कैबिनेट फैसले : अधीनस्थ सेवा चयन आयोग करेगा एएनएम की भर्ती
उत्तर प्रदेश चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षक की भर्ती अब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग करेगा।
जेएनएन, लखनऊ। उत्तर प्रदेश चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षक (पुरुष और महिला एएनएम) की भर्ती अब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग करेगा। इसके लिए कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षक (पुरुष और महिला एएनएम) अराजपत्रित सेवा नियमावली, 2018 को मंजूरी दे दी है। एएनएम की शैक्षिक योग्यता में विज्ञान विषय से इंटरमीडिएट उत्तीर्ण होना जरूरी था लेकिन, अब विज्ञान विषय की अनिवार्यता हटा दी गई है।
इंटरमीडिएट विज्ञान की अनिवार्यता समाप्त
राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि अब तक एएनएम की प्रशिक्षण पूर्व शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट विज्ञान वर्ग रही है लेकिन, इस नियम के लागू होने के बाद अब किसी भी विषय से इंटरमीडिएट उत्तीर्ण अभ्यर्थी प्रशिक्षण ले सकता है। पहले उप्र मेडिकल काउंसिल से पंजीकृत अभ्यर्थियों का ही चयन होता था लेकिन, इस व्यवस्था में भी बदलाव होगा। अब अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के माध्यम से लिखित परीक्षा के आधार पर चयन की व्यवस्था की गई है। इस नियमावली में इंडियन नर्सिंग काउंसिल से मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण स्कूलों से प्रशिक्षित एवं उप्र मेडिकल काउंसिल से पंजीकृत अभ्यर्थियों के चयन की व्यवस्था है।
योग्य और दक्ष कर्मियों की तैनाती
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस प्रक्रिया ले योग्य और दक्ष कर्मियों की तैनाती की जा सकेगी। इस प्रस्तावित नियमावली में आवश्यकतानुसार जिला चिकित्सालयों में भी प्रशिक्षण केंद्र बनाये जाएंगे। नई नियमावली में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अन्तर्गत संविदा पर कार्यरत एएनएम को तीन अंक प्रतिवर्ष एवं अधिकतम पांच वर्षों के लिए 15 अंक का वेटेज दिये जाने का प्रावधान किया गया है। साथ ही ऐसे अभ्यर्थियों को उनकी संविदा की अवधि के आधार पर अधिकतम पांच वर्ष तक की आयु सीमा में छूट का भी प्रावधान है।
लखनऊ में स्थापित होगा रीजनल सेरीकल्चर रिसर्च स्टेशन
केंद्रीय रेशम बोर्ड, बेंगलुरु का रीजनल सेरीकल्चर रिसर्च स्टेशन, लखनऊ में स्थापित होगा। कैबिनेट ने मंगलवार को रिसर्च स्टेशन की स्थापना के लिए राजकीय रेशम फार्म, ऐन, लखनऊ की 2.012 हेक्टेयर भूमि को एक रुपये वार्षिक प्रतीकात्मक शुल्क पर 30 वर्ष के पट्टे पर दिये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस पट्टे को अधिकतम 99 वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है। राजकीय रेशम फार्म, ऐन में यह भूमि अवस्थापना सुविधाओं सहित उपलब्ध है। 38 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से भूमि का कुल मूल्य 76..456 लाख रुपये आकलित किया गया है। रीजनल सेरीकल्चर रिसर्च स्टेशन की स्थापना के लिए केंद्रीय रेशम बोर्ड समस्त व्यय वहन करेगा। प्रदेश में रीजनल सेरीकल्चर रिसर्च स्टेशन की स्थापना से रेशम उत्पादन के क्षेत्र में शोध कार्य एवं नवीन तकनीकों का लाभ रेशम उद्योग से जुड़े किसानों और उद्यमियों को मिलेगा और रोजगार के नये अवसर मिलेंगे। इसकी स्थापना से रेशम उत्पादन से जुड़े किसानों की आय में वृद्धि होगी।
