CAA Protest : पूर्व IPS दारापुरी ने रिकवरी नोटिस को हाईकोर्ट में दी चुनौती, सरकार से जवाब तलब
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने यूपी सरकार से पूछा है कि पूर्व आईपीएस श्रवण राम दारापुरी के खिलाफ किस कानून के तहत 64 लाख रुपये का रिकवरी नोटिस जारी किया गया है।
लखनऊ, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने यूपी सरकार से पूछा है कि पूर्व आईपीएस श्रवण राम दारापुरी के खिलाफ किस कानून के तहत 64 लाख रुपये का रिकवरी नोटिस जारी किया गया है। साथ ही हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि क्या जिस समय की ये घटना है, उस समय क्या ऐसा कोई कानून अस्तित्व में था, जिसके तहत इस प्रकार की रिकवरी नोटिस जारी की जा सकती थी। कोर्ट ने ये भी जानना चाहा है कि क्या दारापुरी को रिकवरी नोटिस जारी करने से पूर्व उन्हें सुनवाई का मौका दिया गया था। मामले की सुनवाई 14 जुलाई को होगी।
यह आदेश जस्टिस राजन राय की एकल पीठ ने पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी की तरफ से दाखिल याचिका पर पारित किया है। याची ने लखनऊ जिला प्रशासन की ओर से उनके खिलाफ जारी 64 लाख रुपये की रिकवरी नोटिस को चुनौती देते हुए कहा है कि उन्हें रिकवरी नोटिस गैरकानूनी ढंग से जारी की गई है। साथ ही जिस घटना के लिए उक्त रिकवरी नोटिस जारी की गई है, उस घटना में वे शामिल नहीं थे। साथ ही उन्हें रिकवरी नोटिस जारी करने से पूर्व सुनवाई का पूरा मौका भी नहीं दिया गया।
उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में गत वर्ष दिसंबर में लखनऊ में हुए प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में सरकारी संपत्तियां नष्ट कर दी गई थीं, जिस पर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए नुकसान का आकलन करने के बाद हिंसा में लिप्त अभियुक्तों के खिलाफ रिकवरी नोटिस जारी किया था। हिंसा के मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी।