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Cabinet approval: सोसाइटी मॉडल में चलेंगे यूपी के नए मेडिकल कालेज

केंद्र सरकार की सहायता से प्रदेश में बन रहे नए मेडिकल कालेजों को चलाने के लिए सोसाइटी मॉडल अपनाने का फैसला किया गया है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 08:23 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 08:23 PM (IST)
Cabinet approval: सोसाइटी मॉडल में चलेंगे यूपी के नए मेडिकल कालेज
Cabinet approval: सोसाइटी मॉडल में चलेंगे यूपी के नए मेडिकल कालेज

लखनऊ (जेएनएन)। केंद्र सरकार की सहायता से प्रदेश में बन रहे नए मेडिकल कालेजों को चलाने के लिए सोसाइटी मॉडल अपनाने का फैसला किया गया है। राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात में इसी मॉडल से मेडिकल कालेजों का संचालन होता है। मंगलवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस फैसले से मेडिकल कालेजों में चिकित्सा शिक्षकों, नर्सेज और पैरा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति का अधिकार सोसाइटी को मिल जाएगा।

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नियुक्ति प्रक्रिया में समय की बचत

राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि प्रदेश में दो फेज में मेडिकल कालेज बन रहे हैं। बस्ती, बहराइच, फैजाबाद, फीरोजाबाद और शाहजहांपुर में बन रहे मेडिकल कालेज और इनसे सम्बद्ध जिला चिकित्सालय एवं रेफरल अस्पताल के संचालन के लिए सोसाइटी गठित होगी। मौजूदा समय में प्रदेश में राजकीय मेडिकल कालेजों के चिकित्सा शिक्षकों एवं नर्सेज का चयन उप्र लोक सेवा आयोग तथा पैरा मेडिकल कालेज स्टाफ का चयन उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिये किया जाता है। प्रवक्ता का कहना है कि इससे नियुक्ति प्रक्रिया में डेढ़ से दो वर्ष का समय लगता है और अपेक्षित भर्ती नहीं हो पाती है। गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सोसाइटी मॉडल के जरिये इनका संचालन होता है। राज्य सरकार ने इन राज्यों में अध्ययन के बाद यह प्रक्रिया अपनाने का फैसला किया। 

फरवरी 2019 तक क्रियान्वित होगी सोसाइटी 

पांचों नए मेडिकल कालेजों में पांच स्वशासी सोसाइटी फरवरी 2019 तक संचालित किये जाने का लक्ष्य है। इसकी गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन चिकित्सा शिक्षा मंत्री होंगे। इससे फैकल्टी तथा नॉन फैकल्टी के पदों पर भर्ती और नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी आएगी। 

काशी-विश्वनाथ के लिए अधिग्रहीत होगी 130 संपत्तियां 

धर्मार्थ कार्य विभाग द्वारा वाराणसी में गंगा नदी से श्री काशी-विश्वनाथ मंदिर के विस्तारीकरण और सुंदरीकरण की योजना शुरू की गई है। इसके लिए सरकार संपत्तियों का अधिग्रहण कर रही है। पहले चरण में 166 भवन और संपत्तियां अधिग्रहीत की जा चुकी हैं और अब फिर 130 संपत्तियों का अधिग्रहण होना है। कैबिनेट ने मंगलवार को इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक कुल 413 करोड़ रुपये इस पर व्यय होने हैं। पहले चरण में 190 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। शेष धनराशि के लिए भी कैबिनेट ने अनुमोदन दे दिया। 

वाराणसी भगदड़ की रिपोर्ट सदन में रखने की मंजूरी 

वाराणसी में जयगुरुदेव सत्संग मंडल, मथुरा के तत्वावधान में आयोजित आध्यात्मिक सत्संग एवं आध्यात्मिक यात्रा के दौरान 15 अक्टूबर, 2016 को राजघाट पुल पर भगदड़ मच गई थी। इस भगदड़ में 25 लोगों की मौत हो गई थी। सरकार ने इस घटना की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग गठित की थी। सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राजमणि चौहान की अध्यक्षता में गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखे जाने का प्रस्ताव कैबिनेट ने मंजूर कर लिया। यह आयोग 17 अक्टूबर, 2016 को गठित हुआ था।


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