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पशुपालन विभाग में ठगी का मामला : फर्जीवाड़े के लिए होता था राज्यमंत्री के केबिन का इस्तेमाल, प्रधान सचिव पर चार्जशीट की मिली अनुमति

लखनऊ में पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों के खेल में शामिल था रजनीश सभी के बयान दर्ज।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 07:14 PM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 06:19 AM (IST)
पशुपालन विभाग में ठगी का मामला : फर्जीवाड़े के लिए होता था राज्यमंत्री के केबिन का इस्तेमाल, प्रधान सचिव पर चार्जशीट की मिली अनुमति
पशुपालन विभाग में ठगी का मामला : फर्जीवाड़े के लिए होता था राज्यमंत्री के केबिन का इस्तेमाल, प्रधान सचिव पर चार्जशीट की मिली अनुमति

लखनऊ, जेएनएन। पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी के मामले में पुलिस आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने जा रही है। इस क्रम में पुलिस ने पशुपालन विभाग के राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद के प्रधान निजी सचिव रजनीश दीक्षित के खिलाफ चार्जशीट लगाने की अनुमति प्राप्त कर ली है। नियम के अनुसार सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज एफआइआर में चार्जशीट लगाने से पूर्व संबंधित विभाग को सूचित करने के साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों से इसकी अनुमति भी लेनी होती है।

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आरोपित रजनीश दीक्षित गिरोह के सरगना आशीष राय का सूत्रधार था सचिवालय के भीतर रजनीश के इशारे पर ही व्यापारियों को ले जाया गया था। रजनीश अपने साथी कर्मचारियों से मिलीभगत कर राज्य मंत्री के केबिन का इस्तेमाल फर्जीवाड़ा करने के लिए करता था। राज्य मंत्री के केबिन में ही आशीष राय को अफसर बताकर व्यापारियों से मुलाकात कराई जाती थी। मामले की विवेचना के दौरान पुलिस को रजनीश के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं। पुलिस का कहना है कि पूछताछ में आशीष ने भी रजनीश की संलिप्तता की बात कबूल की है। अब पुलिस विभाग से अनुमति प्राप्त करने के बाद रजनीश समेत गिरोह में शामिल सभी आरोपितों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करेगी। गौरतलब है कि पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर इंदौर के व्यापारी से आरोपितों ने 11 करोड रुपये हड़प लिए थे। इस गिरोह में कथित पत्रकार, पुलिसकर्मी, व सचिवालय कर्मी समेत अन्य शामिल थे। एसटीएफ ने जांच के बाद हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज करवाई थी और 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।


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