का आधार सड़कों के निर्माण के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया है।

लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के 56 जिलों में 204 करोड़ रुपये की लागत से 2095 किलोमीटर लंबे 748 मार्गों और पंचायती राज विभाग के माध्यम से 647 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 2000 किलोमीटर लंबी 1825 सड़कों का लोकार्पण व शिलान्यास किया। लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि गांवों की अर्थव्यवस्था का आधार ग्रामीण सड़कों के निर्माण के बड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया है। पंचायती राज विभाग सड़कों के नव निर्माण की बड़ी प्रक्रिया को आगे बड़ा रहा है। 

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जितना धन ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के विकास कार्यों के लिए उपलब्ध कराया है, यदि उस धन का सही उपयोग पंचायती रात की ये संस्थाएं करने लगे तो विकास और रोजगार की व्यापक संभावनाएं उपलब्ध हो जाएंगे। हर गांव में बेहतर कनेक्टिविटी दी जा सकती है। इससे गांवों में कूड़ा प्रबंधन का बेहतर काम हो सकता है। इन कार्यों से वहां रोजगार का भी दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत सिर्फ सरकार के धन पर ही निर्भर न रहें, वे स्वयं की आय कैसे बढ़ा सकते हैं इसके बारे में करें। पंचायतें यदि स्वावलंबी बनेंगी तो गांव का हर व्यक्ति स्वावलंबी बनेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि पंचायतें आत्मनिर्भर नहीं होंगी तो हम प्रदेश और देश को आत्मनिर्भर बनाने की परिकल्पना कैसे कर सकते हैं। पंचायतों की जमीनों का व्यावसायिक उपयोग करके धन अर्जित किया जा सकता है। इस धन को गांवों के विकास में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जो भी कार्य किए जाएं उनकी गुणवत्ता और समय से पूरा करने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। 


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