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शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने ही राष्ट्र को गढ़ा : BBAU के 24वें स्थापना दिवस पर बोले हृदय नारायण दीक्षित Lucknow News

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय का 24वां स्थापना दिवस आज।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 12:07 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 12:38 PM (IST)
शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने ही राष्ट्र को गढ़ा :  BBAU के 24वें स्थापना दिवस पर बोले हृदय नारायण दीक्षित Lucknow News
शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने ही राष्ट्र को गढ़ा : BBAU के 24वें स्थापना दिवस पर बोले हृदय नारायण दीक्षित Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय का 24वां स्थापना दिवस आज मनाया जा रहा है। विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी प्रेक्षागृह में सुबह 11 बजे से निर्धारित कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। इस दौरान उन्‍होंने कहा कि राजनेता को किसी विवि में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया जाना ठीक उसी तरह है, जैसे किसी बिना पढ़े लिखे व्यक्ति को डायरेक्‍टर की उपाधि दे दी जाए। 

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राष्ट्र निर्माण में शैक्षिक संस्थानों का योगदान

भविष्यवादी दृष्टिकोण विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी पर बोलते हुए कहा कि शोध और बोध से राष्ट्र का जन्म होता है। बाबा साहेब ने एक किताब में लिखा है कि यहां की प्राकृतिक खूबसूरती और विभिन्नता ही यह राष्ट्र को महान बनाती है। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने ही राष्ट्र को गढ़ा है। हमारी प्रश्नाकुल संस्कृति और जिज्ञासु प्रवृत्ति ही अंग्रेजी दर्शन शास्त्रियों को भी आकर्षित करता था। 

इंग्लैंड से न जाने कितने शाषक 

अंबेडकर जी ने संविधान निर्माण के अंतिम दिन ही इस बात की चिंता जताई थी कि कंही हमारा देश हिंसा की ओर न चला जाये। इसलिए हम सभी को बिना हिंसा किये अपनी बात न्यायालय के माध्यम/ विवि में चर्चा करने से ही समस्या हल हो सकती है। इस दौरान विवि की नई वेबसाइट को भी लॉन्च किया गया। लोकतांत्रिक व्यवस्था का ही कमाल है कि हम लोग वोट मांग कर मंच पर बैठ जाते है और पीएचडी और बड़ी बड़ी डिग्री रखने वाले नीचे बैठते हैं।

इस मौके पर बीबीएयू के कुलाधिपति डॉ. प्रकाश सी बरतूनिया, घुमंतू जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष भीकू रामजी इरादते, डिक्की के चैयरमेन मिलिंद कुमार कामले, विवि के कुलपति प्रो संजय सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे। बता दें, विश्वविद्यालय की ओर से दो दिवसीय (10-11 जनवरी) को पुरातन छात्र समागम समारोह एवं राष्ट्र निर्माण में शैक्षिक संस्थानों का योगदान भविष्यवादी दृष्टिकोण विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। 


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