परिवर्तन कुंभ में आज से उमड़ा स्वराज सेनानियों का कुनबा, मुख्यमंत्री और रक्षामंत्री भी होंगे शामिल
लखनऊ के रमाबाई मैदान में होगा आयोजन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी गोविंद देव गिरि साध्वी ऋतंभरा भी शामिल होंगी।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में रविवार सुबह से ही परिवर्तन कुंभ में डेढ़ लाख स्वराज सेनानी जुटने लगे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहयोगी संगठन एकल अभियान की तरफ से होने वाले इस आयोजन को लेकर रमाबाई मैदान में तैयारियां हो गई हैं। तीन दिन के आयोजन में 17 और 18 फरवरी को लोहिया विश्वविद्यालय के अंबेडकर सभागार में एकल अभियान पर मंथन होगा।
भारतीय संस्कृति से कराते हैं हम परिचित
ओम वाह गायत्री महामंत्र से शुरू होने वाले विद्यालय प्रदेश ही नहीं भारत के अलग-अलग राज्यों में लोगों को भारतीय संस्कृति से परिचित करवाने का काम कर रहे हैं। अपने धर्म अपनी संस्कृति और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर विद्यालय का संचालन करने वाला यह विशाल संगठन एकल विद्यालय नाम से संचालित है। यह विद्यालय दोपहर 3:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक हर ग्राम पंचायत में संचालित हो रहे हैं।
भारत के 28 राज्यों से एकल अभियान परिवर्तन सभा में शामिल होने आए हजारों लोगों ने भारतीय संस्कृति से अपने ग्राम स्तर पर परिचित कराने का संकल्प लिया। यही नहीं अपनी संस्कृति से परिचित होने वालों के लिए उम्र की कोई बाधा नहीं रखी गई है। यहां प्रवेश लेने की उम्र पांच से 14 वर्ष तक है। तीन साल की पढ़ाई में एकल विद्यालय अपने आचार्यों के माध्यम से लोगों को भारत के महापुरुषों ऋषि मुनियों के बारे में अवगत करा रहा हैं। यहां निश्शुल्क पुस्तकें और कापियां वितरित की जाती हैं। वहीं, आचार्यों को प्रतिमाह मानदेय के रूप में जरूर एक हजार रुपये दिए जाते हैं।
छा रहा भगवा रंग
अलग-अलग राज्यों से आए इस सम्मेलन में भगवा रंग जरूर दिखा। हर शख्स के माथे पर भगवा गमछा, महिलाएं पीली साड़ियां पहनें पहुंच रही हैं। आचार्य के गले में जहां परिचय पत्र थे। वहीं जिलों से आने वाले संचालक अपने जत्थे को लेकर रमाबाई रैली स्थल की ओर कूंच करते हुए नेतृत्व कर रहे थे।
मुख्यमंत्री और रक्षामंत्री भी होंगे शामिल
परिवर्तन कुंभ में 17 फरवरी को सुबह के सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 18 फरवरी को समापन अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल होंगे। इससे पहले रविवार को परिवर्तन कुंभ के पहले दिन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यासी गोविंद देव गिरि, साध्वी ऋतंभरा और एकल अभियान के केंद्रीय प्रमुख माधवेंद्र सिंह मौजूद रहेंगे। सुबह 11 से दोपहर तीन बजे तक परिवर्तन कुंभ होगा। इसके लिए रमाबाई मैदान में 18 हजार कुर्सियां लगाई गई हैं, जबकि बैठने के लिए कारपेट भी बिछाया गया है। आयोजन में भारत नेपाल सीमा पर चंदन चौकी से थारू प्रजाति की 400 युवतियां भी शामिल होंगी, जो थारू नृत्य पेश करेंगी।
अंबेडकर सभागार में दो दिन होगा मंथन
परिवर्तन कुंभ में 17 फरवरी को राम मनोहर लोहिया विवि के अंबेडकर सभागार में मंथन होगा। इसमें एकल अभियान से जुड़े देश विदेश से तीन हजार प्रतिनिधि भाग लेंगे। 24 देशों के प्रतिनिधि भी आयोजन में शामिल होने आ रहे हैैं, जिसमें से कुछ लोग शनिवार शाम लखनऊ पहुंच चुके थे। सुबह 10 बजे से होने वाले उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे।
यहां एकेटीयू और एकल अभियान के बीच एमओयू की घोषणा होगी, जिसके तहत प्रदेश के 730 इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज दो-दो गांवों को गोद लेंगे। इस सत्र में समय प्रबंधन और हनुमान जी पर व्याख्यान देने वाले पंडित विजय शंकर मेहता भी शामिल होंगे। दूसरे सत्र में एकल अभियान की सफलता पर फिल्म के प्रदर्शन के साथ प्रश्नोत्तर होगा। 18 फरवरी को समापन अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहेंगे।
एकल अभियान
ग्रामीण, वनवासी और वंचित तबकों के 30 लाख से ज्यादा बच्चों को बुनियादी शिक्षा देने का काम एकल अभियान से हो रहा है। पाकिस्तान से आ रहे ड्ग्स का शिकार बन रहे वनवासी और ग्रामवासियों का नशा छुड़ाने का काम हो रहा है। कश्मीर से लेकर पंजाब तक एकल विद्यालय खोले गए हैं। नक्सलवाद से जुड़े पांच सौ से अधिक लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ा गया है। 27 राज्यों के 360 जिलों में एक लाख से अधिक एकल विद्यालय हैं। पांच वर्ष में एकल विद्यालय की संख्या में लगभग दोगुनी वृद्धि हुई है।
भोजन का इंतजाम भी
रविवार को आ रहे डेढ़ लाख स्वराज सेनानियों के भोजन का इंतजाम भी शहर के घरों से हो रहा है। चिन्हित घरों में से प्रत्येक में पांच से छह लोगों का भोजन तैयार किया जा रहा है, जिसे एकत्र करने के लिए टीम बनाई गई है।
लोहिया में पंजीकरण चालू
17 और 18 फरवरी को राम मनोहर लोहिया विवि के अंबेडकर सभागार में होने वाले आयोजन के लिए पंजीकरण हो रहा है। यह पंजीकरण आवास और भोजन के लिए हो रहा है। इन प्रतिनिधियों को शहर में किसी न किसी के घर पर ही ठहराया जाएगा।