धर्मपाल, अर्चना और अनुपमा से नाराज था भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व, राज्यपाल ने मंजूर किया इस्तीफा
राज्यपाल ने सीएम की मंत्रणा के बाद पांच मंत्रियों के इस्तीफे किये मंजूर। अध्यक्ष बनने से स्वतंत्रदेव और अधिक उम्र के चलते राजेश अग्रवाल सरकार से हुए अलग।
लखनऊ, जेएनएन। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंत्रणा से वित्त मंत्री रहे राजेश अग्रवाल, सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अनुपमा जायसवाल, परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वतंत्रदेव और भूतत्व एवं खनिकर्म राज्यमंत्री अर्चना पांडेय का त्याग पत्र मंजूर कर लिया। शिकायतों के चलते धर्मपाल, अनुपमा और अर्चना से भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी नाराज था और हरी झंडी मिलने के बाद ही इनके इस्तीफे की पृष्ठभूमि तैयार हुई।
राजेश अग्रवाल ने 75 वर्ष से अधिक उम्र होने की वजह से इस्तीफा दिया जबकि स्वतंत्रदेव सिंह ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद एक व्यक्ति-एक पद के सिद्धांत के चलते इस्तीफा दिया है। बाकी मंत्रियों के खिलाफ शिकायतों का अंबार लगा था और इनकी शिकायतें दिल्ली तक पहुंच गयी थीं। सिंचाई विभाग में धर्मपाल सिंह और बेसिक शिक्षा विभाग में अनुपमा जायसवाल के तबादलों को लेकर सवाल उठ रहे थे। इनके परिवारीजन भी कामकाज में हस्तक्षेप करते और विधायकों और कार्यकर्ताओं से लेकर अधिकारी भी इनकी शिकायत करते रहे। अर्चना पांडेय का तो स्टिंग आपरेशन भी हुआ था।
खनन में भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के तबादलों को तो निरस्त कर दिया। बीते दिनों योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह जब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने दिल्ली गये थे तो उन्हें जानकारी दी थी। वहीं इनसे इस्तीफा लेने की सहमति बन गयी थी।
भाजपा प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने मंगलवार को भाजपा मुख्यालय में धर्मपाल सिंह, अनुपमा जायसवाल और अर्चना पांडेय को तलब किया और उन्होंने दो टूक कहा कि आप लोगों को इस्तीफा देना है। बंसल ने इन मंत्रियों से नाराजगी भी जतायी। दोपहर बाद इनके इस्तीफे हो गये। शाम को देवा रोड स्थित एक होटल में सरकार, भाजपा और आरएसएस की समन्वय बैठक में इनकी छुट्टी तय कर दी गयी। रात तक राज्यपाल के यहां औपचारिकता पूरी कर ली गयी।