Ayodhya Case: सभी आरोपित 26 अगस्त तक दाखिल करें लिखित बहस, CBI कोर्ट ने दिए निर्देश
अदालत में सोमवार को आरोपित स्वामी साक्षी महाराज और धर्मदास की ओर से उनके वकीलों ने न्यायालय के समक्ष हाजिर होकर सीबीआइ द्वारा दाखिल लिखित बहस की प्रति के लिए अनुरोध किया।
लखनऊ, जेएनएन। अयोध्या के ढांचा ध्वंस मामले में विशेष अदालत के समक्ष सोमवार को किसी भी आरोपित ( बचाव पक्ष) ने अपनी लिखित बहस दाखिल नहीं की। उनकी तरफ से अधिवक्ता ने अभियोजन (सीबीआइ) की तरफ से दाखिल लिखित बहस की कापी दिए जाने की अर्जी दी। जिसे विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेंद्र यादव ने स्वीकार करते हुए 26 अगस्त तक लिखित बहस दाखिल करने के निर्देश दिए। अदालत में सोमवार को आरोपित स्वामी साक्षी महाराज और धर्मदास की ओर से उनके वकीलों ने न्यायालय के समक्ष हाजिर होकर सीबीआइ द्वारा दाखिल लिखित बहस की प्रति के लिए अनुरोध किया।
अदालत ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया। अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि जिस आरोपित को सीबीआइ द्वारा दाखिल लिखित बहस की प्रति प्राप्त करना है वह प्राप्त कर ले अन्यथा बाद में उसके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जाएगा। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक ललित कुमार सिंह, आर के यादव और पूर्णेंदु चक्रवर्ती मौजूद थे। जबकि बचाव पक्ष की ओर से विमल कुमार श्रीवास्तव, केके मिश्रा, मनोज त्रिपाठी व एस के शर्मा मौजूद रहे। अदालत ने बचाव पक्ष के वकीलों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि उच्चतम न्यायालय ने इस प्रकरण को अब 30 सितंबर तक निस्तारित करने का आदेश दिया है लिहाजा मुकदमे में अनावश्यक देरी नहीं की जाएगी। लिहाजा सभी पक्षकार 26 अगस्त तक अपनी लिखित बहस अवश्य दाखिल कर दें।
दूसरी तरफ हाजी महमूद अहमद और सैयद अखलाक अहमद ने गत 21 अगस्त को अदालत के समक्ष अलग-अलग अर्जी देकर अनुरोध किया था कि वह पीड़ित पक्ष है तथा उन्होंने रायबरेली की विशेष अदालत में अभियोजन की ओर से गवाही भी दी है लिहाजा उनकी ओर से लिखित एवं मौखिक बहस सुनी जाए। विशेष अदालत ने दोनों अर्जियों पर सुनवाई करने के बाद 25 अगस्त के लिए अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। जिसका विशेष अदालत 25 अगस्त को अपना फैसला सुनाएगी।