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BSP मुखिया मायावती आज दिल्ली में करेंगी सपा के साथ गठबंधन के नफा-नुकसान की समीक्षा

समीक्षा बैठक मेें प्रदेश पदाधिकारियों कोआर्डिनेटर्स के अलावा जिला अध्यक्षों को भी बुलाया गया है। मायावती इस बैठक में सपा व रालोद के साथ गठबंधन की भी समीक्षा करेंगी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 03 Jun 2019 12:39 PM (IST)Updated: Tue, 04 Jun 2019 08:18 AM (IST)
BSP मुखिया मायावती आज दिल्ली में करेंगी सपा के साथ गठबंधन के नफा-नुकसान की समीक्षा
BSP मुखिया मायावती आज दिल्ली में करेंगी सपा के साथ गठबंधन के नफा-नुकसान की समीक्षा

लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 में समाजवादी पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन करने के बाद उत्तर प्रदेश में दस सीट जीतने वाली बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती इस प्रदर्शन से खुश नही हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा में जुटीं बसपा अध्यक्ष मायावती कल दिल्ली, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड समेत कई प्रदेशों के पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने के बाद आज उत्तर प्रदेश संगठन की समीक्षा करेंगी।

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नई दिल्ली में प्रस्तावित समीक्षा बैठक मेें प्रदेश पदाधिकारियों, कोआर्डिनेटर्स के अलावा जिला अध्यक्षों को भी बुलाया गया है। मायावती इस बैठक में सपा व रालोद के साथ गठबंधन की भी समीक्षा करेंगी। माना जा रहा है कि इस बैठक में कई बड़ों पर कार्रवाई भी संभव है। बसपा में इस बात को लेकर चिंता है कि गठबंधन से अपेक्षित लाभ नहीं मिल सका। सहयोगी दलों के वोट ट्रांसफर होने को लेकर भी चर्चा होगी। प्रदेश में 11 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव को लेकर भी अहम फैसला लिया जा सकता है। माना जा रहा है कि आम तौर से उप चुनाव से दूरी बनाए रखने वाली बसपा इस बार गठबंधन होने के कारण मैदान में उतरने का फैसला भी ले सकती है। जिन 11 सीटों पर उपचुनाव होगा, उनमें से पांच सपा व पांच बसपा के साथ एक सीट रालोद को भी दी जा सकती है। उपचुनाव में सीट बंटवारे का फार्मूला 2022 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर तय किया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन के बावजूद लोकसभा चुनाव में अपेक्षा अनुरूप सफलता न मिलने से बसपा मुखिया मायावती नाराज हैं। आज दिल्ली की बैठक में मायावती पार्टी के कुछ पदाधिकारियों पर एक्शन ले सकती हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के सभी जिलाध्यक्ष, जोन इंचार्ज, नवनिर्वाचित सांसदों के साथ लोकसभा प्रत्याशियों को बुलाया है। बसपा के यूपी अध्यक्ष आरएस कुशवाहा भी लोकसभा चुनाव नहीं जीत सके। वह सलेमपुर सीट से मैदान में थे। आज उनकी भूमिका की भी बैठक में समीक्षा होगी। सभी से फीड बैक लेने के बाद लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। सपा व रालोद के साथ गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ी बसपा को 38 में से सिर्फ दस सीट पर जीत मिली। 

बदल सकती है UP प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी

मायावती ने जिस तरह दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह को न केवल पद से हटाया वरन संगठन से बाहर का रास्ता दिखाया है और उत्तराखंड में प्रदेश प्रभारी आरएस कुशवाहा को हटाकर एमएल तोमर को नया प्रभारी बनाया है, उससे उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों की धड़कनें भी बढ़ी हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष समेत कई शीर्ष पदाधिकारियों की छुट्टी हो सकती है। बसपा मुखिया मायावती इस बात को लेकर नाराज है कि वोट ट्रांसफर ईमानदारी से नहीं हो सका जिससे उम्मीद के अनुरूप नतीजे नहीं मिल सके। 

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