UP Board Exam 2020: केंद्रों पर लगे सीसी कैमरे खराब, वॉइस रिकॉर्डर नहीं कर रहे काम, अव्यवस्था में हो रही परीक्षा
यूपी बोर्ड परीक्षा में लखनऊ और मंडल स्तरीय परीक्षा कंट्रोल रूम सुबह छह बजे भी रहते बंद 5.30 बजे खुलने के हैं आदेश।
लखनऊ [सौरभ शुक्ला]। यूपी बोर्ड परीक्षा को लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग और सरकारी मशीनरी ने महीनों पहले तैयारी शुरू कर दी थी। केंद्रों पर सीधी निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे, वॉइस रिकॉर्डर लगवा दिए। माना जा रहा था इस फुल प्रूफ सिस्टम में चूक झांक भी न पाएगी। जागरण की पड़ताल में इन दावों की हकीकत बेपर्दा हो गई। केंद्रों पर कैमरे चल रहे न वॉइस रिकॉर्डर। कक्ष निरीक्षक तो नदारद हैं ही, कई केंद्रों पर प्रेक्षक भी लापता हैं। कंट्रोल रूम खुद ही नियंत्रण से बाहर दिखा। यूं कहें कि बोर्ड परीक्षा राजधानी में 'आउट ऑफ कंट्रोलÓ है।
नियंत्रण कक्ष की आंखों देखी..
बुधवार सुबह 5:30 बजे थे। शिक्षा भवन के दोनों मुख्य गेटों पर अंदर से ताला लगा मिला। अंदर डीआइओएस और संयुक्त शिक्षा निदेशक षष्ठ मंडल के दफ्तर को जाने वाले गेट का कुंडा खुला था, पर अंदर से ताला ताला लगा था। अंदर कोई नजर न आया।
5.56 बजे खुला गेट
जनपद और मंडल कार्यालय में बना मंडलस्तरीय कंट्रोल रूम सुबह 5:30 बजे से शुरू होने के निर्देश हैं। सुबह 5:56 बजे डीआइओएस दफ्तर परिसर का गेट खुला। कर्मचारी सत्येंद्र श्रीवास्तव समेत दो लोग बाहर आए और मुख्य गेट पर आकर गेट खोला। 5:59 बजे पर एक मैडम पहुंचीं। मैडम ने कर्मचारी से पूछा कि कंट्रोल रूम खोल दिया है न। कर्मचारी ने कहा हां में जवाब दिया। 6:03 बजे एक कार आई, इसमें से निकला व्यक्ति भी परिसर में अंदर जाता है। 6:15 बजे कंट्रोल रूम शुरू हो पाया, जिसे 5.50 बजे शुरू होना था।
सचल दल भी 5.50 बजे ही रवाना होने हैं
जिला कंट्रोल रूम से 112 केंद्र और मंडलीय नियंत्रण कक्ष से राजधानी के साथ ही उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई तक में निगरानी की जाती है। यहां से गैर जनपदों के लिए बने सचल दस्ते भी 5:30 बजे तक रवाना होने के निर्देश हैं।
संयुक्त शिक्षा निदेशक षष्ठ मंडल लखनऊ सुरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि परीक्षा के दिन कंट्रोल रूम खुलने और काम शुरू होने व मंडलीय सचल दस्ते की रिपोर्टिंग टाइम का समय सुबह 5:30 बजे का है। समय से खुल जाता है। हो सकता है 5-10 मिनट देर हुई हो।
सीसी कैमरे 'अंधे, वॉइस रिकॉर्डर निकले 'बहरे
बुधवार सुबह के लगभग 11 बजे थे। मंडलीय सचल दस्ता संख्या तीन आलमबाग स्थित सिंधी गल्र्स इंटर कॉलेज में दाखिल हुआ। कॉलेज प्रबंधन में अफरा-तफरी मच गई। एक कमरे में इंटर की 16 छात्राएं संगीत-गायन की परीक्षा दे रहीं थीं। कक्ष निरीक्षक भी तितर-बितर होने लगे। सचल दस्ते ने सख्त रुख अख्तियार कर सभी को रोका। पड़ताल शुरू की तो केंद्र पर एक-एक कर खामियों की कलई खुलती गई। ऐसी स्थिति केवल इसी विद्यालय की नहीं, बल्कि कई परीक्षा केंद्रों की है। कई जगह सीसी कैमरे, रिकॉर्डर भी खराब मिले।
बत्ती गुल, परीक्षा चालू
मंडलीय दल को कक्षों में लगे सीसी कैमरे बंद मिले। लाइट नहीं थी, जबकि परिसर में जनरेटर रखा था। एक शिक्षक ने बताया कुछ देर पहले ही लाइट गई है। तभी विद्यालय प्रबंधन के लोग पहुंचे। बताया कि जनरेटर चलाने वाला कोई नहीं है। थोड़ी खराबी भी है। सचल दल अल्टीमेटम देकर निकला। वहां से दल कैसरबाग स्थित नारी शिक्षा निकेतन पहुंचा। यहां माउस नहीं काम कर रहा था। सीसी कैमरे और रिकॉर्डर काम नहीं कर रहे थे। यहां 23 छात्राएं परीक्षा देती मिलीं।
ड्यूटी से गायब मिले पर्वेक्षक
एपी सेन मेमोरियल बालिका इंटर कॉलेज में दो कक्षों में परीक्षा चल रही थी। यहां पर्वेक्षक ही ड्यूटी से गायब थे। पता चला वह आए ही नहीं। कक्ष निरीक्षक के परिचयपत्र में डीआइओएस के हस्ताक्षर नहीं थे। हालांकि, पड़ताल में कक्ष निरीक्षक अधिकृत मिले। दल ने हस्ताक्षर न होने पर केंद्र व्यवस्थापक को फटकार लगाई। आलमबाग स्थित जनता इंटर कॉलेज में वाइस रिकार्डर ख्रराब था। गुरुनानक गल्र्स इंटर कॉलेज में दो कमरों में 72 परीक्षार्थी थे, लेकिन सिटिंग प्लान में केंद्र व्यवस्थापक के हस्ताक्षर नहीं थे। वाइस रिकार्डर भी काम नहीं कर रहे थे। इन्हें ठीक कराने के निर्देश दिए।
परिषद के ये हैं नियम
- प्रत्येक कक्ष में दो सीसी कैमरे, वॉइस रिकॉर्डर हों
- परीक्षा के दौरान बिजली जाने पर जनरेटर की व्यवस्था रहे
- रिकॉर्डिंग माध्यमिक शिक्षा परिषद और डीआइओएस दफ्तर कभी भी मांग सकते हैं