कैबिनेट फैसला : पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए 12 हजार करोड़ कर्ज लेने की मंजूरी
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण की राह आसान हो गई है। कैबिनेट ने इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण बैंकों से 12 हजार करोड़ रुपये कर्ज लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
लखनऊ (जेएनएन)। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण की राह आसान हो गई है। कैबिनेट ने इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण बैंकों से 12 हजार करोड़ रुपये कर्ज लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना के पूरा करने के लिए 36 माह का समय निर्धारित है लेकिन, सरकार ने तय किया है कि अधिकतम 24 से 26 माह में इसे पूरा कर लिया जाएगा।
लोकभवन में कैबिनेट की बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि इस परियोजना के लिए वित्तीय संसाधन की उपलब्धता होने से इसे गति मिलेगी और परियोजना से होने वाले रोजगार सृजन संबंधी कार्यों में भी तेजी आएगी। इसका विस्तृत ब्योरा देते हुए अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि बैंकों से 12 हजार करोड़ का ऋण परियोजना के सिविल कार्यों के लिए यूपीडा द्वारा लिया जाना प्रस्तावित था जिसे मंजूरी मिल गई है।
सरकार ने सात हजार 800 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दे दी है। पंजाब नेशनल बैंक लीड बैंक होगा। कर्ज लेने की जो शर्तें हैं और जो गारंटी देनी है, उस पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। यह कर्ज 15 वर्ष के लिए लिया जा रहा है जिसे 12 वर्षों में 48 किस्तों में चुकाना है। राज्य सरकार से शासकीय गारंटी एव यूपीडा द्वारा ब्याज चुका न पाने की स्थिति में राज्य सरकार द्वारा उस राशि को चुकाने की सहमति दे दी गई है। टोल राशि के जरिये यूपीडा द्वारा कर्ज चुकाने की स्थिति में आने तक राज्य सरकार लगभग तीन वर्ष तक त्रैमासिक आधार पर ब्याज राशि अदा करेगी।
परियोजना के सिविल निर्माण कार्यों के लिए कर्ज काम शुरू होने के तीन वर्ष के अंदर प्राप्त किया जाएगा और जिसकी समय सारिणी कर्ज की शर्तों के अधीन रहेगी। इसका ब्याज आरबीआइ की दर पर ही तय किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए करीब 93 फीसद भूमि अधिग्रहीत हो गई है और हर 50 मीटर पर पिलर भी लगा दिए गए हैं। अवस्थी के मुताबिक पांच जुलाई को निविदा आमंत्रित की गई है और छह जुलाई को यह निविदा खुलेगी। इसकी औपचारिकता पूरी कर ली गई है।
प्रधानमंत्री करेंगे शिलान्यास
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुमति मांगी गई है। मोदी का 14 और 15 जुलाई को वाराणसी में कार्यक्रम प्रस्तावित है। संगठन और सरकार की ओर से 15 जुलाई को शिलान्यास की तैयारी की जा रही है। हालांकि अभी इसका मिनट टू मिनट कार्यक्रम तय नहीं हो सका है।
खनिज विकास निगम की संपत्ति खनिकर्म निदेशालय को
उत्तर प्रदेश राज्य खनिज विकास निगम के शासकीय ऋण की धनराशि का समायोजन तथा परिसंपत्तियों का शासकीय विभागों में हस्तांतरण के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूर कर लिया है। वर्ष 2000 में एक शासनादेश के जरिये इस कंपनी को वाइंड-अप किये जाने एवं अवशेष क्रियाकलाप एवं गतिविधियों को भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय तथा यूपीएसआइडीसी को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया गया था। कंपनी द्वारा कर्मचारियों के देयकों आदि के लिए शासन से प्राप्त ऋण की
मूल धनराशि 18,23,86,000 रुपये तथा इस कर्ज पर ब्याज के रूप में 7,86,15,000 रुपये का भुगतान किया जा चुका है। मौजूदा समय में शासकीय ऋण पर ब्याज के रूप में 33,10,17,295 रुपये की धनराशि देय है। निगम के विधिक रूप से समापन से पहले निगम की लखनऊ, ललितपुर और सोनभद्र स्थित अवशेष निष्प्रयोज्य परिसंपत्तियों का मूल्यांकन लोक निर्माण विभाग से कराकर हस्तांतरण किया गया है। निगम की परिसंपत्तियों का मूल्य 13,46,35,400 रुपये है।