यूपी में मिशन 2024 के लिए भाजपा ने बनाई रणनीति, विधायकों को 25-25 कमजोर बूथों का सौंपा जाएगा जिम्मा
यूपी में भाजपा ने मिशन-2024 के लिए बूथों को मजबूत करने की रणनीति भी तय कर ली है। हर विधायक को उनके क्षेत्र के सबसे कमजोर 25-25 बूथों की जिम्मेदारी अनिवार्य रूप से दी जाएगी। इसी तरह सांसदों को सौ-सौ कमजोर बूथ का जिम्मा सौंपा जाएगा।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। मोदी सरकार के आठ वर्ष तीस मई को पूरे हो रहे हैं। सरकार और भाजपा संगठन ने सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए तमाम कार्यक्रम तय किए हैं। इसके साथ ही 'मिशन-2024' के लिए बूथों को मजबूत करने की रणनीति भी तय कर ली गई है। भाजपा के सभी विधायकों को उनके क्षेत्र के 25-25 तो सांसदों को सौ-सौ कमजोर बूथों की जिम्मेदारी दी जाएगी। जून में रिपोर्ट तैयार कर जुलाई में संगठन बूथों की मजबूती के मिशन में जुट जाएगा।
विधानमंडल दल का सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। इससे पहले रविवार को लोकभवन में भाजपा और सहयोगी दलों के विधायकों की बैठक बुलाई गई। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना और पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के अलावा मंच पर मुख्य सचेतक रामनरेश अग्निहोत्री, सहयोगी दल निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा. संजय निषाद और अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल भी थे।
सूत्रों ने बताया कि औपचारिक परिचय के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने विधायकों से कहा कि सदन में समय से पहुंचें और अधिक से अधिक समय दें। अपनी बात प्रभावी ढंग से रखें, लेकिन वह सकारात्मक ही हो। स्वतंत्रदेव ने सरकार और संगठन से संबंधित विचार रखे। यह भी जानकारी दी कि तीन जून को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उपस्थित रहेंगे, जबकि छह जून को राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द आ रहे हैं। वह आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित किए जा रहे विशेष सत्र को संबोधित करेंगे। इसके बाद सुनील बंसल ने संगठन के आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा रखी।
उन्होंने बताया कि तीस मई को मोदी सरकार के आठ वर्ष पूरे हो रहे हैं। इतने वर्ष के कार्यकाल की सरकार की उपलब्धियों को जनता तक लेकर जाना है। लाभार्थियों से संपर्क करना है। संगठन तो इसमें जुटेगा ही, सांसद और विधायक भी दी गई जिम्मेदारी का कार्यकर्ता के भाव में निवर्हन करेंगे। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम जून में चलते रहेंगे। इसी दौरान विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के कमजोर बूथों की रिपोर्ट तैयार कर संगठन को सौंपेंगे। इसके बाद जुलाई से इन बूथों को मजबूत करने का मिशन शुरू होगा।
बंसल ने बैठक में बताया कि हर विधायक को उनके क्षेत्र के सबसे कमजोर 25-25 बूथों की जिम्मेदारी अनिवार्य रूप से दी जाएगी। जहां पार्टी के विधायक नहीं हैं, वहां इस भूमिका में विधान परिषद सदस्य रहेंगे। इसी तरह सांसदों को सौ-सौ कमजोर बूथ का जिम्मा सौंपा जाएगा। जहां सांसद नहीं हैं, वहां राज्यसभा सदस्य बूथ की रणनीति पर काम करेंगे।