उन्नाव कांड में सीबीआइ जांच का दायरा बढ़ेगा, पुलिस पर शिकंजा कसेगा
उन्नाव कांड में सीबीआइ का शिकंजा अब माखी थाने के निलंबित पुलिसकर्मियों पर कसेगा। सीबीआइ जांच का दायरा और बढ़ेगा।
लखनऊ (जेएनएन)। उन्नाव कांड में सीबीआइ का शिकंजा अब माखी थाने के निलंबित पुलिसकर्मियों पर कसेगा। पीडि़त किशोरी के पिता की हत्या व तमंचा बरामदगी में पुलिसिया खेल की परतें भी खुलेंगी। सीबीआइ जांच का दायरा भी और बढ़ेगा। सीबीआइ आरोपित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उन्नाव जेल से लखनऊ कारागार लाने की भी तैयारी कर रही है। उन्नाव कांड में सीबीआइ पीडि़ता व उसके पिता के मामले में सिलसिलेवार जांच कर रही है। सीबीआइ की स्टेटस रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने कई बिंदुओं पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दरअसल, पीडि़ता के पिता के मामले में माखी थाने के पुलिसकर्मियों की भूमिका सवालों के घेरे में है। पीडि़ता के घायल पिता को जेल भेजने के लिए तमंचे की बरामदगी दिखाने का सवाल सबसे बड़ा है। सूत्रों के मुताबिक एसआइटी जांच रिपोर्ट में पुलिस के खेल सामने आए थे। अब आरोपित पुलिसकर्मियों पर शिकंजा कसेगा। सीबीआइ उनसे नए सिरे से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ आरोपित पुलिसकर्मियों को जल्द गिरफ्तार भी कर सकती है।
पुलिसकर्मियों से पूछताछ में ही यह भी साफ होगा कि तमंचे की बरामदगी का खेल किस स्तर से हुआ था और उसमें किन-किन लोगों की भूमिका थी। सीबीआइ के सामने अब पीडि़त किशोरी के पिता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने वाले टिंकू सिंह को तलाशने की भी चुनौती है। सीबीआइ विधायक के कई करीबियों की भूमिका के बारे में भी गहनता से छानबीन कर रही है। ताकि टिंकू तक पहुंचा जा सके। माना जा रहा है कि सीबीआइ विधायक को लखनऊ जेल स्थानान्तरित कराने के बाद उन्हें एक बार फिर पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। हत्या के मामले में विधायक के भाई अतुल सहित अन्य आरोपितों से भी नए सिरे से पूछताछ की जा सकती है।
जेल अफसरों को विधायक के शिफ्ट होने का इंतजार
हाईकोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट पेश किए जाने के साथ सीबीआइ द्वारा विधायक के प्रभावशाली होने और उनसे पीडि़ता के परिवार को खतरा होना स्वीकारने के बाद कुलदीप सेंगर का लखनऊ जेल शिफ्ट होना लगभग तय है। कोर्ट द्वारा जेल बदले जाने के निर्देश की जानकारी होने के बाद से ही जेल अफसर विधायक को शिफ्ट करने की तैयारी में लग गए, हालांकि लिखित आदेश मिलने का इंतजार है। उन्नाव कांड में आरोपित विधायक की जिला जेल में बंद होने के साथ उन्हें वीआइपी सुविधाएं मिलने की चर्चाएं रहीं। इसे लेकर जेल अधिकारियों पर कार्रवाई भले न हुई हो पर कार्यशैली को लेकर उन पर आरोप लग रहे हैं, जिसके चलते जेल में सख्ती तो बढ़ी ही है, सभी की निगाह भी जेल पर ही टिकी थी।
होता रहा सीबीआइ आने का इंतजार
बुधवार को हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद से विधायक को दूसरी जेल में शिफ्ट करने के आदेश होने की जानकारी के बाद गुरुवार को सीबीआइ के आने का इंतजार होता रहा। हालांकि सुबह से शाम पांच बजे तक विधायक को दूसरी जेल ट्रांसफर करने जैसा कुछ भी नहीं हुआ। हालांकि जेल प्रशासन दस्तावेज तैयार कर विधायक का परवाना आने का इंतजार सुबह से ही करता रहा। जेल प्रशासन का कहना है कि अभी तक लिखित कोई भी आदेश नहीं मिला है, जो मौखिक आदेश हैं उसमें भी विधायक को शिफ्ट कौन करेगा यह स्पष्ट नहीं है। नियमत: किसी भी बंदी को शिफ्ट करने के लिए पुलिस अभिरक्षा में भेजा जाएगा या विशेष परिस्थितियों में जेल प्रशासन ही उन्हें यहां से दूसरी जेल भेज सकता है। सूत्रों की मानें तो जेल में तैनात कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को छोड़ दें तो लगभग सभी को विधायक के जल्द स्थानांतरण आदेश आने का इंतजार है।