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भाजपा का चुनावी समागम 12 नवंबर को पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में होगा, जुटेंगे प्रदेश भर के पदाधिकारी

गृह मंत्री अमित शाह ने निचले स्तर तक कार्यक्रम करने पर जोर दिया। साथ ही तय किया गया है कि अगला बड़ा कार्यक्रम 12 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में होगा। इसमें प्रदेश भर के पदाधिकारी बुलाए जाएंगे।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 30 Oct 2021 12:34 AM (IST)Updated: Sat, 30 Oct 2021 12:34 AM (IST)
भाजपा का चुनावी समागम 12 नवंबर को पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में होगा, जुटेंगे प्रदेश भर के पदाधिकारी
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पदाधिकारियों के साथ बैठक करते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में तीन सौ से अधिक सीटें जीतने का संकल्प कार्यकर्ताओं को दिलाकर गृह मंत्री अमित शाह ने उसके लिए रणनीति पर काम भी शुरू कर दिया है। निचले स्तर तक कार्यक्रम करने पर जोर देते हुए उन्होंने वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक में निचले स्तर संगठन की अधिक से अधिक सक्रियता को जीत का मंत्र बताया। साथ ही तय किया गया है कि अगला बड़ा कार्यक्रम 12 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में होगा। इसमें प्रदेश भर के पदाधिकारी बुलाए जाएंगे।

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अमित शाह इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के कार्यक्रम के बाद शाम को पार्टी मुख्यालय पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डा. दिनेश शर्मा सहित अलग-अलग छह क्षेत्रों की जिम्मेदारी संभाल रहे सह प्रभारियों के साथ बैठक की। इसमें क्षेत्रीय अध्यक्ष भी बुलाए गए थे। शाह ने पहले सभी क्षेत्रीय अध्यक्षों से फीडबैक लिया। उनसे वर्तमान विधायक के प्रति जनता के रुख, संगठन और सरकार की स्थिति आदि की जानकारी ली। क्षेत्रों का दौरा कर रहे सह-प्रभारियों से रिपोर्ट ली।

संगठन के अन्य पदाधिकारियों ने भी अपनी बात रखी। इस पर शाह ने कहा कि संगठन को निचले स्तर पर सक्रिय रखना बहुत जरूरी है। मंडल, शक्ति केंद्र और बूथ स्तर पर भी कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाएं। उनमें वरिष्ठ पदधिकारी पहुंचें। कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएं, जनता से संवाद करें। बैठक में बताया गया कि 12 नवंबर को वाराणसी में चुनावी समागम होगा। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में होने जा रहे इस प्रदेशव्यापी कार्यक्रम में जिलों के पदाधिकारी भी बुलाए जाएंगे। इसकी तैयारियों का निर्देश गृह मंत्री ने दिया।

आज गोरखपुर और ब्रज में सम्मेलन : जिस तरह अमित शाह ने अवध क्षेत्र के शक्ति केंद्र प्रभारी और संयोजकों के सम्मेलन को संबोधित किया, वैसे ही सम्मेलन बाकी पांच क्षेत्र काशी, पश्चिम, ब्रज, गोरखपुर और कानपुर क्षेत्र में होने हैं। शनिवार को गोरखपुर के सम्मेलन में मुख्यमंत्री, प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष, जबकि कानपुर में प्रदेश चुनाव प्रभारी और प्रदेश महामंत्री संगठन सम्मेलन को संबोधित करेंगे। वहीं, शाह सुबह करीब 9.30 बजे देहरादून के लिए रवाना हो जाएंगे।

संजय निषाद ने दिया निषाद महारैली का न्योता : हाल ही में विधान परिषद सदस्य बनाए गए सहयोगी दल निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने अपने पुत्र सांसद प्रवीण निषाद संग पार्टी मुख्यालय पहुंचकर गृह मंत्री से मुलाकात की। निषाद आरक्षण पर चर्चा के साथ ही विश्व मछुआ दिवस पर 21 नवंबर को लखनऊ के रमाबाई आंबेडकर मैदान में आयोजित निषाद महारैली का न्योता दिया। शाह ने कार्यक्रम में आने का आश्वासन दिया। गृह मंत्री ने पार्टी मुख्यालय में रात्रि प्रवास किया। भोजन के बाद सभी पदाधिकारी रवाना हो गए, जबकि शाह देर रात तक उन मंत्रियों, पदाधिकारियों आदि से अलग-अलग मुलाकात करते रहे, जिन्हें उन्होंने खुद बुलाया था या मिलने का समय दिया।

शाह ने छुए भुलई भाई के पैर : इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में पूर्व सांसद और पूर्व विधायक बुलाए गए थे। इनमें लगभग 107 वर्ष के भुलई भाई भी थे, जिन्हें देखकर अमित शाह मंच से उतरे और पैर छूकर आशीर्वाद लिया। कुशीनगर के कप्तानगंज तहसील के पगार छपरा गांव निवासी नारायण उर्फ भुलई भाई जनसंघ के जमाने से पार्टी से जुड़े हैं और दो बार विधायक रह चुके हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने फोन कर खुद उनका हालचाल लिया था। इसके अलावा शाह ने अन्य वरिष्ठ पूर्व जनप्रतिनिधियों को भगवा पटका पहनाकर सम्मानित किया।

गृह मंत्री के साथ मंच पर थे टेनी : लखीमपुर खीरी कांड के बाद से चर्चा में बने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी डिफेंस एक्सपो मैदान में गृह मंत्री के साथ मंच पर नजर आए। शाह के आने से पहले तक वह प्रदेश के अन्य नेताओं से काफी देर तक बातचीत करते रहे। उनके अलावा केंद्रीय मंत्री डा. महेंद्रनाथ पांडेय, संजीव बालियान, एसपी सिंह बघेल, बीएल वर्मा, भानु प्रताप वर्मा, पंकज चौधरी और कौशल किशोर भी थे।


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