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मुख्यमंत्री की नसीहत, जहां पढ़ा रहे वहां अपने बच्चों को भी पढ़ाएं शिक्षक

सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपने बच्चों को कॉन्वेंट या फिर दूसरे स्कूलों में क्यों पढ़ाते हैं? हम सभी उसी सरकारी स्कूल से पढ़कर यहां तक पहुंचे हैं।

By Ashish MishraEdited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 10:58 AM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2018 11:08 AM (IST)
मुख्यमंत्री की नसीहत, जहां पढ़ा रहे वहां अपने बच्चों को भी पढ़ाएं शिक्षक
मुख्यमंत्री की नसीहत, जहां पढ़ा रहे वहां अपने बच्चों को भी पढ़ाएं शिक्षक

लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस के दिन शिक्षकों को नसीहत देते हुए कहा कि आप जिस विद्यालय में पढ़ाते हैं वहां अपने बच्चों को भी पढ़ाएं। इससे समाज में अच्छा संदेश जाएगा। सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपने बच्चों को कॉन्वेंट या फिर दूसरे स्कूलों में क्यों पढ़ाते हैं? हम सभी उसी सरकारी स्कूल से पढ़कर यहां तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से शिक्षक पुरस्कार वितरण में भी बदलाव किया जाएगा। राज्य पुरस्कार से सम्मानित होने वाले शिक्षकों को अपना प्रजेंटेशन यहां देना होगा। उनके अच्छे कार्यों को दूसरे स्कूलों में भी लागू किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री बुधवार को लोकभवन में राज्य अध्यापक पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा के 34 शिक्षकों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया। उच्च शिक्षा में सरस्वती पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों को तीन-तीन लाख व शिक्षकश्री पुरस्कार विजेताओं को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये दिए गए। माध्यमिक व बेसिक शिक्षकों को 25-25 हजार रुपये प्रशस्ति पत्र, अंगवस्त्र एवं सरस्वती की प्रतिमा दी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा शिक्षक राष्ट्र व समाज का विधाता व निर्माता होता है। यूपी को यदि देश का नेतृत्वकर्ता बनना है तो उसमें शिक्षा जगत को अपने आपको तैयार करना होगा। इस समय शिक्षा जगत की सबसे बड़ी कमी यह है कि हम योग्य शिक्षक ही नहीं दे पा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राइमरी शिक्षा में 97 हजार पद खाली हैं जबकि कुछ लोग सरकार के विरोध में सिर मुंडवा रहे हैं। वे चाहते हैं कि बिना किसी कंपटीशन के यह पद नियम-कानून की धज्जियां उड़ाकर भर दिए जाएं। अनुशासनहीन समाज उज्जवल भविष्य का निर्माण नहीं कर सकता है। शिक्षक केवल चार-पांच घंटे ही पढ़ाई करवाते हैं। बाकी समय भी उन्हें समाज को देना चाहिए। इसके लिए उन्हें समाज व मोहल्ले गोद लेने चाहिए।

सातवां वेतनमान दिया है, अब टारगेट भी देंगे

योगी ने कहा कि विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के शिक्षकों को सातवां वेतनमान दिया है। अब हम कुछ शर्तें भी जोड़ेंगे। उन्हें टारगेट देंगे। भारत का एक भी विश्वविद्यालय विश्व की रैकिंग में नहीं है। इसके लिए शिक्षकों को सार्थक पहल करनी होगी।

शिक्षकों को दिखाया आईना

योगी ने शिक्षकों को आईना भी दिखाया। उन्होंने कहा कि पुरस्कारों के लिए नेताओं के पीछे मत भागिये। ...मुझे बहुत खराब लगता है जब कोई शिक्षक पुरस्कार के लिए सिफारिश करवाता है। आप अच्छा काम करिए समाज आपके पीछे खुद चलेगा। शिक्षकों को अच्छा वेतन मिल रहा है फिर भी वे अपना काम छोड़कर ठेकेदारी कर रहे हैं। इस पाप से उन्हें बचना चाहिए। पहले शिक्षक बच्चों के घर जाते थे लेकिन, अब नहीं जाते हैं। अभिभावकों से भी उनका कोई संवाद नहीं रह गया है।

कुछ लोगों का पेशा बन गया है धरना प्रदर्शन

मुख्यमंत्री ने वित्तविहीन शिक्षकों का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोगों का धरना प्रदर्शन पेशा बन गया है। वे हर बात में धरना प्रदर्शन करने लग जाते हैं। जरूर उन्होंने पिछले जन्म में ऐसे कर्म किए होंगे कि जिस कारण उन्हें इस जन्म में सिर मुंडवाना पड़ रहा है।

