Move to Jagran APP

KGMU: शताब्‍दी अस्‍पताल में कैंसर कार्ड बनाना टेढ़ी खीर, आयुष्मान कार्ड भी रद; अब इलाज को भटक रहे मरीज

केजीएमयू के शताब्दी अस्पताल में वैसे तो आर्थिक रूप से कमजोर कैंसर मरीजों के लिए मुफ्त जांच व इलाज की व्यवस्था है लेकिन यहां कर्मचारी कैंसर कार्ड बनाने में ही महीनों लगा देते हैं। जिसकी वजह से कैंसर के मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sun, 03 Oct 2021 08:30 AM (IST)Updated: Sun, 03 Oct 2021 02:22 PM (IST)
KGMU: शताब्‍दी अस्‍पताल में कैंसर कार्ड बनाना टेढ़ी खीर, आयुष्मान कार्ड भी रद; अब इलाज को भटक रहे मरीज
केजीएमयू के शताब्दी अस्पताल में दवा और महंगी जांच ने बढ़ाई मुश्किल।

लखनऊ, [धर्मेन्द्र मिश्रा]। सरकार भले ही कैंसर मरीजों को मुफ्त इलाज देने के लिए प्रतिबद्ध हो, लेकिन सिस्टम में कमियों के चलते रोगी दवा और जांच के लिए दर-दर भटक रहे हैं। केजीएमयू के शताब्दी अस्पताल में वैसे तो आर्थिक रूप से कमजोर कैंसर मरीजों के लिए मुफ्त जांच व इलाज की व्यवस्था है, लेकिन यहां कर्मचारी कैंसर कार्ड बनाने में ही महीनों लगा देते हैं। ऐसे में मरीजों को अपने खर्च पर महंगी दवाएं खरीदने के साथ जांच भी करानी पड़ रही है। ताजा मामला यह है कि संस्थान के कर्मचारियों ने एक मरीज का आयुष्मान कार्ड ही रद कर दिया। अभी तक कैंसर कार्ड भी नहीं बनाया। इससे मरीज का आपरेशन भी लटक गया है। इसी तरह अन्य मरीजों को भी अपने पैसे से बाहर के मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं।

loksabha election banner

रायबरेली के हरचंदपुर निवासी कैंसर मरीज रेखा देवी के दामाद अजय तिवारी ने बताया कि छह महीने से शताब्दी अस्पताल से उनकी सास का इलाज चल रहा है। कैंसर कार्ड अभी नहीं बना है। पहले उनके पास आयुष्मान कार्ड था। उसके जरिये शुरुआत में करीब 15 हजार रुपये तक की जांच कराई थी, मगर यहां कर्मियों ने उसे रद कर दिया। कहा कि इससे इलाज नहीं हो पाएगा और आपका कैंसर कार्ड बनेगा, मगर अभी तक बना नहीं। अब तक जांच व इलाज में एक लाख रुपये अपने पास से खर्च कर चुका हूं। आपरेशन में भी डेढ़ लाख रुपये खर्च बताया है। गोंडा निवासी विजय कुमार ने बताया कि उनके पिता मालिकराम को मूत्रमार्ग संबंधी कैंसर है। एक महीने से यहां इलाज चल रहा है। अभी तक कैंसर कार्ड नहीं बन सका है। इसलिए दवाएं और जांच का खर्च स्वयं उठाना पड़ रहा है।

केजीएमयू प्रवक्‍ता डॉ सुधीर सिंह ने बताया कि 35 हजार रुपये से कम वार्षिक आय वाले मरीजों का प्रमाण पत्र मिलने पर तीन-चार दिन में ही उनका कैंसर कार्ड बना दिया जाता है। इस पर उन्हें जांच व दवाएं मुफ्त उपलब्ध होती हैं। कई बार मरीज जरूरी दस्तावेज नहीं ला पाते, अगर किसी को मुश्किल आ रही है तो वह मेरे पास आकर मिल सकता है। उसकी पूरी मदद की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.