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लखनऊ में मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी उजागर, महानगर पुलिस ने व्यापारी पुत्र को दबोचा

इंस्पेक्टर ने बताया कि हिमांचल कुमार ने अपने नाम से एटलस फार्मास्युटिकल नाम से कंपनी खोल रखी थी। इस कंपनी का जीएसटी नंबर आदि सब कुछ था। 50 हजार रुपये कीमत का कंसंट्रेटर बेचते थे डेढ़ लाख रुपये में अन्य साथियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 08:55 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 07:59 AM (IST)
लखनऊ में मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी उजागर, महानगर पुलिस ने व्यापारी पुत्र को दबोचा
वाट्सएप ग्रुप और इंटरनेट मीडिया के माध्यम से करते थे कालाबाजारी।

लखनऊ, जेएनएन। आक्सीजन कंसंट्रेटर, थर्मामीटर और पल्स आक्सीमीटर समेत मेडिकल के अन्य उपकरणों की कालाबाजारी करने वाले गिरोह के शातिर व्यापारी पुत्र जय मखीजा को महानगर पुलिस शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। यह लोग वाट्सएप ग्रुप, इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पूरा नेटवर्क चलाते थे। 50 हजार रुपये कीमत का कंसंट्रेटर डेढ़ लाख रुपये तक में बेचते थे। पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमें गिरोह के फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।

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इंस्पेक्टर महानगर प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित जय मखीजा आलमबाग समर विहार कालोनी का रहने वाला है। उसके पिता अशोक कुमार मखीजा का सर्जिकल व्यवसायी हैं। जय के फरार साथी जसकरन निवासी सिंगारनगर और हिमांचल कुमार की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। जय की निशानदेही पर दो आक्सीजन कंसंट्रेटर, आठ थर्मामीटर, 37 पल्स आक्सीमीटर, तीन स्टीम किट, दो डिब्बा ग्लूकोज मीटर, 30 मास्क बरामद किए गए हैं।

वाट्सएप ग्रुप और इंटरनेट मीडिया पर दलालों की चेन : इंस्पेक्टर ने बताया कि यह लोग वाट्सएप ग्रुप और इंटरनेट मीडिया के माध्यम से सेल्स एजेंट (दलालों) की चेन बनाकर कालाबाजारी करते थे। इन लोगों ने इंटरनेट मीडिया पर अपने नंबर पोस्ट कर रखे थे। जब कोई जरूरतमंद उस नंबर पर फोन करके आवश्यक मेडिकल सामग्री की डिमांड करता था तो वह व्यक्ति दूसरे एजेंट का नंबर देता था। ग्राहक जब उस एजेंट से बात करता तो वह उसे थोड़ी जानकारी करके दूसरे का नंबर देता। इस तरह जरूरतमंद ग्राहक को करीब सात से आठ लोगों से बातचीत करनी पड़ती थी। उसके बाद उसे तय स्थान पर बुलाकर उपकरण देकर मनमाने रुपये लेते थे। पल्स आक्सीमीटर छह से सात सौ रुपये में आता है। उसे करीब चार हजार तक में बेचते थे। आक्सीजन सिलिंडर का वाल्व 1000-1200 रुपये में आता है। उसे छह हजार रुपये में बेचते थे।

कम कीमत पर देते थे पक्का बिल : इंस्पेक्टर ने बताया कि हिमांचल कुमार ने अपने नाम से एटलस फार्मास्युटिकल नाम से कंपनी खोल रखी थी। इस कंपनी का जीएसटी नंबर आदि सब कुछ था। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से हिमांचल कुमार कंपनी से माल बुक कराता था। वह कंपनी रेट पर आक्सीजन कंसंट्रेटर खऱीदता था। इसके बाद उसे पक्के बिल पर जय को बेचता था। जय से 15 से 20 हजार रुपये अतिरिक्त लेता था। जय उसे जसकरन को महंगे दाम पर बेचता था। जसकरन के पास आते उसका मूल्य एक लाख रुपये हो जाता था। जसकरन के बाद एजेंट उसे सवा लाख से डेढ़ लाख तक में बेचते थे।


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