लंबित मुकदमों के निस्तारण के लिए बनेगा अधिकरण : दिनेश शर्मा

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा में काफी संख्या में मुकदमें लंबित हैं। लंबित मुकदमों के शीघ्र निस्तारण के लिए जल्द अधिकरण बनाया जाएगा। साथ ही माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के कर्मियों को भी सातवां वेतनमान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि अभी उच्च शिक्षा में सरस्वती सम्मान वर्तमान नियमों के कारण केवल विज्ञान के शिक्षकों को ही मिल पाता है अगले वर्ष से कला व वाणिज्य के शिक्षकों को भी सरस्वती सम्मान दिया जाएगा। इसके लिए नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजा जाएगा। उन्होंने शिक्षा जगत की कई उपलब्धियां भी गिनाईं।

यूपी जब आगे बढ़ेगा तो देश आगे बढ़ेगा : राम नाईक

राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि यूपी जब आगे बढ़ेगा तभी देश आगे बढ़ेगा। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे भी शिक्षक कुल से आते हैं। उनके पिता, बड़े भाई, भाभी व पत्नी सभी शिक्षक रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेसिक शब्द अंग्रेजी का है। इसलिए बेसिक शिक्षा को प्राथमिक शिक्षा कहा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण का सबसे अच्छा उदाहरण उच्च शिक्षा में देखने को मिलता है। यहां पर उपाधियों से लेकर पदक तक सभी में लड़कियां लड़कों से काफी आगे हैं।

इस शिक्षक ने सरकारी स्कूल में दिलाया अपने बेटों को दाखिला
राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब मंच से सरकारी स्कूलों के शिक्षकों से अपील कर रहे थे कि वह अपने बच्चों को भी सरकारी स्कूल में पढ़ाएं तो पुरस्कार लेने के लिए लोक भवन में बैठे शिक्षक ओमवीर सिंह की आंखें छलक आईं। उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया। सीएम की सलाह पर सभी शिक्षक ऐसा करें, वह इसके पक्षधर हैं। शामली जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय गढ़ी श्याम में सहायक अध्यापक ओमवीर सिंह के स्कूल में ही उनके दोनों बेटे पीयूष जांगड़ा कक्षा सात व हर्ष जांगड़ा कक्षा आठ के छात्र हैं।
ओमवीर सिंह कहते हैं कि हम अभिभावकों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने का भरोसा तभी दिला पाएंगे जब हम अपने बच्चों को भी उसी स्कूल में पढ़ाएंगे। इसी कारण अपने दोनों बेटों के दाखिले सरकारी स्कूल में वर्ष 2015 में करवाया। पहले वह प्राइवेट स्कूल में पढ़ते थे। स्कूल में 123 विद्यार्थी हैं। मेरे विद्यार्थियों ने जिले में अलग-अलग कक्षाओं में 17 विषयों में टॉप किया है। कमजोर विद्यार्थियों के लिए अलग से निश्शुल्क कक्षाएं स्कूल बंद होने के बाद चलाई जाती हैं। ओमवीर सिंह का कहना है कि सभी शिक्षक मुख्यमंत्री की बात मानें और अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिला दिलाएं तो अच्छा होगा।

इन्हें मिला राज्य पुरस्कार

उच्च शिक्षा

1-प्रो. राजीव मनोहर, लखनऊ

2-डॉ. सत्येन्द्र सिंह, हमीरपुर

3-डॉ. बिजेन्द्र सिंह यादव, मेरठ

4-प्रो. दिनेश कुमार सिंह, लखनऊ

5-डॉ. ओम प्रकाश पाण्डेय, गोरखपुर

6-डॉ. मोनिशा बनर्जी, लखनऊ

7-डॉ. रजनीश चन्द्र त्रिपाठी, वाराणसी

8-डॉ. अनीता सिंह, वाराणसी

9-डॉ. दिनेश बाबू्र, ललितपुर

माध्यमिक शिक्षा

1-रामेश्वर प्रसाद द्विवेदी, उन्नाव

2-विकास कुमार, मुजफ्फरनगर

3-सुरेश कुमार, सोनभद्र

4-ओम प्रकाश वर्मा, पीलीभीत

5-चित्र रेखा जैन, बागपत

6-हीरा प्रसाद पाण्डेय, संतकबीरनगर

7-डॉ. जगदीश प्रसाद वर्मा, मथुरा

8-देवेन्द्र कुमार, मेरठ

बेसिक शिक्षा

1-अल्पा निगम, गोरखपुर

2-आशुतोष आनन्द, बाराबंकी

3-राम जनम सिंह, इटावा

4-मनीष वर्मा, गोण्डा

5-रमेश चन्द्र राजपूत, बांदा

6-रीतू जमाल, फैजाबाद

7-रवि प्रताप सिंह, गोण्डा

8-कौशर जहां, मेरठ

9-शशि प्रभा सचान, कानपुर देहात

10-नीता जोशी, बरेली

11-अनुज कुमार शर्मा, बदायूं

12-कृष्ण मुरारी उपाध्याय, ललितपुर

13-नीलम भदौरिया, फतेहपुर

14-वीरेन्द्र सिंह, लखनऊ

15-मुहम्मद इकबाल, बस्ती

16-खुर्शीद हसन, झांसी

17-ओमवीर सिंह, शामली  


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