आगरा, मथुरा, वाराणसी और प्रयागराज में बनेगा हेलीपैड
सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा संचालित करने का फैसला किया है। आगरा, मथुरा, वाराणसी और प्रयागराज में हेलीकॉप्टर संचालन के लिए हेलीपोर्ट, हेलीपैड और एयर स्ट्रिप का निर्माण होगा। इसके लिए निश्शुल्क हस्तांतरित और खरीदी जाने वाली भूमि के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। पर्यटन विभाग की इस परियोजना के लिए सरकार ने 24 करोड़ 73 लाख 25 हजार रुपये स्वीकृत किये हैं और लोकनिर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था नामित किया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि आगरा में प्रस्तावित हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के समीप स्थित उप्र एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण की उपयुक्त पाई गई 2.2656 हेक्टेयर भूमि निश्शुल्क ली जाएगी। इस भूमि से सटे आगरा विकास प्राधिकरण की 0.4290 हेक्टेयर भूमि (जिसका अनुमानित मूल्य 94 लाख 33600 रुपये) तथा निजी स्वामित्व की 0.0267 हेक्टेयर भूमि (पांच लाख 87 हजार 400 रुपये) का भुगतान पर्यटन विभाग द्वारा किया जाएगा। मथुरा की तहसील गोवद्र्धन में हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए राजस्व ग्राम पैंठा की 10.481 हेक्टेयर में से पांच हेक्टेयर भूमि राजस्व विभाग से पर्यटन विभाग को निश्शुल्क हस्तांतरित की जाएगी। वाराणसी के ग्राम डोमरी में 3.159 हेक्टेयर भूमि पर्यटन विभाग को निश्शुल्क, प्रयागराज के ग्राम सराय मौज में 0.228 हेक्टेयर भूमि को आरक्षित कर पर्यटन विभाग को निश्शुल्क हस्तांरित किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।
लाभार्थियों को चीनी खरीदने के लिए रिवर्स ई-आक्शन को मंजूरी
अन्त्योदय कार्डधारकों को प्रति माह एक किलोग्राम चीनी दी जानी है। कैबिनेट ने इसकी खरीद रिवर्स ई-ऑक्शन की प्रक्रिया से कराये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अन्त्योदय कार्डधारकों के 40 लाख परिवार हैं और इन्हें चार लाख टन चीनी देनी है। इसकी खरीद के लिए ई-टेंडङ्क्षरग की गई लेकिन एक ही बिडर आया। इसके बाद रिवर्स ई-ऑक्शन की प्रक्रिया अपनाये जाने का प्रस्ताव लाया गया है। रिवर्स ई- ऑक्शन में खुली निविदा होती है, जिसमें निविदादाता सबसे कम निविदा को देख सकता है तथा अपनी दर को संशोधित करके फिर से निविदा में भाग ले सकता है। रिसर्व ई आक्शन में अधिक संख्या में चीनी आपूर्तिकर्ता भाग ले सकते हैं तथा प्रतिस्पर्धा के कारण चीनी की दर कम हो सकती है। इस सिलसिले में 11 सितंबर 2018 को संपन्न बैठक में चीनी की खरीद रिवर्स ई-आक्शन के जरिये तथा भारत सरकार की कंपनी एमएसटीसी का उपयोग किये जाने का निर्णय लिया गया। रिवर्स ई-ऑक्शन मंडलवार होगा।
सहकारी बैंक को 1500 करोड़ कर्ज देने को शासकीय गारंटी
उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक ने नाबार्ड से 1500 करोड़ रुपये कर्ज के लिए प्रस्ताव दिया है। इस कर्ज के लिए नाबार्ड को शासकीय गारंटी की जरूरत होती है। मंगलवार को कैबिनेट ने 1500 करोड़ रुपये की शासकीय गारंटी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।