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व्यवसायियों और उद्योगों को जुलाई के बिजली बिल में एक माह के फिक्स्ड चार्ज के बराबर मिलेगी छूट

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि व्यावसायिक उपभोक्ताओं को छूट एलएमवी-2 एलएमवी-6 एचवी-2 और एचवी-1 श्रेणी के उपभोक्ताओं को दी जाएगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 07:14 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 07:14 PM (IST)
व्यवसायियों और उद्योगों को जुलाई के बिजली बिल में एक माह के फिक्स्ड चार्ज के बराबर मिलेगी छूट
व्यवसायियों और उद्योगों को जुलाई के बिजली बिल में एक माह के फिक्स्ड चार्ज के बराबर मिलेगी छूट

लखनऊ, जेएनएन। केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के अधीन आने वाली उत्पादन व पारेषण इकाइयों की ओर से दी गई छूट के क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यावसायिक उपभोक्ताओं तथा लघु, मध्यम व भारी उद्योगों को जुलाई के बिल में एक माह के फिक्स्ड/डिमांड चार्ज के बराबर छूट देने का फैसला किया है।

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ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि यह छूट एलएमवी-2 , एलएमवी-6, एचवी-2 और एचवी-1 श्रेणी के उपभोक्ताओं को दी जाएगी। इन श्रेणियों के जो उपभोक्ता जून माह तक के बिजली बिल की संपूर्ण धनराशि 30 जून तक जमा करा देंगे तो उन्हें जुलाई के बिल में एक महीने के फिक्स्ड/डिमांड चार्ज की छूट दी जाएगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जो भोक्ता 30 जून तक अपना पूर्ण पूरा बिल जमा नहीं करेंगे तो वह अगले माह में दी जाने वाली इस छूट से वंचित रह जाएंगे।

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा जमा किए गए सेक्योरिटी डिपॉजिट पर वार्षिक ब्याज की धनराशि का हिसाब लगाकर उसका समायोजन भी जुलाई के बिल में कर दिया जाएगा। इससे जुलाई के बिल में कमी आएगी।

गौरतलब है कि कोरोना आपदा के कारण व्यावसायिक और औद्योगिक गतिविधियों पर पड़े विपरीत प्रभाव के कारण व्यवसायी और उद्यमी सरकार से मांग कर रहे थे कि लॉकडाउन की अवधि में उन्हें फिक्स्ड/डिमांड चार्ज से राहत दी जाए। इस सिलसिले में व्यावसायिक व औद्योगिक संगठनों ने जनप्रतिनिधियों के माध्यम से केंद्र व राज्य सरकार को प्रतिवेदन भी भेजे थे।

  • एलएलवी-2 श्रेणी : दुकानदार, होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, मैरिज हॉल, कोचिंग इंस्टिट्यूट आदि
  • एलएमवी-6 श्रेणी : लघु एवं मध्यम श्रेणी के 75 किलोवाट से कम भार के उद्योग
  • एचवी-2 श्रेणी : 75 किलोवाट भार से ऊपर के सभी भारी उद्योग

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