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भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दलित वोटरों में मजबूत पकड़ बनाने की जिम्मेदारी नेताओं को सौंपी

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के दलित वोटरों में मजबूत पकड़ बनाने की जिम्मेदारी पार्टी के नेताओं को सौंपी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 10:36 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 08:38 AM (IST)
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दलित वोटरों में मजबूत पकड़ बनाने की जिम्मेदारी नेताओं को सौंपी
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दलित वोटरों में मजबूत पकड़ बनाने की जिम्मेदारी नेताओं को सौंपी

लखनऊ, जेएनएन। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के दलित वोटरों में मजबूत पकड़ बनाने की जिम्मेदारी पार्टी के नेताओं को सौंपी है। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को प्रचार में सक्रिय करने की अपेक्षा की है। एक सवाल पर अमित शाह ने दावा किया कि भाजपा उप्र में अपना पिछला रिकार्ड तोड़ेगी। भाजपा ने 2014 में सहयोगी दल समेत उप्र की 80 सीटों में 73 पर जीत हासिल की थी।

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भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सोमवार की रात 11 बजे लखनऊ आये और अवध क्षेत्र की 16 लोकसभा सीटों के चुनावी अभियान की समीक्षा की। रात करीब तीन बजे तक बैठक चली। शाह मंगलवार सुबह साढ़े नौ बजे तेलंगाना के लिए रवाना हो गए। इसके पहले उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल से लंबी चर्चा की। शाह ने पहले और दूसरे चरण में चल रहे चुनावों का फीडबैक लिया और निर्देश दिया कि मायावती पर पार्टी आक्रामक हो और उनकी दलित विरोधी गतिविधियां उजागर करे। भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष सुरेश तिवारी ने कहा कि दलित मतदाताओं से संपर्क के अलावा लाभार्थियों को भी सक्रिय करने की जिम्मेदारी मिली है।

राजभर पर संशय, निषाद को मिलेगा मौका

भाजपा ने अभी तक गोरखपुर, देवरिया, संतकबीरनगर, अंबेडकरनगर, प्रतापगढ़, जौनपुर, घोसी और भदोही में अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इन सभी सीटों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल से चर्चा की। संकेत मिले हैं कि सभी सीटों को लेकर सहमति बन गई है। गोरखपुर के उम्मीदवार चयन का दायित्व मुख्यमंत्री को दिया गया है।

सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर को सीट दिए जाने पर कोई फैसला नहीं हो सका। अभी तक संशय बरकरार है। संकेत यही है कि राजभर को उनके हाल पर छोड़ दिया जाए। जहां तक निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) का सवाल है, तो नेतृत्व का रुख नरम है। निषाद को एक सीट मिल सकती है। निषाद पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद के पुत्र और गोरखपुर के सपा सांसद प्रवीण निषाद अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं। प्रवीण को भी भाजपा मौका दे सकती है। संतकबीरनगर के सांसद शरद त्रिपाठी के प्रति भाजपा नेतृत्व की नाराजगी कम हो गई है। उनका भी समायोजन हो सकता है।

मूल्यांकन में देरी स्वाभाविक : महेंद्र नाथ पांडेय

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि टिकट बंटवारे में कहीं कोई विवाद नहीं है। भाजपा बड़ी पार्टी है और उसमें हर कोई अपनी जगह बनाना चाहता है। सबकी आकांक्षाएं हैं लेकिन मूल्यांकन और निर्णय में देरी स्वाभाविक है। मंगलवार की सुबह जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या गोरखपुर-देवरिया में टिकट को लेकर विवाद है तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने यह जवाब दिया। इसके पहले योगी से पत्रकारों ने गोरखपुर में उनके उत्तराधिकारी उम्मीदवार पर सवाल किया तो उन्होंने संगठन की ओर इशारा कर दिया। डॉ. महेंद्र नाथ ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह संगठन में भारी पकड़ रखते हैं और व्यस्तता के बावजूद उन्होंने सीटवार समीक्षा की। आवश्यक दिशा निर्देश दिए।


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