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UP Budget Session 2021: बसपा में बढ़ा टूट का खतरा, बागियों ने विधानसभा अध्यक्ष से सदन में मांगीं अलग सीटें

बसपा से निलंबित विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित से मिलकर अपने बैठने के लिए बसपा से अलग सीटें उपलब्ध कराने की मांग की। हालांकि हृदयनारायण दीक्षित ने अलग बैठने की व्यवस्था करने से इनकार किया लेकिन बसपा में दो फाड़ होने का खतरा गहराता जा रहा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 18 Feb 2021 07:45 PM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2021 07:46 PM (IST)
UP Budget Session 2021: बसपा में बढ़ा टूट का खतरा, बागियों ने विधानसभा अध्यक्ष से सदन में मांगीं अलग सीटें
बसपा विधायकों ने कहा कि उनको निलंबित किया गया है, इसलिए सदन में बैठने की अलग व्यवस्था की जाए।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश गत राज्यसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी में हुई बगावत का असर गुरुवार को विधानमंडल के बजट सत्र में भी दिखा। बसपा से निलंबित विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित से मिलकर अपने बैठने के लिए बसपा से अलग सीटें उपलब्ध कराने की मांग की। हालांकि हृदयनारायण दीक्षित ने अलग बैठने की व्यवस्था करने से इनकार किया, लेकिन बसपा में दो फाड़ होने का खतरा गहराता जा रहा है। 

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दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होने से पूर्व भिगना के विधायक असलम राइनी, धौलाना के असलम चौधरी, सिधौली के हरगोविंद भार्गव और प्रतापपुर के विधायक मुजतबा सिद्दीकी ने विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित से उनके कक्ष में मुलाकात की। विधायकों का कहना था कि बसपा से उनको निलंबित किया गया है, इसलिए सदन में उनके बैठने की अलग व्यवस्था की जाए। हृदयनारायण दीक्षित ने निलंबन की विधिवत जानकारी बसपा की ओर से न मिलने की बात कही। उन्होंने कहा कि अलग बैठने की व्यवस्था करने की यह ठोस वजह नहीं है। इसलिए पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही बैठें। 

अलग बैठने की सीट मांगने पर सफाई देते हुए विधायक असलम राइनी ने आरोप लगाया कि बसपा महासचिव सतीश मिश्र पार्टी को खत्म करने पर तुले हैं। एक-एक कर पुराने कार्यकर्ताओं को बाहर किया जा रहा है। मिश्र के इशारे पर ही उनको विधायकों की बैठक में भी नहीं बुलाया गया। उधर, बसपा विधानमंडल दल नेता लालजी वर्मा ने कहा कि निलंबन या निष्कासित करने का फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ही करती हैं। उनको इस बारे में अधिक कुछ नहीं कहना है।

बता दें कि राज्यसभा चुनाव के दौरान बहुजन समाज पार्टी के करीब आधा दर्जन विधायकों पर समाजवादी पार्टी से मिलने का आरोप लगा था। इसके चलते असलम राइनी, असलम चौधरी, मुजतबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद, हरगोविंद भार्गव, सुषमा पटेल व वंदना सिंह पर कार्रवाई की गई थी। इसके अलावा अनिल सिंह और रामवीर उपाध्याय को भी निलंबित किया जा चुका है।


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