Move to Jagran APP

कैराना और नूरपुर उपचुनाव भाजपा के लिए कड़ी चुनौती, नए सिरे से रणनीति बनेगी

गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव हारने के बाद कैराना और बिजनौर की नूरपुर विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव भाजपा के लिए कठिन चुनौती है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 27 Apr 2018 07:44 PM (IST)Updated: Sun, 29 Apr 2018 07:40 PM (IST)
कैराना और नूरपुर उपचुनाव भाजपा के लिए कड़ी चुनौती, नए सिरे से रणनीति बनेगी
कैराना और नूरपुर उपचुनाव भाजपा के लिए कड़ी चुनौती, नए सिरे से रणनीति बनेगी

लखनऊ (जेएनएन)। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव हारने के बाद कैराना लोकसभा और बिजनौर जिले की नूरपुर विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव भाजपा के लिए कठिन चुनौती है। चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बाद भाजपा यह दोनों सीट जीतने के लिए सोमवार को गाजियाबाद की बैठक में खास रणनीति बनाने जा रही है। चुनाव जीतने के लिए संगठन की जवाबदेही तय की जाएगी। भाजपा चुनाव को देखते सारे समीकरण दुरुस्त करने पर ध्यान दे रही है।

loksabha election banner

सहानुभूति लहर से उम्मीदें

गोरखपुर और फूलपुर की सीटें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे से रिक्त हुई थीं लेकिन, कैराना सांसद हुकुम सिंह और नूरपुर विधायक लोकेंद्र सिंह के निधन से रिक्त हुई। इसलिए दोनों ही क्षेत्रों में भाजपा सहानुभूति की लहर चला सकती है। ज्यादा संभावना है कि हुकुम सिंह की बेटी और लोकेंद्र सिंह की पत्नी को ही भाजपा उम्मीदवार बना दे। हालांकि पार्टी में दूसरे जिताऊ उम्मीदवारों को लेकर भी मंथन चल रहा है। भाजपा किसी भी हाल में यह दोनों सीटें जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। सपा-बसपा गठबंधन के चलते भाजपा इस चुनाव को चुनौती के रूप में ले रही है। 

बसपा सहयोगी भूमिका में होगी

बसपा ने तो पहले ही उपचुनाव में न उतरने का एलान कर दिया है लेकिन, सपा पूरी ताकत से इन दोनों सीटों को जीतने की कोशिश करेगी। इसमें बसपा उसके लिए सबसे सहयोगी भूमिका में होगी। अगर राष्ट्रीय लोकदल से समझौता हो गया तो फिर कैराना रालोद के कोटे में जा सकती है। भाजपा सोमवार को इन सभी बिंदुओं के दृष्टिगत अपने वरिष्ठ पदाधिकारियों से चर्चा करेगी। भाजपा के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक को पश्चिम क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया है जबकि वहां अश्विनी त्यागी को अभी हाल ही में क्षेत्रीय अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल तीस अप्रैल को गाजियाबाद में दोनों सीटों की संभावनाओं को लेकर पदाधिकारियों के साथ विमर्श करेंगे।

हर बूथ जीतने का बनेगा फार्मूला

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और संगठन महामंत्री सुनील बंसल का जोर हर बूथ जीतने पर है। फूलपुर और गोरखपुर में चुनाव से पहले प्रभारी बनाये गये थे लेकिन, बूथों तक कारगर पकड़ नहीं बन सकी। इस बार संगठन उन खामियों को दूर कर हर बूथ पर अपनी मजबूत संरचना करेगा। वोटर को मतदान स्थल तक पहुंचाने के लिए भी भाजपा टोलियों का गठन करेगी। गाजियाबाद की बैठक में उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लग जाएगी। भाजपा चुनाव के दृष्टिगत सामाजिक और भौगोलिक समीकरण दुरुस्त करेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.