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सीबीआइ ने मनीष के दोस्तों के दर्ज किए बयान, घटना का रीक्रिएशन भी कराएगी जांच एजेंसी

गोरखपुर के कृष्णा पैलेस होटल में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की पुलिस पिटाई से मौत के मामले में सीबीआइ ने अपनी पड़ताल के कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। सीबीआइ ने मनीष के साथ होटल पर मौजूद रहे उसके दोस्तों गुड़गांव निवासी हरबीर और प्रदीप के बयान दर्ज किए।

By Vikas MishraEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 08:53 AM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 12:07 PM (IST)
सीबीआइ के लखनऊ के जोनल कार्यालय में बुधवार को दोनों से पूरे घटनाक्रम की सिलसिलेवार जानकारी की गई।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। गोरखपुर के कृष्णा पैलेस होटल में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की पुलिस पिटाई से मौत के मामले में सीबीआइ ने अपनी पड़ताल के कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। सीबीआइ ने मनीष के साथ होटल पर मौजूद रहे उसके दोस्तों गुडग़ांव निवासी हरबीर सिंह और प्रदीप सिंह के बयान दर्ज किए हैं। सीबीआइ के लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय में बुधवार को दोनों से पूरे घटनाक्रम की सिलसिलेवार जानकारी की गई। साथ ही मनीष के दोस्त गोरखपुर निवासी चंदन सैनी के भी बयान दर्ज किए गए हैं।

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सीबीआइ ने होटल में पुलिसकर्मियों के पहुंचने से लेकर मनीष की पिटाई व अन्य तथ्यों को लेकर उसके दोस्तों की जुबानी पूरी कहानी सुनी। सीबीआइ अब जल्द उन्हें गोरखपुर ले जाकर घटना का रीक्रिएशन कराएगी। दोस्तों के बयानों के आधार पर 27 सितंबर की रात हुई घटना के सभी पहलुओं को बरीकी से देखा जाएगा। सीबीआइ लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने दो नवंबर को मनीष गुप्ता की मौत के मामले में हत्या का केस दर्ज कर अपनी छानबीन शुरू की है। बहुचर्चित मनीष हत्याकांड की सीबीआइ जांच की सिफारिश राज्य सरकार ने की थी। मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने इस मामले में गोरखपुर के थाना रामगढ़ताल में अपने पति की हत्या की एफआइआर दर्ज कराई थी। जिसमें रामगढ़ताल के तत्कालीन एसओ जगत नारायन सिंह, उपनिरीक्षक अक्षय मिश्रा, विजय यादव व तीन अन्य अज्ञात पुलिसकर्मियों को नामजद किया गया था।

पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने 27 सितंबर की रात होटल कृष्णा पैलेस में अचानक तलाशी के लिए मनीष के कमरे का दरवाजा खुलवाया और मनीष के साथ मारपीट की। पुलिसकर्मियों की पिटाई से मनीष को गंभीर चोटें र्आइं और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सीबीआइ ने मीनाक्षी गुप्ता की ओर से दर्ज कराई गई एफआइआर को ही अपने केस का आधार बनाया है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में प्रकरण की जांच के लिए एसआइटी भी गठित की गई थी। एसआइटी मामले में आरोपित निरीक्षक जगत नारायण ङ्क्षसह, उपनिरीक्षक अक्षय कुमार मिश्र व विजय कुमार यादव के अलावा आरोपित उपनिरीक्षक राहुल दुबे, मुख्य आरक्षी कमलेश यादव व आरक्षी प्रशांत कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।


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