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यूपी में पैक्स से जुड़े एक करोड़ से अधिक किसानों को बड़ी राहत, सभी 7479 सहकारी समितियों में लगेंगे माइक्रो एटीएम

उत्तर प्रदेश के सहकारी क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए 7479 प्रारंभिक कृषि सहकारी ऋण समिति (पैक्स) के ढांचे में व्यापक बदलाव करने की तैयारी है। सभी सहकारी समितियों को डिजिटल करके हर पैक्स में माइक्रो एटीएम लगाए जाएंगे।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 08:42 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 08:43 PM (IST)
यूपी में पैक्स से जुड़े एक करोड़ से अधिक किसानों को बड़ी राहत, सभी 7479 सहकारी समितियों में लगेंगे माइक्रो एटीएम
सहकारी समितियों को डिजिटल करके हर पैक्स में माइक्रो एटीएम लगाए जाएंगे।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के सहकारी क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए 7479 प्रारंभिक कृषि सहकारी ऋण समिति (पैक्स) के ढांचे में व्यापक बदलाव करने की तैयारी है। सभी सहकारी समितियों को डिजिटल करके हर पैक्स में माइक्रो एटीएम लगाए जाएंगे। केंद्र सरकार व नाबार्ड से मिलने वाली आर्थिक मदद से कायाकल्प होगा। इससे पैक्स से जुड़े एक करोड़ से अधिक किसानों को लाभ होगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। किसानों को पैक्स के जरिए खाद, बीज व फसली ऋण भी आसानी से मिल सकेगा।

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केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने सहकारी समितियों के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण के लिए नई केंद्रीय योजना तैयार की है। प्रदेश की 7479 पैक्स भी ग्रामीणों को ऋण मुहैया कराने व कृषि उपज को खरीदने का कार्य करती हैं। कई पैक्स कृषि उपज को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज व फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के साथ ही गैस एजेंसी व ट्रांसपोर्ट का कार्य भी कर रही हैं।

उत्तर प्रदेश में निष्क्रिय समितियां भी हैं, जिससे समितियों को बैंकों से न लोन मिल पा रहा है और न वहां कामकाज हो रहा। सरकार की समितियों का कंप्यूटरीकरण करने के साथ गांव स्तर पर पैक्स का गठन करने की योजना है। ज्ञात हो कि अभी सूबे में न्याय पंचायत के स्तर पर पैक्स का गठन किया जाता है। सभी 7479 पैक्स का कंप्यूटरीकरण किए जाने पर करीब 210 करोड़ रुपए का खर्च होगा। एक पैक्स का कंप्यूटरीकरण करने में करीब तीन लाख रुपये खर्च होंगे, जबकि एक माइक्रो पैक्स की स्थापना पर करीब 25 हजार रुपये खर्च होंगे।

प्रमुख सचिव सहकारिता बीएल मीणा ने बताया कि पैक्स का कंप्यूटरीकरण होने से हर गांव के सभी किसानों का डाटा पैक्स के पास होगा। पैक्स के कंप्यूटर में किसान की भूमि और बैंक अकाउंट का विवरण का ब्यौरा होगा जो जिला सहकारी बैंक से लिंक रहेगा। गांव के किसानों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा उनके जमीन का नक्शा भी डिजिटलाइज्ड किया जाएगा। पैक्स के जरिए किसानों के कल्याण की योजनाओं को लिंक करने के साथ उनको समय-समय पर एडवाइजरी भी उपलब्ध कराएगा और किसानों की ओर से तैयार किये जा रहे उत्पादों के लिए उचित विपणन की भी व्यवस्था होगी।


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