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Kisan Andolan Violence: दिल्ली हिंसा पर मायावती ने कहा- दुर्भाग्यपूर्ण, अखिलेश बोले- भाजपा ही कसूरवार

Kisan Andolan Violence गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिसा पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। यूपी की दो प्रमुख विपक्षी दल बसपा और सपा ने हिंसक आंदोलन की निंदा करते हुए कृषि कानूनों को रद करने की मांग की है।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 10:55 AM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 01:27 PM (IST)
Kisan Andolan Violence: दिल्ली हिंसा पर मायावती ने कहा- दुर्भाग्यपूर्ण, अखिलेश बोले- भाजपा ही कसूरवार
बसपा और सपा ने हिंसक आंदोलन की निंदा करते हुए कृषि कानूनों को रद करने की मांग की है।

लखनऊ, जेएनएन। कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में हुई ट्रैक्टर परेड ने सबके भरोसे को रौंदते हुए पूरे देश को शर्मसार कर दिया। अब इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे नेता इस हिंसक रैली पर शर्मिंदगी जता रहे हैं तो वहीं विपक्षी दल भाजपा सरकार को कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। बुधवार को यूपी की दो प्रमुख विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने हिंसक आंदोलन की निंदा करते हुए कृषि कानूनों को रद करने की मांग की है।

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बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार सुबह दो ट्वीट किए। उन्होंने लिखा कि 'देश की राजधानी दिल्ली में कल गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की हुई ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह कतई भी नहीं होना चाहिए था। यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण तथा केंद्र की सरकार को भी इसे अति-गंभीरता से जरूर लेना चाहिए। साथ ही, बीएसपी की केंद्र सरकार से पुनः यह अपील है कि वह तीनों कृषि कानूनों को अविलंब वापस लेकर किसानों के लंबे अरसे से चल रहे आंदोलन को खत्म करे ताकि आगे फिर से ऐसी कोई अनहोनी घटना कहीं भी न हो सके।'

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती के ट्वीट के कुछ देर बाद ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी केंद्र सरकार को कोसा। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 'भाजपा सरकार ने जिस प्रकार किसानों को निरंतर उपेक्षित, अपमानित व आरोपित किया है, उसने किसानों के रोष को आक्रोश में बदलने में निर्णायक भूमिका निभायी है। अब जो हालात बने हैं, उनके लिए भाजपा ही कसूरवार है। भाजपा अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए कृषि-कानून तुरंत रद करे।'

बता दें कि तीनों कृषि कानूनों के विरोध दिल्ली में हुई किसानों ट्रैक्टर परेड में शामिल उपद्रवी तय रूट को छोड़ दिल्ली के मध्य तक घुस आए और जमकर तोडफ़ोड़ की। लाल किले पर धावा बोलकर उपद्रवियों ने वहां केसरिया झंडा लगा दिया। इस दौरान रोकने की कोशिश कर रहे पुलिसकर्मियों पर पथराव करने के साथ रॉड और तलवारों से हमला किया। अलग-अलग जगहों पर उपद्रव में 83 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इनमें 26 की हालत गंभीर है। पुलिस ने मामले में 12 एफआइआर दर्ज की है। उपद्रवियों की इस करतूत ने किसानों के नाम पर दो महीने से चल रहे आंदोलन और इसके पीछे की मंशा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।


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