हर तरफ छाई इमाम की विलादत की खुशियां, धूमधाम से मना 13 रजब का त्योहार
रौशनी से जगमग इमामबाड़ों में देर रात तक चला महफिलों का दौर। दस्तरख्वान सजाकर दी इमाम की नज्र कई इलाकों में लगी सबीलें।
By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 01:45 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 01:45 PM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। पहले इमाम हजरत अली अलेहिस्सलाम की विलादत की खुशी में गुरुवार को 13 रजब का त्योहार मनाया गया। सुबह तड़के शिया समुदाय के घरों में नज्र के साथ शुरू हुआ सिलसिला देर रात जश्न में बदल गया। एक ओर जहां घरों में नज्र चखने का दौर जारी रहा, तो वहीं शहर भर में रंगबिरंगी रौशनी से जगमगा रहे इमामबाड़े, रौजे व कर्बला में मौला-ए-कायनात की शान में महफिल सजी।
शहर के हजरतगंज, विक्टोरिया स्ट्रीट, नूरबाड़ी, हसनपुरिया, बुनियादबाद, सरफराजगंज, मौला नगरी, कश्मीरी मुहल्ला व मुफ्तीगंज सहित अन्य इलाकों में सबील लगाकर लोगों तक इमाम का पैगाम पहुंचाया गया, तो इन सबीलों पर पूड़ी-सब्जी, छोला-चावल के साथ मिठाईयां, शरबत व आइसक्रीम बांटी गई। वहीं, घरों में दस्तरख्वान सजाकर इमाम की नज्र दिलाई गई। महिलाओं ने खीर सहित तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन पकाए। शिया समुदाय के लोगों ने नए कपड़े पहने।
फिर ग्रुप बनाकर एक दूसरे के घर जाकर इमाम की नज्र चखी। देर रात तक घरों में लोगों के आने-जाने का सिलसिला जारी रहा। इसी तरह शहर के इमामबाड़ा शाहनजफ, इमामबाड़ा आगाबाकर, शबीह-ए-नजफ, कर्बला इमदाद हुसैन खां व रौजा-ए-काजमैन में पूरी रात जश्न का सिलसिला जारी रहा।
किबला मुझे तो आप ने काबा बना दिया...
सदियों के इंतजार का ऐसा सिला दिया, दोनों जहां का सर मेरी जानिब झुका दिया। 13 रजब अली से यह बोला खुदा का घर, किबला मुझे तो आप ने काबा बना दिया। इमाम की विलादत पर हर तरफ जश्न का सिलसिला जारी रहा। भव्य आतिशबाजी के साथ महफिल का आगाज किया गया।
इदारा वारिस-ए-काबा की ओर से सआदतगंज स्थित रौजा-ए-काजमैन में यौम-ए-अली उनवान से ऑल इंडिया महफिल-ए-मकासिदा का आयोजन किया गया। महफिल को खिताब कर वरिष्ठ धर्मगुरु मौलाना हमीदुल हसन ने कहा कि इमाम ने इंसान को एक दूसरे के साथ प्यार-मुहब्बत से रहना सिखाया। इसके बाद शायरों ने अपने कलाम पेश किए। उधर, इदारा खुद्दाम-ए-मौलूद-ए-हरम की ओर से चौक स्थित इमामबाड़ा आगा बाकर में जश्न-ए-मौलूद-ए-हरम मनाया गया।
महफिल का आगाज कारी नदीम नजफी ने कुरआन शरीफ की तिलावत से किया। इसके बाद मौलाना अब्बास इरशाद व मौलाना मुतक्की जैदी ने महफिल को खिताब कर इमाम की फजीलत बयां की। महफिल की सदारत मौलाना मिर्जा मुहम्मद अशफाक व संचालन नैयर मजीदी ने किया। इसी तरह बिल्लौचुरा स्थित इमामबाड़ा कसर-ए-हुसैनी में आयोजित महफिल को मौलाना इस्तफा रजा ने खिताब किया। वहीं, महमूद नगर की मस्जिद मिर्जा जैना में जश्न-ए-इमाम मनाया गया। मौलाना अब्बास इरशाद ने इमाम की फजीलत बयां की। मस्जिद में इमाम का दस्तरख्वान सजाकर नज्र का आयोजन किया गया।
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