कैबिनेट के फैसलेः वाहनों की रफ्तार रोकेंगे स्पीड गवर्नर
उत्तर प्रदेश में स्पीड गवर्नर लगाकर परिवहन वाहनों की रफ्तार रोकी जाएगी। प्रदेश मंत्रिमंडल ने केंद्रीय मोटरयान नियमावली, 1989 के नियम-118 के तहत परिवहन वाहनों में स्पीड गवर्नर (गति नियंत्रण युक्ति) लगाए जाने को हरी झंडी दे दी।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्पीड गवर्नर लगाकर परिवहन वाहनों की रफ्तार रोकी जाएगी। प्रदेश मंत्रिमंडल ने केंद्रीय मोटरयान नियमावली, 1989 के नियम-118 के तहत परिवहन वाहनों में स्पीड गवर्नर (गति नियंत्रण युक्ति) लगाए जाने को हरी झंडी दे दी।
भारत सरकार ने 15 अप्रैल 2015 को अधिसूचना जारी कर सभी किस्म के वाहनों में एक अक्टूबर 2015 से स्पीड गवर्नर लगाया जाना अनिवार्य किया था। दोपहिया, तिपहिया, चौपहिया, साइकिल, फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस व पुलिस के वाहनों को स्पीड गवर्नर लगाने की बाध्यता से मुक्ति दी गयी है। इस अधिसूचना को प्रदेश में भी लागू करने के लिए मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। परिवहन यानों में स्थापित किए जाने वाले स्पीड गवर्नर भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए मानक एआईएस : 018/2001 के अनुरूप होंगे तथा स्पीड गवर्नर को गाड़ी मालिक स्वयं राज्य स्तर पर चयनित वेंडर से खरीद कर लगवाएंगे। स्पीड गवर्नर के मूल्य, लॉजिस्टिक सपोर्ट, सर्विस सेंटर आदि की सुविधाओं को देखते हुए टेंडर के माध्यम से वेंडर का चयन किया जाएगा।
स्पीड गवर्नर वाहन में लगने वाला यांत्रिक उपकरण होता है, जो एक निर्धारित गति से अधिक रफ्तार में वाहन को पहुंचने ही नहीं देता है। आठ सीटों से अधिक वाले सभी वाणिज्यिक वाहनों पर इस स्पीड गवर्नर का प्रयोग किया जाएगा। स्कूली बच्चों को लाने ले जाने के लिए प्रयोग होने वाली बसों व वैन आदि में 60 किलोमीटर प्रति घंटे का बैरियर लगाया जाएगा। अन्य बसों व यात्री वाहनों पर 80 किलोमीटर प्रति घंटे का बैरियर लगेगा। डंपर के लिए स्पीड बैरियर की सीमा 60 किलोमीटर प्रति घंटा व अन्य ट्रकों के लिए 80 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गयी है।
कन्नौज में बस अड्डा
कन्नौज के गुरसहायगंज में रोडवेज बस अड्डे की स्थापना के लिए जमीन निश्शुल्क उपलब्ध कराने का फैसला राज्य मंत्रिमंडल ने किया है। गाटा संख्या-433 की 1.03 एकड़ तथा गाटा संख्या-440 की 0.75 एकड़ मिलाकर कुल 1.78 एकड़ भूमि नए बस अड्डे के लिए परिवहन विभाग को हस्तांतरित की जाएगी।
मिर्जापुर से विंध्याचल तक चार लेन सड़क
पूर्वांचल के कई जिलों में आवाजाही आसान करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने दो प्रमुख मार्गों को चार लेन करने फैसला किया है। मिर्जापुर से विंध्याचल मंदिर तक की सड़क चौड़ी करने के साथ सोनौली से बलिया को जोड़ती सड़क भी चार लेन की हो जाएगी।मिर्जापुर में लुंबिनी-दुद्धी मार्ग (एनएच-5) के किलोमीटर 302 से विंध्याचल मंदिर तक सड़क का चार लेन चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण करने का फैसला हुआ है। कार्य की प्रस्तावित लागत 86.31 करोड़ रुपये के सापेक्ष वित्त समिति ने 84.20 करोड़ का आकलन किया है। मार्ग पर यातायात का अत्यधिक दबाव व घनत्व है। यह मार्ग विंध्याचल मंदिर को जाने वाला मुख्य मार्ग है और नवरात्र के समय मार्ग पर यातायात का घनत्व सामान्य दिनों की अपेक्षा काफी बढ़ जाता है। इससे देश के दूर-दूर से आने वाले दर्शनार्थियों को असुविधा होती है। मार्ग चौड़ीकरण से दर्शनार्थियों का यातायात सुगम हो जाएगा।
सोनौली-नौतनवां-गोरखपुर-देवरिया-बलिया मार्ग चार लेन
मंत्रिमंडल ने देवरिया जिले में सोनौली नौतनवां गोरखपुर देवरिया बलिया राज्य मार्ग संख्या-1 के चैनेज-145.00 से चैनेज-174.00 तक 28.9 किलोमीटर लंबे मार्ग के चार लेन चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण कार्य को मंजूरी प्रदान की गयी है। इस कार्य की प्रस्तावित लागत 212.95 करोड़ रुपये के सापेक्ष वित्त समिति ने 20.79 करोड़ रुपये का आकलन किया है। यह मार्ग महाराजगंज जिले के भारत-नेपाल सीमा स्थित सोनौली बॉर्डर से प्रारंभ होकर गोरखपुर, देवरिया होते हुए बलिया जिले में राष्ट्रीय राज्यमार्ग संख्या-19 को जोड़ता है। यह मार्ग जिले के चार तहसील मुख्यालयों को जिला मुख्यालय से जोडऩे वाला मुख्य मार्ग है तथा मार्ग के इस भाग का प्रयोग बिहार से आने-जाने वाले भारी वाहनों द्वारा कुशीनगर व गोरखपुर जाने के लिए किया जाता है। मार्ग पर जिला मुख्यालय से सलेमपुर तहसील मुख्यालय तक यातायात घनत्व अधिक है। जिले के 16 ब्लॉक मुख्यालयों में से आठ ब्लॉक मुख्यालयों के लोग इसका प्रयोग करते हैं।