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स्कूली वाहनों के परमिट के लिए नियम होंगे सख्त, संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी

अब चकाचक और फिट वाहन ही स्कूलों में लगेंगे क्योंकि सरकार स्कूली वाहनों के परमिट के लिए नियम सख्त करने जा रही है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 08:06 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 08:06 PM (IST)
स्कूली वाहनों के परमिट के लिए नियम होंगे सख्त, संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी
स्कूली वाहनों के परमिट के लिए नियम होंगे सख्त, संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी

जेएनएन, लखनऊ। जर्जर, खटारा और वर्षों पुराने वाहनों का प्रयोग स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने में होता है। इससे दुर्घटनाएं भी होती हैं और अभिभावकों को पल-पल डर सताता है लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। अब चकाचक और फिट वाहन ही स्कूलों में लगेंगे क्योंकि सरकार स्कूली वाहनों के परमिट के लिए नियम सख्त करने जा रही है। कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली 1998 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 

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राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि प्रदेश में स्कूली बच्चों के आवागमन में प्रयुक्त स्कूल बसों एवं अन्य छोटे वाहनों की होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक और स्कूली बच्चों की समुचित सुरक्षा सुनिश्चित किया जाना सरकार की प्राथमिकता है। भारत सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने भी स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर सख्त नियम लागू करने पर जोर दिया है। राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नियमावली में 9 (क) नया अध्याय जोड़ा है। इसमें स्कूल वाहनों को परमिट देते समय आरटीओ के लिए आवश्यक दिशा निर्देश रहेंगे। इस नियमावली के तहत परिवहन समिति के गठन एवं उनके कार्य निर्धारित होंगे। स्कूल वाहनों की आयु सीमा तय की जाएगी। गेट पर सीसीटीवी प्रोवीजन होगा और पार्किंग में भी सीसीटीवी सिस्टम लगेगा। बसों या वैन में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा। स्कूल वाहन चलाने वाले चालकों की शैक्षिक योग्यता और वर्दी तय की जाएगी। चालकों का मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा। उनके नेत्र परीक्षण और निर्धारित योग्यता की कसौटी पर खरा उतरने के बाद ही उन्हें वाहन चलाने की अनुमति मिलेगी। इसमें ओवरलोडिंग पर अंकुश लगाने के लिए भी व्यवस्था की जाएगी। 

रामपुर और हरदोई में बनेंगे नए विद्युत उपकेंद्र

सरकार रामपुर और हरदोई में नए बिजली उपकेंद्र खोलने जा रही है। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि मुरादाबाद, रामपुर एवं निकटवर्ती जिलों के प्राथमिक उपकेंद्रों का सुचारु रूप से पोषण करने तथा घाटमपुर तापीय परियोजना से उत्पादित ऊर्जा का इन क्षेत्रों में वितरण सुनिश्चित करने के लिए रामपुर में 765 केवी उपकेंद्र के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इस उपकेंद्र से संबंधित लाइनों का भी निर्माण होगा। उपकेंद्र का निर्माण पीपीपी पद्धति पर टैरिफ बेस्ड (काम्पटीटिव बिडिंग के आधार पर) होगा। इस पर 626.69 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जबकि 346.70 करोड़ रुपये की लागत से इस उपकेंद्र से संबंधित लाइनों का निर्माण इपीसी आधार पर कराया जाएगा। 

हरदोई के उपकेंद्र पर खर्च होंगे 248 करोड़

कैबिनेट ने हरदोई के मल्लावां क्षेत्र के 220 केवी उपकेंद्र और संबंधित लाइनों के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। अनुमोदित कार्य की कुल लागत 248.38 करोड़ रुपये है।

सौर ऊर्जा परियोजना के लिए टैरिफ अनुमोदित

कैबिनेट ने सौर ऊर्जा नीति-2017 के तहत कुल 550 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए परियोजना विकासकर्ता तथा टैरिफ अनुमोदित किया है। पांच सौ मेगावाट सौर ऊर्जा आठ जिलों के विभक्त होगी और इसे पावर कारपोरेशन खरीदेगा। इसमें बदायूं के लिए 100 मेगावाट, कानपुर में 85, चित्रकूट 120 मेगावाट, बांदा में 100, मीरजापुर में 70, बरेली में 50 और लखनऊ में 25 मेगावाट मिलेगा। इसके लिए तीन रुपये दो पैसे न्यूनतम टैरिफ तय की गई है। एनटीपीसी लिमिटेड, नोएडा की क्षमता  85 मेगावाट-3.02 रुपये किलोवाट, बस्तीली सोलर प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली-70 मेगावाट-3.04 रुपये, बस्तीली सोलर प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली-70 मेगावाट-3.07 रुपये, गिरीराज रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड नोएडा - 100 मेगावाट - 3.07 रुपये, मैसर्स महोबा सोलर यूपी प्राइवेट लिमिटेड अहमदाबाद - 50 मेगावाट - 3.07 रुपये, टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड मुंबई - 50 मेगावाट-3.07 रुपये, जैक्शन पावर प्राइवेट लिमिटेड नोएडा - 50 मेगावाट - 3.07 रुपये, टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड मुंबई- 50 मेगावाट- 3.08 रुपये और महोबा सोलर यूपी प्राइवेट लिमिटेड, अहमदाबाद-25 मेगावाट एलाटेड प्रोजेक्ट क्षमता 3.08 रुपये प्रति किलोवाट की दर से निर्धारित है। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को अनुमोदित किया है। 


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