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UP Assembly Election 2022: भाजपा-निषाद पार्टी रहेंगी साथ, दस से अधिक मिल सकती सीटें; आज होगी घोषणा

UP Assembly Election 2022 भाजपा और निषाद पार्टी के बीच गठबंधन की नैया आखिरकार किनारे पर आ ही गई। सीटों के बंटवारे पर बात बन गई है जिसकी घोषणा भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद साझा मंच से करेंगे।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 06:30 AM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 06:30 AM (IST)
UP Assembly Election 2022: भाजपा-निषाद पार्टी रहेंगी साथ, दस से अधिक मिल सकती सीटें; आज होगी घोषणा
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। तमाम अटकलों और बयानों से कभी-कभार मझधार में नजर आती रही भारतीय जनता पार्टी और निषाद पार्टी के बीच गठबंधन की नैया आखिरकार किनारे पर आ ही गई। 14 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण सहित अन्य मांगों पर केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर सहमति बन चुकी है। सीटों के बंटवारे पर भी बात बन गई है, जिसकी घोषणा शुक्रवार को भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद साझा मंच से करेंगे।

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पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन करने वाली निषाद पार्टी के बीच 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले शर्तों की एक खाई तैयार हो गई। संजय निषाद 14 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण देने, मछुआरों को नदी-तालाब के पट्टे सहित तमाम मांगों को लेकर मुखर थे। वह स्पष्ट कह चुके थे कि उनकी मांगें नहीं मांगी गईं तो भाजपा का साथ छोड़ सकते हैं। इधर, प्रदेश में निषाद समाज के वोट का असर समझ रही भाजपा इस सियासी रिश्ते को कैसे भी संभाले रखने के लिए प्रयासरत रही।

समझौते की मेज पर पहले तो संजय निषाद ने अपने पुत्र सांसद प्रवीण निषाद को केंद्र में मंत्री बनवाने के प्रयास किए। वहां सफलता न मिलने पर उनके सुर कुछ बागी हुए, लेकिन भाजपा के रणनीतिकारों ने संवाद नहीं छोड़ा। प्रदेश के नेता ही नहीं, खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने कई दौर की बैठकें निषाद पार्टी अध्यक्ष के साथ कीं। हालांकि, पिछले दिनों एक चैनल द्वारा किए गए स्टिंग आपरेशन में निषाद तमाम विवादित बोल के साथ यह कहते भी सुने गए कि भाजपा से बात न बनी तो वह सपा के साथ भी जा सकते हैं।

खैर, भाजपा के रणनीतिकारों ने अपना संतुलन बनाए रखा और समझौते की यह नाव आखिरकार किनारे पर ले ही आए। भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान अभी तीन दिवसीय प्रवास पर लखनऊ आए हुए हैं। शुक्रवार को वह और संजय निषाद साझा मंच से समझौते की घोषणा करेंगे। इसमें सीटों के बंटवारे की घोषणा भी प्रस्तावित है।

संजय निषाद का कहना है कि सीटों की संख्या उनके लिए खास मुद्दा नहीं है। वह सम्मानजनक सीटें चाहते हैं। उन्होंने बताया कि 14 अतिपिछड़ी जातियों को आरक्षण सहित अन्य मांगों पर केंद्र और राज्य स्तर पर आश्वासन मिला है। माना जा रहा है कि भाजपा इस समझौते में निषाद पार्टी को दस से अधिक सीटें दे सकती है।

कोर कमेटी की बैठक में भी मंथन : गुरुवार देर शाम मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर भाजपा कोर कमेटी की बैठक हुई। इसमें योगी के साथ ही प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डा. दिनेश शर्मा और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार आगामी अभियान और कार्यक्रमों के अलावा निषाद पार्टी के संबंध में भी इस बैठक में विचार-विमर्श किया गया।


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