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भाजपा के अहंकार से सीबीआइ और रिजर्व बैंक जैसी संस्थाएं संकट में : मायावती

भाजपा के गलत नजरिये और अहंकार से सीबीआइ, सीवीसी, ईडी के साथ भारतीय रिजर्व बैंक जैसी देश की महत्ववपूर्ण स्वायत्तशासी संस्थाओं क्राइसिस का दौर चल रहा है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 28 Oct 2018 03:41 PM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 11:30 PM (IST)
भाजपा के अहंकार से सीबीआइ और रिजर्व बैंक जैसी संस्थाएं संकट में : मायावती
भाजपा के अहंकार से सीबीआइ और रिजर्व बैंक जैसी संस्थाएं संकट में : मायावती

लखनऊ (जेएनएन)। केरल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बयान की निंदा करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने सीबीआइ व अन्य संस्थाओं में चल रहे संकट के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के अहंकार की वजह से ही आज सीबीआइ, सीवीसी, ईडी व भारतीय रिजर्व बैंक जैसी स्वायत्त शासी संस्थाएं संकट में हैं। मायावती सबरीमाला मंदिर को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बयान से भी काफी खफा हैं। मायावती ने कहा कि अमित शाह से सुप्रीम कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को उनके खिलाफ एक्शन लेना चाहिए।

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अमित शाह ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर बरसते हुए कहा कि वह सबरीमाला मुद्दे के साथ खिलवाड़ न करें। इसके साथ ही उन्हें चेताया कि अगर वह आस्था के मुद्दे को छेडऩे की कोशिश करेंगे तो फिर भाजपा केरल सरकार को उखाड़ फेंकने में संकोच नहीं करेगी। यहां पर सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत देने पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी आलोचना करते हुए कहा कि अदालत को ऐसे फैसले नहीं देने चाहिए जो लोगों की धार्मिक आस्था के खिलाफ हों और जिन्हें लागू न किया जा सके। साथ ही उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ऐसा आदेश नहीं दे सकता, जिसका पालन नहीं किया जा सके। 

मंदिरों पर भाजपा की भाषणबाजी काफी उत्तेजक

अमित शाह के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करने के मामले में बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष का सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करने का बयान बेहद निंदनीय है। मायावती ने हमला बोला और इस बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि उनके बयान पर सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि अमित शाह के इस बयान का सुप्रीम कोर्ट को संझान अवश्य ही लेना चाहिये। 

मायावती ने कहा कि देश में सुप्रीम कोर्ट व विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के साथ देश की 125 करोड़ जनता इस पवित्र सिद्धान्त पर एकमत है कि देश संविधान से चलता है और इसी आधार पर आगे भी चलता रहेगा। इसके इतर भाजपा का नेतृत्व मंदिरों के मामले में काफी उत्तेजक भाषणबाजी करके राजनीतिक रोटी सेंकने के प्रयास में है। जब इनको मौका मिलता है, यह लोग संवेदनशील मामले को और बढ़ाने के प्रयास में रहते हैं।

उचित समाधान खोजने की कोशिश हो

मायावती ने कहा अमित शाह वास्तव में साबरीमला मंदिर मामले को लेकर भड़काऊ, असंसदीय व असंवैधानिक भाषण देकर इसका राजनीतिक इस्तेमाल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान आदि राज्यों में हो रहे चुनावों में करना चाहते हैं, जो सर्वथा अनुचित है। वास्तव में साबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश करने को महिलाओं का मौलिक व संवैधानिक अधिकार घोषित करने सम्बंधी सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ के फैसले पर भाजपा को अगर आपत्ति है तो उसके लिये उन्हें सड़कों पर ताण्डव करने, हिंसा फैलाने तथा साथ ही केरल की निर्वाचित सरकार को बर्खास्त कर देने की धमकी आदि देने का गलत रवैये अपनाने के बजाय कानूनी तौर से इसका उचित समाधान ढूंढने का प्रयास करना चाहिये।

भाजपा करती चुनावी स्वार्थ में धर्म का इस्तेमाल 

मायावती ने भाजपा के लिए यह पहले मौका नहीं है। भाजपा तो संकीर्ण राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ के लिए धर्म का इस्तेमाल अक्सर ही करती रहती है। हर चुनाव के समय भाजपा का धर्म का अनुचित इस्तेमाल और भी ज्यादा तीव्र, उग्र व आक्रामक हो जाता है, परन्तु अब इस मामले में भी इनकी कलई जनता के सामने खुल गई है। पूरे देश के लोग देख रहे हैं कि धर्म व भगवा की आड़ में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व जनहित, जनकल्याण, देशहित व विकास सम्बन्धी अपनी तमाम कमियों, विफलताओं व गलत नीति व कार्यों को छिपाना चाहता है, जो कि अति-दुर्भाग्यपूर्ण है। 


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