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UP Zila Panchayat Chunav 2021: भाजपा ने अनुभव को दी तरजीह, राजरानी को बनाया प्रत्याशी

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी की घोषणा होने के साथ ही कयासों पर विराम लग गया है। पार्टी से वरिष्ठ भाजपा नेता कपिलदेव कुशमेश की बहू नीतू सिंह के अलावा त्रिवेदीगंज से निर्दल सदस्य चुनीं गई नेहा सिंह आनंद की दावेदारी की चर्चा थी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 08:57 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 08:57 PM (IST)
UP Zila Panchayat Chunav 2021: भाजपा ने अनुभव को दी तरजीह, राजरानी को बनाया प्रत्याशी
BJP candidate Rajrani in Barabanki: करीब ढाई दशक से राजनीति में सक्रिय हैं राजरानी रावत

बाराबंकी, जागरण संवाददाता। भारतीय जनता पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। पार्टी ने अनुभव को तरजीह देते हुए ढाई दशक से राजनीति में सक्रिय पूर्व विधायक व निंदूरा चतुर्थ से जिला पंचायत सदस्य राजरानी रावत को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। इस आशय की जानकारी भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश श्रीवास्तव ने पत्र जारी करके दी है। इसमें उन्होंने प्रदेश नेतृव के निर्देश पर सर्वसम्मति से प्रत्याशी बनाए जाने की बात कही है।

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कयासों पर लगा विराम : जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी की घोषणा होने के साथ ही कयासों पर विराम लग गया है। पार्टी से वरिष्ठ भाजपा नेता कपिलदेव कुशमेश की बहू नीतू सिंह के अलावा त्रिवेदीगंज से निर्दल सदस्य चुनीं गई नेहा सिंह आनंद की दावेदारी की चर्चा थी। नेहा के बीते दिनों शामिल होने के बाद राजरानी और नीतू सिंह की ही दावेदारी रह गई थी। हालांकि, बीते दिनों संगठन की ओर से राजरानी के नाम पर सहमति बनने के संकेत दिए गए थे। 53 वर्षीय राजरानी रावत निंदूरा ब्लाक के सैंदर की मूल निवासी है और इंटरमीडिएट तक पढ़ी हैं।

सच साबित हुई जागरण की खबर : भाजपा से राजरानी रावत को प्रत्याशी बनाए जाने से जागरण में एक जून के अंक में ‘अनुभव’ पर भाजपा और ‘युवा’ पर सपा लगा सकती है दांव शीर्षक से प्रकाशित खबर सच साबित हो गई है। भाजपा से दावेदारी करने वालों में पूर्व विधायक राजरानी रावत और नीतू सिंह का नाम प्रमुख था। राजरानी जहां करीब ढाई दशक से राजनीति में सक्रिय हैं वहीं नीतू सिंह पहली बार जिला पंचायत सदस्य चुनी गई हैं। हालांकि, नीतू सिंह राजनीतिक घराने से हैं। उनके पति शशांक और ससुर कपिलदेव कुशमेश लंबे अर्से से राजनीति में सक्रिय हैं।

जिला पंचायत के चुनाव में हमेशा मिली जीत : राजरानी रावत अब तक जिला पंचायत सदस्य का चुनाव वर्ष 1995, 2000 और 2021 में तीन बार लड़ चुकी हैं। यह संयोग ही कहा जाएगा कि तीनों बार उन्हें जीत मिली है

डीडीसी से ही की थी राजनीतिक करियर की शुरुआत

  • 1995 में निंदूरा प्रथम से जिला पंचायत सदस्य(डीडीसी) चुनी गईं।
  • 1996 में फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। सपा के हरदेव रावत से मात्र 509 वोट से शिकस्त मिली
  • 2000 में निंदूरा तृतीय से दोबारा जिला पंचायत सदस्य चुनीं गईं।
  • 2002 में फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल कर विधायक बनीं
  • 2007 में फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ी। बसपा की मीता गौतम से पराजय का सामना करना पड़ा।
  • 2012 में सपा में शामिल हो गईं और 2014 में सपा प्रत्याशी के रूप लोकसभा चुनाव लड़ीं। भाजपा की प्रियंका सिंह रावत से शिकस्त मिली
  • अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के भाजपा में घर वापसी की।
  • 2021 में निंदूरा चतुर्थ से डीडीसी सदस्य चुनी गईं।

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