लखनऊ में रेल दोहरीकरण का काम कर रही कंपनी पर सीबीआइ का शिकंजा, जानें-क्या है पूरा मामला
Indian Railways पूर्वोत्तर रेलवे ने मल्हौर-डालीगंज रेल दोहरीकरण प्रोजेक्ट में बादशाहनगर-गोमतीनगर में दो रेलवे पुलों के सब स्ट्रक्चर के निर्माण का ठेका एसकेजे कंस्ट्रक्शन को दिया। कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों से रेलवे के पास गारंटी के लिए दी गई 66.65 लाख रुपये की एफडीआर अपने खाते में जमा करा लिया।
लखनऊ, [निशांत यादव]। शहर में रेल दोहरीकरण प्रोजेक्ट के दो कामाें का ठेका लेने वाली एक कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों से रेलवे के पास गारंटी के लिए दी गई 66.65 लाख रुपये की एफडीआर और परफारमेंस गारंटी को अपने खाते में जमा करा लिया। रेलवे की ओर से जब वैरिफेकशन के लिए पंजाब नेशनल बैंक को पत्र भेजा गया तो वहां से गलत जानकारी भेजी गयी। रेलवे और पंजाब नेशनल बैंक के अज्ञात कर्मचारी पर इस सिंडीकेट में शामिल होने का अंदेशा जाते हुए पूर्वोत्तर रेलवे के उप मुख्य अभियंता ने सीबीआइ में शिकायत कर दी। सीबीआइ ने भी मामले को दर्ज कर लिया है। जल्द इस खेल की जांच शुरु होगी।
पूर्वोत्तर रेलवे ने मल्हौर-डालीगंज रेल दोहरीकरण प्रोजेक्ट में बादशाहनगर और गोमतीनगर में दो रेलवे पुलों के सब स्ट्रक्चर के निर्माण का ठेका एसकेजे कंस्ट्रक्शन को दिया था। रेलवे और कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच 16 जनवरी 2020 को एग्रीमेंट हुआ। इस 7.62 करोड़ रुपये के काम के लिए कंपनी की ओर से 38.14 लाख रुपये की 24 दिसंबर 2022 तक वैद्य फिक्स डिपाजिट रसीद (एफडीआर) की गारंटी दी गयी। इस एफडीआर को पंजाब नेशनल बैंक राजेंद्रनगर शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक की ओर से सत्यापित किया गया।
रेलवे के चीफ विजिलेंस आफिसर ने एफडीआर की वैरिफिकेशन के लिए बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक को सात जुलाई 2021 को स्पीड पोस्ट से पत्र भेजा। इसके जवाब में बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक की ओर से 15 जुलाई 2021 को स्पीड पोस्ट से जवाब आया कि एफडीआर का वैरीफिकेशन किया गया। जिसमें वह एक्टिव पायी गयी। रेलवे विजिलेंस ने एक स्वतंत्र जांच की तो पता चला कि बैंक की ओर से 15 जुलाई 2021 को एफडीआर की वैरिफेकेशन का जो पत्र भेजा गया वह फर्जी था।
एफडीआर को वैरिफिकेशन का जवाब आने के 11 माह पूर्व 19 अगस्त 2020 काे ही बंद कर दिया गया था। इस पर रेलवे की ओर से कंपनी को 15 दिसंबर 2021 को नोटिस दी गयी। वहीं उप मुख्य अभियंता निर्माण कैलाश नारायन ने 22 दिसंबर 2021 को राजेंद्रनगर स्थित पंजाब नेशनल बैंक के ब्रांच मैनेजर से मुलाकात कर मामले की जांच की। ब्रांच मैनेजर ने रेलवे की ओर से बैंक को भेजा गया एक पत्र दिखाया। जिसमें कंपनी की रेलवे की कस्टडी में रखी गयी एफडी को रिलीज करने की बात कही गयी। इस पत्र की रेलवे में जांच की गई तो पता चला कि यह भी फर्जी है।
वहीं इस कंपनी ने 5.70 करोड़ रुपये मल्हौर-डालीगंज रेल डबलिंग में पटरी पर पड़ने वाली गिट्टी का ठेका लिया। इसके लिए कंपनी ने 28.51 लाख रुपये की परफारमेंस गारंटी को गुपचुप अपने खाते से निकाल लिया। इस मामले में भी बैंक की ओर से रेलवे को दिया गया जवाब फर्जी मिला। उप मुख्य अभियंता निर्माण कैलाश नारायन ने एफडीआर और परफारमेंस गारंटी की वैरिफिकेशन की गलत रिपोर्ट देने के मामले में पंजाब नेशनल बैंक के किसी कर्मचारी के साथ रेलवे के भी किसी कर्मचारी के शामिल होने की शिकायत सीबीआइ से की है।