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जल्‍द मिलेगी चरक फ्लाईओवर को हरी झंडी, पुराने लखनऊ में दूर होगी जाम की समस्‍या

पुराने लखनऊ में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए किया जा रहा फ्लाईओवर का काम जल्द पूरा होते हुए दिखेगा। सेतु निगम को उम्मीद है कि पुरातत्व विभाग आगामी चंद सप्ताह में क्लीयरेंस दे देगा। जिसके बाद इसे पब्‍लिक के लिए खोल दिया जाएगा।

By Rafiya NazEdited By: Published: Tue, 09 Mar 2021 11:32 AM (IST)Updated: Tue, 09 Mar 2021 11:32 AM (IST)
जल्‍द मिलेगी चरक फ्लाईओवर को हरी झंडी, पुराने लखनऊ में दूर होगी जाम की समस्‍या
सेतु निगम का दावा कि एनओसी मिलने के 45 दिन बाद पब्लिक के लिए खोल देंगे फ्लाइओवर।

लखनऊ, जेएनएन। पुराने लखनऊ में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए किया जा रहा फ्लाईओवर का काम जल्द पूरा होते हुए दिखेगा। सेतु निगम को उम्मीद है कि पुरातत्व विभाग आगामी चंद सप्ताह में क्लीयरेंस दे देगा। इससे 26 मीटर के पैच पर सबसे पहले काम शुरू किया जाएगा, फिर पचास मीटर का पैच का काम होगा।  सेतु निगम के प्रबंध निदेशक अरविन्द कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पुरातत्व विभाग जिस दिन क्लीयरेंस देगा, उसके 45वें दिन फ्लाईओवर आम पब्लिक के लिए सेतु निगम की ओर से खोल दिया जाएगा। वर्तमान में यहां काम दो माह से बंद है। 

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चरक चौराह-हैदरगंज चौराहा-चरक क्रासिंग-विक्रम काटन रोड के मध्य दो लेन फ्लाईओवर ब्रिज का निमाZण किया जा रहा है। करीब 111 करोड़ की लागत से बनने वाले सेतु का काम 31 मार्च तक पूरा जाना था। पुरातत्व विभाग द्वारा अड़ंगा लगाने पर काम महीनों से बंद है। इससे प्रतिमाह बीस रुपये का नुकसान सेतु निगम को उठाना पड़ रहा है। अफसरों की माने तो दो माह में चालीस रुपये का नुकसान हो चुका है। यह फ्लाईओवर 2.478 किमी. लंबा होगा। फ्लाईओवर के बनने से लाखों लाेगों के लिए मददगार जहां साबित होगा, वहीं यात्रा में समय बचने के साथ ही प्रदूषण व जाम से भी मुक्ति दिलाएगा। सेतु निगम के प्रबंध निदेशक अरविन्द कुमार श्रीवास्तव कहते हैं कि निगम के अभियंता बराबर पुरातत्व विभाग के संपर्क में है।

दिल्ली से इसको लेकर क्लीयरेंस मिलना है। उन्होंने बताया कि पुरातत्व विभाग इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर सहयोग करता रहा है। उदाहरण आगरा मेट्रो है। 

प्रोजेक्ट देख रहे अभियंताओं ने बताया कि नब्बे फीसद काम पूरा हो चुका है, क्लीयरेंस मिलते ही पंद्रह फीसद काम अधिकतम एक माह में खत्म कर लिया जाएगा। वहीं प्रोजेक्ट विलंब होने से लागत बढ़ती जा रही है। 


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