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Cabinet decision: कर्मचारियों को खुश करने के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी

बजट में हर वर्ग को खुश करने में जुटी योगी सरकार ने आंदोलित चल रहे कर्मचारियों का भी गुस्सा ठंडा करने का प्रयास किया। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 08:55 PM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 08:55 PM (IST)
Cabinet decision: कर्मचारियों को खुश करने के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी
Cabinet decision: कर्मचारियों को खुश करने के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी

लखनऊ, जेएनएन। बजट में हर वर्ग को खुश करने में जुटी योगी सरकार ने गुरुवार को आंदोलित चल रहे कर्मचारियों का भी गुस्सा ठंडा करने का प्रयास किया। योगी सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस फैसले से नई पेंशन योजना में राज्य सरकार का अंशदान चार फीसद बढ़ जाएगा। बचे हुए नियोक्ता अंशदान तथा पर ब्याज के कारण कुल 10499 करोड़ तथा दस प्रतिशत से बढ़ाकर 14 फीसद किये जाने पर अतिरिक्त 1428 करोड़ रुपये यानी कुल 11927 करोड़ रुपये वार्षिक व्यय भार आएगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोकभवन में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी।

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योगदान में चार फीसद का इजाफा 

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में सरकार अब दस फीसद से बढ़ाकर 14 फीसद योगदान करने जा रही है। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर आंदोलित कर्मचारियों को रिझाने के लिए यह सरकार का बड़ा दांव माना जा रहा है। एनपीएस पहली अप्रैल, 2005 से लागू है और इसके तहत सरकारी कर्मचारियों के 10 प्रतिशत वेतन की हर महीने पेंशन के लिए कटौती होती हैै। इतना ही योगदान राज्य सरकार भी करती है। केंद्र सरकार ने कुछ अरसा पहले नई पेंशन योजना के तहत अपने योगदान में चार फीसद का इजाफा किया है। केंद्र की तर्ज पर ही राज्य सरकार भी अब चार प्रतिशत की वृद्धि करेगी। यह योजना एक अप्रैल, 2019 से प्रभावी होगी। इस योजना में 2005 से अब तक के अंश कर्मचारियों के खाते में भेजे जाएंगे। इसके लिए अभियान चलाकर खाता खोला जाएगा। नियोक्ता अंशदान को कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के योग के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया गया है। कोटे में गए अंशदान को सिस्टम में देर से जमा किये जाने पर जीपीएफ पर लागू ब्याज दर से ब्याज का भी भुगतान किया जाएगा। 

वाणिज्य कर विभाग के प्रशिक्षण संस्थान भवन की पुनरीक्षित लागत मंजूर

गाजियाबाद के मोहननगर परिसर में वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों के प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण होगा। इसके भवन निर्माण में पुनरीक्षित लागत 34 करोड़ 96 लाख 45 हजार रुपये एवं नियमानुसार देय जीएसटी समेत उच्च विशिष्टियों के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। 

सहारनपुर और बिजनौर की परियोजनाओं को सुविधाएं मंजूर 

कैबिनेट ने जैव ऊर्जा उद्यम प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत सहारनपुर एवं बिजनौर में स्थापित कराई जाने वाली दो परियोजनाओं को सुविधाएं देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सहारनपुर और बिजनौर में 400-400 करोड़ रुपये की दो जी-इथेनाल की परियोजनाएं उपयुक्त पाई गई हैं। कैबिनेट ने तय किया है कि इन परियोजनाओं के लिए फर्म मैसर्स शिव ओम दयाल इनर्जीस प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली को भूमि क्रय कर स्टैंप ड्यूटी, पूंजीगत छूट एवं एसजीएसटी से संबंधित छूट उपलब्ध कराई जाएंगी। 

पांच चिकित्सा महाविद्यालयों की पुनरीक्षित लागत मंजूर

केंद्र की सहायता से राज्य सरकार जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय का स्वरूप दे रही है। कैबिनेट ने गुरुवार को पांच जिला चिकित्सालयों को राज्य चिकित्सा महाविद्यालय निर्मित किये जाने के संबंध में 977.99 करोड़ रुपये की पुनरीक्षित लागत का अनुमोदन किया है। इसके तहत राज्य चिकित्सा महाविद्यालय शाहजहांपुर और राज्य चिकित्सा महाविद्यालय फीरोजाबाद के लिए 193.38-193.38 करोड़ रुपये, राज्य चिकित्सा महाविद्यालय बहराइच के लिए 197.55 करोड़ रुपये, राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय अयोध्या के लिए 195.76 करोड़ रुपये और राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय बस्ती के लिए 197.92 करोड़ रुपये पुनरीक्षित लागत को मंजूरी दी है। 


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