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शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में महिला उत्पीड़न का मामला, कार्यवाही की मांग को लेकर राज्यपाल से मिली पीड़िता

डा. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक समेत चार लोगों के खिलाफ एक महिला सहकर्मी ने पारा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बावजूद अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। राज्यपाल ने कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

By Vikas MishraEdited By: Published: Tue, 11 Jan 2022 11:39 AM (IST)Updated: Tue, 11 Jan 2022 03:00 PM (IST)
शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में महिला उत्पीड़न का मामला, कार्यवाही की मांग को लेकर राज्यपाल से मिली पीड़िता
पीड़िता ने बताया कि सोमवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। डा. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक समेत चार लोगों के खिलाफ एक महिला सहकर्मी ने पारा थाने में मुरकदमा दर्ज कराया था। इसके बावजूद अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। पीड़िता ने बताया कि सोमवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की है। राज्यपाल ने कार्यवाही का आश्वासन दिया है। महिला का आरोप है कि कुलसचिव अमित सिंह ने केवल अभद्रता की बल्कि छेड़छाड़ भी किया। यही नहीं, कुलसचिव अमित सिंह के कहने पर परीक्षा नियंत्रक डा. अमित कुमार राय और प्रोफेसर प्रोफेसर हिमांशू शेखर झा और डा. अरविंद कुमार सिंह ने भी अलग अलग प्रकार से प्रलोभन देकर दबाव बनाया।

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पीड़िता का आरोप है कि सितंबर 2018 में उनकी नियुक्ति हुई थी। विवि में नियुक्त होने के बाद से कुलसचिव अमित सिंह उन पर गलत नजर रखते थे। कई बार उन्होंने करीब आने की कोशिश की और करियर खराब करने की धमकी दी। आरोपित जब अपनी मंशा में सफल नहीं हुए तो अपने साथियों का सहारा लिया। पीड़िता ने कुलपति को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी और कार्रवाई की मांग की। पीड़िता का कहना है कि आरोपितों के दबाव में विवि प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। यही नहीं, उल्टा पीड़िता को ही गलत बता दिया। परेशान होकर पीड़िता ने पारा थाने में शिकायत की, जिसके बाद कुलसिचव अमित सिंह, परीक्षा नियंत्रक अमित कुमार राय, प्रो, हिमांशू शेखर झा और डा. आरविंद कुमार सिंह के खिलाफ पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की।

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि आरोप निराधार हैं और नियुक्ति से लेकर पीएचडी तक में गड़बड़ी हुई है जिसकी कमेटी ने जांच की थी। उत्पीड़न की जांच भी बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के विधि विभाग के विभागाध्यक्ष सुदर्शन वर्मा की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने की है। आरोप निराधार होने के साथ ही पीड़िता से जांच में हुए खर्च की वसूली का भी आदेश दिया है। कुलपति प्रो. आरकेपी सिंह का कहना है कि पीड़िता कार्रवाई से बचने के लिए जगह-जगह प्रार्थना पत्र दे रही है। मुझे राज्यपाल के यहां पत्र देने की काई सूचना नहीं है। पारा थाने के एसएसआइ ने बताया कि इंस्पेक्टर दधिबल तिवारी अवकाश पर हैं। मामले की विवेचना चौकी प्रभारी विश्वदीपक कर रहे हैं। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी


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