UP By Election Result 2020: जीत से भाजपा का बढ़ा हौसला, मिशन-2022 के लिए और मजबूत हुई नींव
UP By Election Result 2020 उत्तर प्रदेश में सात सीटों पर उपचुनाव के नतीजे भाजपा को सुकून देने वाले रहे। विपक्ष के चौतरफा हमले और कोरोना महामारी जैसे विकट हालात के बावजूद पार्टी अपनी छह सीटें बरकरार रखने के अलावा आम कार्यकर्ता का भरोसा जीतने में कामयाब रही।
लखनऊ [अवनीश त्यागी]। उत्तर प्रदेश में सात सीटों पर उपचुनाव के नतीजे भाजपा को सुकून देने वाले रहे। विपक्ष के चौतरफा हमले और कोरोना महामारी जैसे विकट हालात के बावजूद पार्टी अपनी छह सीटें बरकरार रखने के अलावा आम कार्यकर्ता का भरोसा जीतने में कामयाब रही। सरकार की नीति और कामकाज पर जनता की मुहर लगने के साथ संगठनात्मक मजबूती सिद्ध होने को मिशन-2022 के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है।
खासकर मुस्लिम बाहुल्य बुलंदशहर और नौगावां सादात क्षेत्रों में बढ़त कायम रहना हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने की रणनीति को पुख्ता करेगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की दोनों महत्वपूर्ण सीटों पर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन भी कोई करिश्मा नहीं दिखा सका। रालोद-सपा के संयुक्त उम्मीदवार को कांग्रेस और भीम आर्मी की राजनीतिक विंग आजाद समाज पार्टी से भी कम वोट मिलना गठबंधन के लिए खतरे की घंटी है। मल्हनी सीट भले ही भाजपा के हाथ से फिर फिसल गई परंतु गत चुनाव में मिले चौथे स्थान से बढ़कर तीसरे पायदान तक पहुंचने में सफलता मिली।
काम आया कार्यकर्ताओं को तरजीह देना : उपचुनाव के नतीजों से सरकार पर खतरा न होने के कारण भाजपा ने टिकट वितरण में आम कार्यकर्ताओं पर दांव लगाया। देवरिया, टूंडला व घाटमपुर में परिजनों की दावेदारी को ठुकराकर सामान्य कार्यकर्ता को मौका दिया। देवरिया में पूर्व विधायक स्व. जन्मेजय सिंह के पुत्र की बगावत भी जीत में बाधक नहीं बनी। बांगरमऊ में दागी पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर के परिवार को दूर रखते हुए और स्थानीय सांसद के विरोध की परवाह किए बगैर श्रीकांत कटियार को विधायक बनने का मौका दिया।
बेहतर टीम वर्क व रणनीति काम आई : चुनाव प्रचार के दौरान सरकार व संगठन का बेहतर टीम वर्क दिखा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने संयुक्त जनसभाओं के अलावा हर क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से वर्चुअल संवाद भी बनाए रखा। संगठन महामंत्री सुनील बंसल का बूथ प्रबंधन कोरोना संक्रमण के दौरान भी वोटरों को मतदान केंद्रों तक पहुंचाने में प्रभावी दिखा। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डा. दिनेश शर्मा के साथ मंत्रीमंडल सदस्यों ने पार्टी पदाधिकारियों से तालमेल बनाकर विपक्ष के दुष्प्रचार को कारगर नहीं होने दिया।