गाय को बचाने में गई व्यवसायी की जान, अधिवक्ता पत्नी गंभीर
-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हादसा- -साथी सहेली बैंक मैनेजर व उनका बेटा घायल, बाल-बाल बचे बच्चे -ख्ि
-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हादसा-
-साथी सहेली बैंक मैनेजर व उनका बेटा घायल, बाल-बाल बचे बच्चे
-खिड़की का शीशा तोड़कर सड़क पर गिरे महिला व बच्चा, व्यवसायी स्टेय¨रग में फंसा
जागरण संवाददाता, लखनऊ : उन्नाव स्थित तोंदा गांव के पास आगरा एक्सप्रेस-वे पर सोमवार रात भीषण हादसा हो गया। मेट्रो सिटी महानगर निवासी व्यवसायी पंकज शुक्ला की तेज रफ्तार फॉरर्च्युनर कार गाय को बचाने के चक्कर में डिवाइडर पर चढ़ गई। चार-पांच बार कार पलटने के बाद रुकी तो वहां का मंजर देखकर तोंदा गांव के ग्रामीणों की रूह कांप गई। घटना में पंकज की मौत हो गई। पंकज की पत्नी हाईकोर्ट की अधिवक्ता आकांक्षा गंभीर रूप से घायल हो गई। साथी सहेली आलमबाग स्थित आइडीबीआइ बैंक की मैनेजर नीलम को सीट बेल्ट लगाए होने कारण कम चोटें आई। उनके पति अजय कुमार भी सीनियर मैनेजर हैं। नीलम के मुताबिक हादसे के समय कार 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से थी। सभी गाजियाबाद से लौट रहे थे। पंकज कार चला रहे थे, आकांक्षा आगे उनकी बगल की सीट पर बैठी थीं। नीलम के पास पंकज की बेटी अधविका उर्फ परी (05) व उनका बेटा अक्षत (04) बीच की सीट पर बैठे थे। वह लामार्टीनियर गर्ल्स कॉलेज की छात्रा है। सबसे पीछे नीलम की नौकरानी अमृत व बेटा लड्डू (02) बैठा था। तोंदा गांव के पास अचानक सामने गाय देखकर पंकज कार से नियंत्रण खो बैठे। हादसे में पंकज के दोनों पैर स्टेय¨रग में फंस गए और आगे का शीशा तोड़ते हुए आधे से ज्यादा धड़ आगे बोनट पर जा गिरा। आकांक्षा भी सीट के बगल का शीशा तोड़तीं हुई बाहर सड़क पर जा गिरीं। दोनों सीट बेल्ट नहीं लगाए थे। अगर पंकज सीट बेल्ट लगाए होते तो उनकी जान बच भी सकती थी और आकांक्षा भी बाहर सड़क पर न गिरतीं। सीट बेल्ट न लगी होने के चलते कार का एयर बैग भी नहीं खुला। नीलम सीट बेल्ट लगाएं थीं, इसीलिए गाड़ी में ही सुरक्षित रहीं। उनका दो वर्षीय बेटा अक्षत भी कार के पीछे का शीशा तोड़कर बाहर जा गिरा। जिसे कार में बैठी उनकी नौकरानी ने बीच सड़क से उठाया। गनीमत रही कि इस दरमियान पीछे से कोई वाहन नहीं आया। घटना के पंद्रह मिनट के अंदर तोंदा गांव के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उन्होंने घायल आकांक्षा को सड़क किनारे किया।
आधे घंटे बाद पहुंची पीआरवी, ग्रामीणों ने पीटा तब ले गए ट्रॉमा
आकांक्षा की सहेली व मेट्रो सिटी में पड़ोसी नीलम के मुताबिक सोमवार रात 10:45 पर हादसा हुआ। तत्काल डायल 100 पर सूचना देने के बावजूद आधे घंटे बाद 11:15 पर पीआरवी (पुलिस प्रतिक्रिया वाहन) पहुंचा। पीआरवी के पुलिसकर्मियों ने सड़क पर तड़प रही आकांक्षा व कार में फंसे उनके पति पंकज को ट्रॉमा सेंटर ले जाने से मना कर दिया। नीलम ने बताया कि अभद्र व्यवहार करते हुए पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने की बात कही। पुलिसकर्मियों के रवैये से तोंदा गांव के प्रधान व उनके समर्थक आक्रोशित हो गए और उन्होंने उनकी पिटाई कर दी। तब जाकर पुलिसकर्मी पीआरवी से आकांक्षा व पंकज को ट्रॉमा ले गए। प्रधान ने अपना एक समर्थक भी पुलिसकर्मियों के साथ वाहन में बैठा दिया था। ट्रॉमा में डॉक्टरों ने पंकज को मृत घोषित कर दिया। साथ ही यह भी बताया कि अगर वक्त रहते पंकज को अस्पताल पहुंचाया जाता तो जान बचाई भी जा सकती थी। सिर से अधिक रक्तस्राव उनकी मौत का कारण बना। आकांक्षा ट्रॉमा में इलाज के बाद घर आ गई हैं। नीलम व उनका बेटा लड्डू भी प्राथमिक उपचार के बाद ठीक हैं।
कार से पिस्टल, नकदी व सामान चोरी
बैंक मैनेजर नीलम के मुताबिक रात में घटना के बाद सुबह कार को क्रेन से हटाकर थोड़ी दूरी पर खड़ा कर दिया गया था। कार से पंकज की पिस्टल, सामान व नकदी गायब थी। नीलम के भी पैसे व कुछ सामान गायब था। उन्होंने बताया कि घटना के बाद किसी ने चोरी कर लिया।
इकलौते बेटे की मौत से पिता सदमे में, पत्नी का बुरा हाल
दुर्घटना में पति पंकज को खो चुकीं आकांक्षा का बुरा हाल था। उनके दाहिने हाथ में फ्रैक्चर हुआ है। शरीर के अन्य हिस्सों में भी गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन पति की मौत के आगे उन्हें अपनी चोटों की भी परवाह नहीं। आकांक्षा के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे। घटना के बाद से वह बदहवास हैं। मेट्रो सिटी स्थित पंकज के फ्लैट में मौजूद उनकी चाची नीलम शुक्ला ने बताया कि पंकज के पिता संतोष शुक्ला इंस्पेक्टर के पद से रिटायर हुए हैं। इकलौते बेटेपंकज की मौत के बाद से वह सदमे में हैं। पंकज की दो बहनों चित्रा व प्रियंका की शादी हो चुकी है। पंकज की मां तारा शुक्ला की मौत हो चुकी है।