Move to Jagran APP

कैबिनेट फैसले : सपा सरकार का फैसला बदला, जल निगम चेयरमैन अब लाभ का पद

योगी सरकार ने सपा शासन में तत्कालीन नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां के फैसले को बदल दिया है। जल निगम चेयरमैन पद को फिर लाभ का पद मान लिया है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 11:52 PM (IST)Updated: Wed, 31 Oct 2018 12:02 AM (IST)
कैबिनेट फैसले : सपा सरकार का फैसला बदला, जल निगम चेयरमैन अब लाभ का पद
कैबिनेट फैसले : सपा सरकार का फैसला बदला, जल निगम चेयरमैन अब लाभ का पद

लखनऊ (जेएनएन)। योगी सरकार ने सपा शासनकाल में तत्कालीन नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां के फैसले को बदल दिया है। मंगलवार को कैबिनेट ने उप्र जल संभरण तथा सीवर व्यवस्था (संशोधन) अध्यादेश, 2018 के नए प्रारूप का अनुमोदन करते हुए जल निगम चेयरमैन के पद को फिर से लाभ का पद मान लिया है। बता दें कि इस पद को सपा सरकार में गैर लाभ का पद मानते हुए निगम के प्रबंधकीय व्यवस्था पर उनके नियंत्रण को समाप्त कर दिया था। वर्ष 2007 में विधायी संशोधन के जरिये वर्ष 1975 में जो व्यवस्था लागू की गई थी, उसके समुचित अनुपालन में व्यवहारिक कठिनाई आ रही थी लेकिन, नए संशोधन से उप्र जल निगम को अधिनियम की शक्तियों के प्रयोग और अनुपालन में सहायता मिलेगी। उल्लेखनीय है कि सपा शासनकाल में तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खां ने जल निगम चेयरमैन की कुर्सी भी अपने पास रखी थी। मंत्री के पद पर रहते हुए नियमानुसार वह खुद इस पद पर नहीं रह सकते थे। इसलिए उन्होंने चेयरमैन के पद को गैर लाभ का पद घोषित कराया था।

loksabha election banner

ओडीओपी योजना में खुलेंगे सामान्य सुविधा केंद्र

योगी सरकार एक जिला-एक उत्पाद योजना (ओडीओपी) के अंतर्गत सामान्य सुविधा केंद्र प्रोत्साहन योजना लागू करने जा रही है। मंगलवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। सरकार ने इस योजना के जरिये हर जिलों के उत्पादों को देश-दुनिया में विशिष्ट पहचान दिलाने और कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कारीगरों को सुविधा देने की पहल की है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि योजना के तहत चिह्नित किये गए उत्पादों से संबंधित कार्यों के लिए सामान्य सुविधा केंद्र की स्थापना होगी। इसके लिए दस बिंदु निर्धारित किये गए हैं। इसमें डिजाइन डेवलपमेंट एंड ट्रेनिंग सेंटर, तकनीक अनुसंधान एवं विकास केंद्र, उत्पाद प्रदर्शन सह विक्रय केंद्र, रॉ-मैटिरियल बैंक, कामन रिसोर्स सेंटर, कामन प्रोडक्शन/ प्रोसेसिंग सेंटर, कामन लॉजिस्टिक सेंटर, सूचना संग्रह, विश्लेषण एवं प्रसारण केंद्र, पैकेजिंग, लेबलिंग एवं बारकोडिंग सुविधाएं और संबंधित जिलों हेतु चयनित उत्पाद के विकास के लिए नोडल संस्था द्वारा कराई गई डायग्नोस्टिक स्टडी प्रमुख हैं।

एसपीवी करेगी संचालन, योग्यता भी तय 

सामान्य सुविधा केंद्रों की स्थापना, संचालन और रख रखाव के लिए विशेष रूप से गठित एसपीवी (स्पेशल परपज व्हीकल) द्वारा किया जाएगा। एसपीवी स्वयं सहायता समूह, सहकारी संस्थाएं, स्वयंसेवी संस्था, प्रोड्यूसर कंपनी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, लिमिटेड कंपनी आदि के रूप में हो सकती है। एसवीवी संस्था में कम से कम 20 सदस्य होने जरूरी हैं। कुल सदस्यों में न्यूनतम दो तिहाई सदस्य ओडीओपी उत्पाद से संबंधित होने चाहिये। संस्था के संविधान में संबंधित उत्पाद से जुड़े राज्य सरकार के एक प्रतिनिधि को सदस्य के रूप में शामिल करने का प्रावधान होना जरूरी होगा। संस्था के कुल शेयरों में से दस प्रतिशत से अधिक शेयर किसी भी सदस्य के पास नहीं होने चाहिये। 

योजना में 15 करोड़ तक की ही परियोजनाएं होंगी शामिल 

इस योजना में अधिकतम 15 करोड़ रुपये तक की परियोजनाएं शामिल हो सकेंगी। इसमें न्यूनतम दस फीसद धनराशि एसपीवी द्वारा वहन की जाएंगी और शेष धनराशि राज्य सरकार वहन करेगी। यानि परियोजना लागत के 90 प्रतिशत तक राज्य सरकार का अंशदान होगा। 15 करोड़ से अधिक की भी परियोजना ली जा सकेंगी लेकिन, ऐसे में राज्यांश के रूप में वहन की जाने वाली धनराशि अधिकतम 12.75 करोड़ या परियोजना लागत में भूमि की लागत को कम करने के बाद अवशेष जो भी कम हो, तक सीमित रहेगी। 

15 वर्षों के लीज पर ली जा सकेगी भूमि

परियोजना की स्थापना के लिए 15 वर्षों की लीज पर भूमि ली जा सकेगी। यह एसपीवी के अधीन भी हो सकती है। लीज पर ली गई भूमि की दशा में अधिकतम 15 वर्षों के लीज रेंट को परियोजना लागत में शामिल किया जाएगा। एसपीवी को भूमि को राज्य सरकार के पक्ष में न्यूनतम 15 वर्षों के लिए बंधक रखना होगा। दस करोड़ तक की परियोजनाओं का अंतिम अनुमोदन राज्य स्तरीय समिति द्वारा तथा दस करोड़ से अधिक धनराशि की परियोजनाओं का अनुमोदन उच्च स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.